बिलआम ने अपनी आँखें ऊपर उठायीं और इस्राएलियों को देखा, जो अपने-अपने वंश के अनुसार शिविर डाल चुके थे। ईश्वर का आत्मा उस पर उतरा और वह अपना यह काव्य सुनाने लगा : "यह बओर के पुत्र बिलआम की भविष्यवाणी है। यह उस मनुष्य की भविष्यवाणी है, जो रहस्य देखता है; यह उसकी भविष्यवाणी है, जो ईश्वर के वचन सुनता और आत्मा से आविष्ट हो कर सर्वशक्तिमान् के दर्शन करता है। हे याकूब ! तुम्हारे तम्बू कितने सुन्दर हैं ! हे इस्राएल ! तुम्हारे निवास कितने रमणीय हैं ! वे घाटियों की तरह फैले हुए हैं, नदी के किनारे उद्यानों की तरह, ईश्वर द्वारा लगाये अगरु वृक्षों की तरह, जलस्रोत के निकट के देवदारों की तरह। इस्राएलियों के पात्र जल से भरे रहेंगे, उनके बोये हुए खेतों की भरपूर सिंचाई होंगी। उनका राजा अगाग से भी महान् होगा और उसका राजाधिकार बढ़ाया जायेगा।" इसके बाद बिलआम ने फिर कहा, "यह बओर के पुत्र बिलआम की भविष्यवाणी है। वह उस मनुष्य की भविष्यवाणी है, जो रहस्य देखता है; यह उसकी भविष्यवाणी है, जो ईश्वर के वचन सुनता और आत्मा से आविष्ट हो कर सर्वशक्तिमान् के दर्शन करता है। मैं उसे देखता हूँ - किन्तु वर्त्तमान में नहीं, मैं उसके दर्शन करता हूँ किन्तु निकट से नहीं। याकूब के वंश में एक तारे का उदय होगा, इस्राएल के वंश में एक राजा उत्पन्न होगा। वह मोआब की कनपटियों को और सेत के पुत्रों का कपाल चूर-चूर कर देगा। "
प्रभु की वाणी।
1. हे प्रभु! तू मुझे अपने मार्ग सिखा, तू मुझे अपने पथ बता। मुझे अपनी सच्चाई के मार्ग पर ले चल और मुझे शिक्षा देने की कृपा कर, क्योंकि तू ही मेरा ईश्वर और मुक्तिदाता है।
2. हे प्रभु ! अपनी करुणा और दयालुता याद कर, जो अनन्तकाल से बनी हुई हैं। हे प्रभु! अपनी दयालुता और भलाई के अनुसार तू मेरी सुध लेने की कृपा कर।
3. प्रभु भला और न्यायी है, वह पापियों को मार्ग पर लाता है। वह दीनों को सन्मार्ग पर ले चलता और पद्दलितों को अपना मार्ग बताता है।
अल्लेलूया ! हे प्रभु! हम पर दया प्रदर्शित कर और हमें मुक्ति प्रदान कर। अल्लेलूया !
जब येसु मंदिर में पहुँच गये थे और शिक्षा दे रहे थे, तो महायाजक और जनता के नेता उनके पास आ कर पूछने लगे, "आप किस अधिकार से यह सब कर रहे हैं? किसने आप को यह अधिकार दिया है?" येसु ने उन्हें उत्तर दिया, "मैं भी आप लोगों से एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ। यदि आप मुझे इसका उत्तर देंगे, तो मैं भी आप को बता दूँगा कि मैं किस अधिकार से यह सब कर रहा हूँ। योहन का बपतिस्मा कहाँ का था? स्वर्ग का अथवा मनुष्यों का?" वे यह कह कर आपस में परामर्श करने लगे- "यदि हम कहें: 'स्वर्ग का, तो वह हम से कहेंगे, 'तब आप लोगों ने उस पर विश्वास क्यों नहीं किया?' यदि हम कहें : 'मनुष्यों का' तो जनता से डर है; क्योंकि सब योहन को नबी मानते हैं।" इसलिए उन्होंने येसु को उत्तर दिया, "हम नहीं जानते "। इस पर येसु ने उन से कहा, "तब मैं भी आप लोगों को नहीं बताऊँगा कि मैं किस अधिकार से यह सब कर रहा हूँ"।
प्रभु का सुसमाचार।