आगमन का तीसरा इतवार - वर्ष B

पहला पाठ

नबी इसायस यहाँ बताते हैं कि ईश्वर ने उन्हें क्या-क्या करने भेजा है। येसु ने नाजरेथ के लोगों को यह अंश पढ़ कर सुनाया और कहा कि यह भविष्यवाणी उनके द्वारा पूरी हो गयी है। वह सबों को पाप से मुक्ति दिलाने आये हैं।

नबी इसायस का ग्रंथ 61:1-2,10-11

"मैं प्रभु में प्रफुल्लित हो उठूँगा।"

प्रभु का आत्मा मुझ पर छाया रहता है, क्योंकि उसने मेरा अभिषेक किया है। उसने मुझे भेजा है कि मैं दरिद्रों को सुसमाचार सुनाऊँ, दु:खियों को ढारस बँधाऊँ, बंदियों को छुटकारे का और कैदियों को मुक्ति का संदेश सुनाऊँ; प्रभु के अनुग्रह का वर्ष और ईश्वर के प्रतिशोध का दिन घोषित करूँ। मैं प्रभु में प्रफुल्लित हो उठता हूँ, मेरा मन अपने ईश्वर में आनन्द मनाता है। जिस तरह वर पगड़ी बाँध कर और वधू गहने पहन कर सुशोभित होते हैं। उसी तरह प्रभु ने मुझे मुक्ति के वस्त्र पहनाये और मुझ पर धार्मिकता की चादर डाल दी है। जिस तरह पृथ्वी अपनी उपज उगाती है और बाग बीजों को अंकुरित करता है, उसी तरह प्रभु - ईश्वर सभी राष्ट्रों में धार्मिकता तथा भक्ति उत्पन्न करता है।

प्रभु की वाणी।

भजन - लूकस 1:46-50,53-54

अनुवाक्य : मेरा मन अपने ईश्वर में आनन्द मनाता है। (इसायस 61:10)

1. मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है, मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है, क्योंकि उसने अपनी दासी की दीनता पर दयादृष्टि की है। अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी।

2. क्योंकि सर्वशक्तिमान ने मेरे लिए महान कार्य किये हैं। पवित्र है उसका नाम ! उसकी कृपा अपने श्रद्धालु भक्तों पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।

3. उसने दरिद्रों को सम्पन्न किया और धनियों को खाली हाथ लौटाया है। उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार, अपने दास इस्राएल की सुध ली है।

दूसरा पाठ

हमारा विश्वास हमें यह भरोसा देता है कि हम ईश्वर की कृपा की सहायता से येसु के आगमन की तैयारी में अपने को पाप की गुलामी से बचा सकते हैं।

थेसलनीकियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र 5:16-24

"आप लोगों का मन, आत्मा तथा शरीर हमारे प्रभु येसु मसीह के आगमन के दिन निर्दोष पाया जाये।"

आप लोग हर समय प्रसन्न रहें, निरन्तर प्रार्थना करते रहें, सब बातों के लिए ईश्वर को धन्यवाद दें, क्योंकि येसु मसीह के अनुसार आप लोगों के विषय में ईश्वर की इच्छा यही है। आत्मा की प्रेरणा का दमन नहीं करें और भविष्यवाणी के वरदान की उपेक्षा नहीं करें, किन्तु सब कुछ परख लें और जो अच्छा हो, उसे स्वीकार करें। हर प्रकार की बुराई से बचते रहें। शांति का ईश्वर आप लोगों को पूर्ण रूप से पवित्र करे। आप लोगों का मन, आत्मा तथा शरीर हमारे प्रभु येसु मसीह के दिन निर्दोष पाया जाये। ईश्वर यह सब करायेगा, क्योंकि उसने आप लोगों को बुलाया है और वह सत्यप्रतिज्ञ है।

प्रभु की वाणी।

जयघोष : लूकस 4:18

अल्लेलूया, अल्लेलूया ! प्रभु का आत्मा मुझ पर छाया रहता है। उसने मुझे दरिद्रों को सुसमाचार सुनाने भेजा है। अल्लेलूया !

सुसमाचार

योहन बपतिस्ता मसीह के अग्रदूत हैं। वह स्पष्ट शब्दों में यहूदियों से कहते हैं कि मैं मसीह नहीं हूँ, मैं उनके आगमन की घोषणा करता हूँ, उनका अयोग्य सेवक हूँ, जो उनके जूते का फीता खोलने योग्य भी नहीं है।

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 1:6-8,19-28

"तुम्हारे बीच एक हैं, जिन्हें तुम नहीं पहचानते।"

ईश्वर का भेजा हुआ योहन नामक एक मनुष्य प्रकट हुआ। वह साक्षी के रूप में आया, जिससे वह ज्योति के विषय में साक्ष्य दे और सब लोग उसके द्वारा विश्वास करें। वह स्वयं ज्योति नहीं था; उसे ज्योति के विषय में साक्ष्य देना था। जब यहूदियों ने येरुसालेम से याजकों और लेवियों को योहन के पास यह पूछने भेजा कि आप कौन हैं, तो उसने यह साक्ष्य दिया – उसने स्पष्ट शब्दों में यह स्वीकार किया कि मैं मसीह नहीं हूँ। उन्होंने उस से पूछा, "तब आप कौन हैं? क्या आप एलियस हैं?'' उसने कहा, "मैं एलियस नहीं हूँ"। 'क्या आप नबी हैं?" उसने उत्तर दिया, "नहीं"। तब उन्होंने उस से " तो आप कौन हैं? जिन्होंने हमें भेजा है, हम उन्हें कौन-सा उत्तर दें? आप अपने विषय में क्या कहते हैं?" उसने उत्तर दिया, “मैं हूँ – जैसा कि इसायस नबी ने कहा है - निर्जन प्रदेश में पुकारने वाले की आवाज : प्रभु का मार्ग सीधा करो"। जो फ़रीसियों की ओर से भेजे गये थे, उन्होंने उस से पूछा, "यदि आप न तो मसीह हैं, न एलियस और न वह नबी, तो फिर बपतिस्मा क्यों देते हैं?" योहन ने उन्हें उत्तर दिया, "मैं तो पानी से बपतिस्मा देता हूँ। तुम्हारे बीच एक हैं, जिन्हें तुम नहीं पहचानते। वह मेरे बाद आने वाले हैं; मैं उनके जूते का फीता खोलने योग्य भी नहीं हूँ"। यह सब यर्दन के पार बेथानिया में घटित हुआ, जहाँ योहन बपतिस्मा दे रहा था।

प्रभु का सुसमाचार।