सामान्य काल का पाँचवाँ सप्ताह, इतवार – चक्र A

पहला पाठ

नबी इसायस इस्नाएलियों से अनुरोध करते हैं कि वे दूसरों का उपकार करें - यही सच्ची धार्मिकता की कसौटी है। येसु ने भी भातृ-प्रेम को बहुत अधिक महत्त्व दिया।

नबी इसायस का ग्रंथ 58:7-10

“तुम्हारी ज्योति उषा की तरह फूट निकलेगी।”

प्रभु यह कहता है, अपनी रोटी भूखों के साथ खाओ, बेघर दरिद्रों को अपने यहाँ ठहराओ। जो नंगा है, उसे कपड़े पहनाओ और अपने भाई से मुँह न मोड़ो। तब तुम्हारी ज्योति उषा की तरह फूट निकलेगी और तुम्हारा घाव शीघ्र ही भर जायेगा। तुम्हारी धार्मिकता तुम्हारे आगे-आगे चलेगी और ईश्वर की महिमा तुम्हारे पीछे-पीछे आती रहेगी। यदि तुम पुकारोगे तो ईश्वर उत्तर देगा। यदि तुम दुहाई दोगे तो वह कहेगा - देखो, मैं प्रस्तुत हूँ। यदि तुम अपने बीच में से अत्याचार दूर करोगे, किसी पर अभियोग नहीं लगाओगे और किसी की निन्दा नहीं करोगे, यदि तुम भूखों को अपनी रोटी खिलाओगे और पददलितों को तृप्त करोगे, तो अंधकार में तुम्हारी ज्योति का उदय होगा और तुम्हारा अंधकार दिन का प्रकाश बन जायेगा?

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 111:4-9

अनुवाक्य : भक्त धर्मियों के लिए अंधकार का प्रकाश है। (अथवा : अल्लेलूया।)

1. वह धर्मियों के लिए अंधकार का प्रकाश है। वह दयालु, कोमल-हृदय और न्यायप्रिय है। वह तरस खा कर उधार देता और ईमानदारी से अपना कारबार करता है।

2. वह सन्मार्ग से कभी नहीं भटकेगा। उसकी स्मृति सदा बनी रहेगी। वह विपत्ति के समाचार से नहीं डरता। उसका मन दृढ़ रहता है, वह प्रभु पर भरोसा रखता है।

3. वह न तो घबराता और न डरता है। वह उदारतापूर्वक दरिद्रों को दान देता है। उसकी न्यायप्रियता सदा बनी रहती है। उसकी शक्ति तथा ख्याति बढ़ती जायेगी।

दूसरा पाठ

सन्त पौलुस मसीह का प्रचार करते समय मानवीय ज्ञान अथवा सुन्दर शब्दों पर नहीं, बल्कि पवित्र आत्मा की प्रेरणा तथा ईश्वर की शक्ति पर निर्भर रहते हैं।

कुरिंथियों के नाम सन्तत पौलुस का पहला पत्र 2:1-5

“मैंने आप लोगों से येसु मसीह और क्रूस पर उनके मरण के अतिरिक्त किसी और विषय पर बात नहीं की।”

भाइयो ! जब मैं ईश्वर का संदेश सुनाने आप लोगों के यहाँ आया, तो मैंने शब्दाडम्बर अथवा पांडित्य का प्रदर्शन नहीं किया। मैंने निश्चय किया था कि मैं आप लोगों से येसु मसीह और क्रूस पर उनके मरण के अतिरिक्त किसी और विषय पर बात नहीं करूँगा। वास्तव में मैं आप लोगों के बीच रहते समय दुर्बल, संकोची और भीरू था। मेरे प्रवचन तथा मेरे संदेश में विद्वतापूर्ण शब्दों का आकर्षण नहीं, बल्कि आत्मा की शक्ति थी, जिससे आप लोगों का विश्वास मानबीय प्रज्ञा पर नहीं, बल्कि ईश्वर की शक्ति पर आधारित हो।

प्रभु की वाणी।

जयघोष : योहन 10:27

अल्लेलूया, अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, “मेरी भेड़ें मेरे आवाज़ पहचानती हैं। मैं उन्हें जानता हूँ और वे मेरा अनुसरण करती हैं।” अल्लेलूया !

सुसमाचार

येसु मसीह अपने शिष्यों से कहते हैं कि यदि वे उनकी शिक्षा पर चलेंगे, तो पृथ्वी के नमक तथा संसार की ज्योति बन जायेंगे। जिस तरह नमक खाद्य पदार्थ को बिगड़ जाने से रोकता है, उसी तरह शिष्य लोगों को नैतिक पतन से सुरक्षित रखेंगे।

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 5:13-16

“तुम संसार की ज्योति हो।”

येसु ने अपने शिष्यों से कहा, “तुम पृथ्वी के नमक हो। यदि नमक फीका पड़ जाये, तो वह किस से नमकीन किया जायेगा? वह किसी काम का नहीं रह जाता। वह बाहर फेंका और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाता है। तुम संसार की ज्योति हो। पहाड़ पर बसा हुआ नगर छिप नहीं सकता। लोग दीपक जला कर पैमाने के नीचे नहीं, बल्कि दीवट पर रखते हें, जहाँ से वह घर के सब लोगों को प्रकाश देता है। उसी प्रकार तुम्हारी ज्योति मनुष्यों के सामने चमकती रहे, जिससे वे तुम्हारे भले कामों को देख कर, तुम्हारे स्वर्गिक पिता की महिमा करें'!

प्रभु का सुसमाचार।