सामान्य काल का तीसरा इतवार - वर्ष B

पहला पाठ

निनिवे के लोगों ने पश्चात्ताप किया। उन्होंने कुमार्ग छोड़ने का निश्चय किया और ईश्वर की कृपा प्राप्त की। जो मनुष्य, ईश्वर की वाणी पर ध्यान दे कर, पश्चात्ताप करता है, उसे निनिवे के लोगों की तरह, पापक्षमा मिलती है।

नबी योनस का ग्रंथ 3:1-5,10

“निनिवे के लोग कुकर्म छोड़ देते हैं।”

प्रभु की वाणी योनस को दूसरी बार यह कहते हुए सुनाई पड़ी, “उठो ! महानगर निनिवे जा कर वहाँ के लोगों को उपदेश दो, जैसा कि मैंने तुम्हें बताया है”। इस पर योनस उठ खड़ा हुआ और प्रभु के आज्ञानुसार निनिवे चला गया। निनिवे एक बहुत बड़ा शहर था। उसे पार करने में तीन दिन लगते थे। योनस ने उस में प्रवेश किया और एक दिन की यात्रा पूरी करने के बाद वह इस प्रकार उपदेश देने लगा, “चालीस दिन के बाद निनिवे का विनाश किया जायेगा”। निनिवे के लोगों ने ईश्वर की बात पर विश्वास किया। उन्होंने उपवास की घोषणा की और बड़ों से ले कर छोटों तक सबों ने टाट ओढ़ लिया। ईश्वर ने जब देखा कि वे क्या कर रहे हैं और किस प्रकार उन्होंने कुमार्ग छोड़ दिया है, तो वह द्रवित हो गया और उसने जिस विपत्ति की धमकी दी थी उसे उन पर नहीं आने दिया।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 24:4-9

अनुबाक्य : हे प्रभु ! तू मुझे अपने मार्ग दिखा।

1. हे प्रभु ! तू मुझे, अपने मार्ग दिखा, तू मुझे अपने पथ बता। मुझे अपनी सच्चाई के मार्ग पर ले चल और मुझे शिक्षा देने की कृपा कर।

2. हे प्रभु! अपनी करुणा और दयालुता याद कर, जो अनन्तकाल से बनी हुई हैं। हे प्रभु! तू दयालु और भला हे, तू मेरी सुध लेने की कृपा कर।

3. प्रभु भला और न्यायी है; वह पापियों को मार्ग पर लाता है। वह दीनों को सन्मार्ग पर ले चलता और पद्दलितों को अपना मार्ग बताता है।

दूसरा पाठ

सन्त पौलुस विश्वासियों को याद दिलाते हैं कि उन्हें निष्क्रिय रह कर प्रभु के आगमन की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। वे हर संभव प्रयत्न करते रहें, जिससे उनकी आत्मा में ईश्वर का सादृश्य बढ़ता जाये।

कुरिथियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र 7:29-31

“जो दुनिया हम देखते हैं, वह समाप्त हो जाती है।”

भाइयो ! मैं आप लोगों से यह कहता हूँ - समय थोड़ा ही रह गया है। अब से जो विवाहित हैं, वे इस तरह रहें मानो विवाहित नहीं हों; जो रोते हैं, मानो नहीं रोते हों; जो आनन्द मनाते हैं, मानो आनन्द नहीं मनाते हों; जो खरीद लेते हैं, मानों उनके पास कुछ नहीं हो; जो इस दुनियां की चीजों का उपभोग करते हैं, मानो उनका उपभोग नहीं करते हों; क्योंकि जो दुनिया हम देखते हैं, वह समाप्त हो जाती है।

प्रभु की वाणी।

जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया ! ईश्वर का राज्य निकट आ गया है। सुसमाचार में विश्वास करो। अल्लेलूया'!

सुसमाचार

जिस समय से येसु ईश्वर के राज्य के आगमन का प्रचार करने लगे, उसी समय से उन्होंने कुछ लोगों को बुलाया और उन से कहा, “मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुए बनाऊँगा”। संसार में अपना उद्देश्य पूरा करने के लिए, ईश्वर मनुष्यों की सहायता लेता है।

मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 1:14-20

“पश्चात्ताप करो और सुसमाचार में विश्वास करो।

योहन के गिरफ्तार हो जाने के बाद येसु गलीलिया आये और यह कह कर ईश्वर के सुसमाचार का प्रचार करने लगे, “समय पूरा हो चुका है। ईश्वर का राज्य निकट आ गया है। पश्चात्ताप करो और सुसमाचार में विश्वास करो”। गलीलिया के समुद्र के किनारे से हो कर जाते हुए येसु ने सिमोन और उसके भाई अंद्रेयस को देखा। वे समुद्र में जाल डाल रहे थे, क्योंकि वे मछुए थे। येसु ने उन से कहा, “मेरे पीछे चले आओ। मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुए बनाऊँगा”। और वे तुरन्त अपने जाल छोड़ कर उनके पीछे हो लिये। कुछ आगे बढ़ने पर येसु ने जेबेदी के पुत्र याकूब और उसके भाई योहन को देखा। वे नाव में अपने जाल मरम्मत कर रहे थे। येसु ने उन्हें उसी समय बुलाया। वे अपने पिता जेबेदी को मजदूरों के साथ नाव में छोड़ कर उनके पीछे हो लिये।

प्रभु का सुसमाचार।