येरुसालेम तथा यूदा के विषय में आमोस के पुत्र इसायस का देखा हुआ दिव्य दृश्य!
ईश्वर के मंदिर का पर्वत पहाड़ों के ऊपर उठेगा और पहाड़ियों से ऊँचा होगा। सभी राष्ट्र वहाँ इकट्ठे होंगे, असंख्य लोग यह कहते हुए वहाँ जाएँगे, “आओ ! हम प्रभु के पर्वत पर चढें, याकूब के ईश्वर के मंदिर चलें, जिससे वह हमें अपने मार्ग दिखाये और उसके पथ पर चलते रहें। क्योंकि सियोन से संहिता प्रकट होगी और येरुसालेम से प्रभु की वाणी।” वह राष्ट्रों पर शासन करेगा और देशों के आपसी कंगड़े मिटायेगा। वे अपनी तलवार को पीट-पीट कर फाल और अपने भाले को हँसिया बनायेंगे। राष्ट्र एक दूसरे पर तलवार नहीं चलायेंगे और युद्ध-विद्या की शिक्षा समाप्त हो जायेगी। याकूब के वंश ! आओ, हम प्रभु की ज्योति में चलते रहें।
प्रभु की वाणी।
उस दिन प्रभु का लगाया पौधा रमणीय तथा शोभायमान बन जायेगा और पृथ्वी की उपज बचे हुए इस्राएलियों का गौरव और वैभव होगी। येरुसालेम में रहने वाली सियोन की बची हुई प्रजा और वे लोग, जिनके नाम जीवन-प्रन्थ में लिखे हुए हैं - वे सब “पवित्र' कहलायेंगे। प्रभु न्याय तथा विनाश का झंझावात भेज कर सियोन की पुत्रियों का कलंक दूर करेगा और येरुसालेम में बहाया हुआ रक्त धो डालेगा। इसके बाद प्रभु समस्त सियोन पर्वत और इसके सब निवासियों पर, दिन के समय बादल उत्पन्न करेगा और रात के समय देदीप्यमान अग्नि का प्रकाश। इस प्रकार समस्त पर्वत के ऊपर प्रभु की महिमा वितान की तरह फैली रहेगी। वह दिन में गरमी से रक्षा के लिए छाया प्रदान करेगी और आँधी तथा वर्षा में आश्रय और शरण प्रदान करेगी।
प्रभु की वाणी।
1. मुझे यह सुन कर कितना आनन्द हुआ - आओ, हम ईश्वर के मंदिर चलें। हे येरुसालेम ! अब हम पहुँचे हैं, हमने तेरे फाटकों में प्रवेश किया है।
2. यहाँ इस्राएल के वंश, प्रभु के वंश आते हैं। वे ईश्वर का स्तुतिगान करने आते हैं, जैसा कि इस्नाएल को आदेश मिला है। यहाँ न्याय के आसन संस्थापित हैं और दाऊद के वंश का सिंहासन भी।
3. येरुसालेम के लिए शांति का वरदान माँगो - “तेरे घरों में सुख-शांति हो ! तेरी चारदीवारी में शांति बनी रहे ! तेरे भवनों में सुख-शांति हो !''
4. यहाँ सब के सब भाई-बन्धु हैं। इसलिए मैं कहता हूँ - “तुझ में शांति बनी रहे”। हमारा प्रभु-ईश्वर यहाँ निवास करता है, इसलिए मैं तेरे कल्याण की मंगल-कामना करता हूँ।
अल्लेलूया ! हे हमारे प्रभु-ईश्वर ! हमें बचाने की कृपा कर। हम पर दयादृष्टि कर और हमारा उद्धार हो जायेगा। अल्लेलूया !
येसु कफरनाहूम में प्रवेश कर ही रहे थे कि एक शतपति उनके पास आया और यह कह कर विनय करने लगा, “प्रभु ! मेरा नौकर घर में पड़ा हुआ है। उसे लकवा हो गया है और वह घोर पीड़ा सह रहा है।” येसु ने उस से कहा, “मैं आ कर उसे चंगा कर दूँगा”। शतपति ने उत्तर दिया, “प्रभु ! मैं इस योग्य नहीं हूँ कि आप मेरे यहाँ आयें। आप एक ही शब्द कह दीजिए और मेरा नौकर चंगा हो जायेगा। मैं एक छोटा-सा अधिकारी हूँ। मेरे अधीन सिपाही रहते हैं। जब मैं एक से कहता हूँ - जाओ, तो वह जाता है; और दूसरे से - आओ, तो वह आता है और अपने नौकर से - यह करो, तो वह यह करता है।” येसु यह सुन कर चकित हो गये और उन्होंने अपने पीछे आने वालों से कहा, “'मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ - इस्राएल में भी मैंने किसी में इतना दृढ़ विश्वास नहीं पाया। मैं तुम से कहता हूँ - बहुतं-से लोग पूर्व और पश्चिम से आ कर इब्राहीम, इसहाक और याकूब के साथ स्वर्गराज्य के भोज में सम्मिलित होंगे।”
प्रभु का सुसमाचार।