आगमन का तीसरा सप्ताह - मंगलवार

पहला पाठ

नबी सफन्या का ग्रन्थ : 3:1-2,9-13

"मसीह दरिद्रों का उद्धार करेंगे।"

उस विद्रोही, दूषित और कठोर हृदय नगर को धिक्कार ! उसने न तो कभी प्रभु की वाणी पर ध्यान दिया और न कभी उसकी चेतावनी ही स्वीकारी। उसने कभी प्रभु पर भरोसा नहीं रखा। वह कभी उसकी शरण में नहीं गया। मैं लोगों के होंठ फिर शुद्ध करूँगा, जिससे वे सब के सब प्रभु का नाम लें और एक हृदय हो कर उसकी सेवा करें। एथोपिया की नदियों के उस पार से मेरे बिखरे हुए उपासक चढ़ावा लिये मेरे पास आयेंगे। उस दिन तुम्हें लज्जित नहीं होना पड़ेगा - तुम्हारे बीच मेरे विरुद्ध कोई पाप नहीं किया जायेगा, क्योंकि मैं तुम लोगों में से डींग हाँकने वाले अहंकारियों को दूर करूँगा। उसके बाद मेरे पवित्र पर्वत पर कोई भी घमंड नहीं करेगा। मैं तुम लोगों के देश में एक विनम्र एवं दीन प्रजा को छोड़ दूँगा। जो इस्राएल में रह जायेंगे, वे प्रभु के नाम की शरण लेंगे। वे अधर्म नहीं करेंगे, झूठ नहीं बोलेंगे और छल-कपट की बातें नहीं करेंगे। वे खायेंगे- पियेंगे और विश्राम करेंगे और कोई भी उन्हें भयभीत नहीं करेगा।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 33:2-3,6-7,17-19,23

अनुवाक्य : दीन-हीन ने प्रभु की दुहाई दी। प्रभु ने उसकी सुनी और उसे बचा लिया।

1. मैं सदा ही प्रभु को धन्य कहूँगा, मेरा कण्ठ निरन्तर उसकी स्तुति करता रहेगा। मेरी आत्मा प्रभु पर गौरव करेगी। विनम्र सुन कर आनन्दित हो उठेंगे।

2. जो प्रभु की ओर दृष्टि लगाता है, वह आनन्दित होगा उसे कभी लज्जित नहीं होना पड़ेगा। दीन-हीन ने प्रभु की दुहाई दी। प्रभु ने उसकी सुनी और उसे हर प्रकार की विपत्ति से बचा लिया।

3. प्रभु कुकर्मियों से मुँह फेर लेता और पृथ्वी पर से उनकी स्मृति मिटा देता है। धर्मी प्रभु को दुहाई देते हैं। वह उनकी सुनता। और हर प्रकार की विपत्ति में उनकी रक्षा करता है।

4. प्रभु दु:खियों से दूर नहीं है। जिनका मन टूट गया, वह उन्हें सँभालता है। प्रभु अपने सेवकों की आत्मा को छुड़ाता है I जो प्रभु की शरण में जाता है, वह कभी नष्ट नहीं होगा।

जयघोष

अल्लेलूया ! हे प्रभु! आने में देर न कर अपनी प्रजा के पाप क्षमा कर। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 21, 28-32

"योहन आया और पापियों ने उस पर विश्वास किया।"

येसु ने महायाजकों और जनता के नेताओं से कहा, "तुम लोगों का क्या विचार है? किसी मनुष्य के दो पुत्र थे। उसने पहले के पास जा कर कहा, बेटा! जाओ, आज दाखबारी में काम करो। ' उसने उत्तर दिया, 'जी हाँ, पिताजी!' किन्तु वह गया नहीं। पिता ने दूसरे पुत्र के पास जा कर यही कहा। उसने उत्तर दिया, 'मैं नहीं जाऊँगा', किन्तु बाद में उसे पश्चात्ताप हुआ और वह गया। दोनों में से किसने अपने पिता की इच्छा पूरी की?" उन्होंने येसु को उत्तर दिया, "दूसरे ने। " इस पर येसु ने उन से कहा, "मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ- नाकेदार और वेश्याएँ तुम लोगों से पहले ईश्वर के राज्य में प्रवेश करेंगे। योहन तुम्हें धार्मिकता का मार्ग दिखाने आया और तुम लोगों ने उसपर विश्वास नहीं किया, परन्तु नाकेदारों और वेश्याओं ने उस पर विश्वास किया। यह देख कर तुम्हें बाद में भी पश्चात्ताप नहीं हुआ और तुम लोगों ने उस पर विश्वास नहीं किया।

प्रभु का सुसमाचार।