पुण्य बृहस्पतिवार - प्रभु के पास्का-भोज का मिस्सा

पहला पाठ

यहूदी लोग हर साल पास्का पर्व के अवसर पर पास्का का मेमना खाते थे। हम हर पवित्र मिस्सा में कहते हैं, “हे ईश्वर के मेमने! तू संसार के पाप हर लेता है - हम पर दया कर”। इस प्रकार हम अपना विश्वास प्रकट करते हैं कि पास्का का वास्तविक मेमना कौन है - यह तो येसु मसीह ही है।

निर्गमन-ग्रंथ 12:1-8, 12-14

पास्का के भोज के विषय में आदेश।

प्रभु ने मिस्र देश में मूसा और हारून से कहा - यह तुम्हारे लिए आदिमास होगा; तुम उसे वर्ष का पहला महीना मान लो। इस्राएल के सारे समुदाय को यह आदेश दो - इस महींने के दसवें दिन हर एक परिवार एक-एक मेमना तैयार रखेगा। यदि मेमना खाने के लिए किसी परिवार में कम लोग हों, तो जरूरत के अनुसार पास वाले घर से लोगों को बुलाओ। खाने वालों की संख्या निश्चित करने में हर एक की खाने की रुचि का ध्यान रखो। उस मेमने में कोई दोष न हो; वह नर हो और एक साल का। वह भेड़ा हो अथवा बकरा। महीने के दसवें दिन तक उसे रख लो; शाम को सब इस्राएली उस को कत्ल करेंगे। जिन घरों में मेमना खाया जायेगा, दरवाजों की चौखट पर उसका लोहू पोत दिया जाये। उसी रात को बेख़मीर रोटी और कड़वे साग के साथ मेमने का भूना हुआ मांस खाया जायेगा। तुम लोग चप्पल पहन कर, कमर कस कर तथा हाथ में डंडा लिये खाओगे। तुम जल्दी-जल्दी खाओगे, क्योंकि यह प्रभु का ' पास्का' है। उसी रात मैं, प्रभु, मिस्र देश का परिभ्रमण करूँगा, मिस्र देश में मनुष्यों और जानवरों के सभी पहलौठे बच्चों को मार डालूँगा, और मिस्र के सभी देवताओं को भी दण्ड दूँगा। तुम लोहू पोत कर दिखा दोगे कि तुम किन घरों में रहते हो; वह लोहू देख कर मैं तुम लोगों को छोड़ दूँगा। इस तरह, जब मैं मिस्र देश को दण्ड दूँगा, तुम विपत्ति से बच जाओगे। तुम उस दिन का स्मरण रखोगे और उसे प्रभु के आदर में पर्व के रूप में मनाओगे। तुम उसे सभी पीढ़ियों के लिए अनन्तकाल तक पर्व घोषित करोगे।

प्रभु की वाणी।

भजन स्तोत्र 115:12-13,15-18

अनुवाक्य : यह आशिष का प्याला है; इसके द्वारा हम मसीह के रक्त के सहभागी बन जाते हैं।

1. प्रभु के सब उपकारों के लिए मैं उसे क्या दे सकता हूँ! मैं मुक्ति का प्याला उठा कर प्रभु का नाम लूँगा।

2. अपने भक्तों की मृत्यु से प्रभु को भी दुःख होता है। हे प्रभु! मैं तेरा सेवक हूँ, तूने मेरे बंधन खोल दिये।

3. मैं प्रभु का नाम लेते हुए धन्यवाद का बलिदान चढ़ाऊँगा। मैं प्रभु की सारी प्रजा के सामने प्रभु के लिए अपनी मन्नतें पूरी करूँगा।

दूसरा पाठ

हर एक पवित्र मिस्सा में हम अन्तिम ब्यारी तथा क्रूस के बलिदान, दोनों की यादगारी मनाते हैं। दोनों अवसरों पर येसु ने हमें अपूर्व रूप से अपना प्रेम दिखाया है।

कुरिंथियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र11:23-26

“जब-जब आप यह खाते अथवा पीते हैं प्रभु की मृत्यु घोषित करते हैं।”

भाइयो! मैंने प्रभु से सुना और आप लोगों को भी यही बता दिया है कि जिस रात को प्रभू येसु पकड़वाये गये; उन्होंने रोटी ले कर धन्यवाद की प्रार्थना पढ़ी और उसे तोड़ कर कहा - यह मेरा शरीर है, यह तुम्हारे लिए है। यही मेरी स्मृति में किया करो। इसी प्रकार ब्यारी के बाद उन्होंने प्याला ले कर कहा - यह प्याला मेरे रक्त का नूतन विधान है। जब-जब तुम उस में से पियो, तो यही मेरी स्मृति में किया करो। इसलिए जब-जब आप लोग यह रोटी खाते और यह प्याला पीते हैं, आप प्रभु के आने तक उनकी मृत्यु की घोषणा करते हैं।

प्रभु की वाणी।

जयघोष : योहन 13:34

प्रभु कहते हैं - मैं तुम लोगों को एक नयी आज्ञा देता हूँ। जैसे मैंने तुम्हें प्यार किया, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को प्यार करो।

सुसमाचार

आज के सुसमाचार में प्रभु येसु हमें यह शिक्षा देते हैं कि कोमुन्यो और भ्रातृप्रेम का अटूट सम्बन्ध है। जब-जब हम दूसरों की सेवा करते हैं, तब उन्हीं के सच्चे शिष्य होने का प्रमाण देते हैं, जिन्हें हम पवित्र कोमुन्यो में ग्रहण करते हैं।

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 13:1-15

“उन्होंने अपने प्रेम का सब से बड़ा प्रमाण दिया।”

वह पास्का पर्व का पूर्वदिन था। येसु जानते थे कि मेरी घड़ी आ गयी है और मुझे यह संसार छोड़ कर पिता के पास जाना है। वह अपने शिष्यों को, जो इस संसार में थे, प्यार करते आये थे और अब अपने प्रेम का सब से बड़ा प्रमाण देने वाले थे। शैतान ब्यारी के समय तक सिमोन इसकारियोती के पुत्र यूदस के मन में येसु को पकड़वाने का विचार उत्पन्न कर चुका था। येसु जानते थे कि पिता ने मेरे हाथों में सब कुछ दे दिया है, मैं ईश्वर के यहाँ से आया हूँ और ईश्वर के पास जा रहा हूँ। उन्होंने भोजन पर से उठ कर अपने कपड़े उतारे और कमर में अँगोछा बाँध लिया। तब वह परात में पानी भर कर अपने शिष्यों के पैर धोने और कमर में बँधे अँगोछे से पोंछने लगे। जब वह सिमोन पेत्रुस के पास पहुँचे, तो पेत्रुस ने उन से कहा, “प्रभु! आप मेरे पैर धोते हैं?” येसु ने उसे उत्तर दिया, "तुम अभी नहीं समझते कि मैं क्या कर रहा हूँ - बाद में समफोगे”। पेत्रुस ने कहा, मैं आप को अपने पैर कभी नहीं धोने दूँगा”। येसु ने उसे उत्तर दिया, “यदि मैं तुम्हारे पैर न धोऊँ, तो तुम्हारा मेरे साथ कोई संबंध नहीं रह जायेगा”। इस पर सिमोन पेत्रुस ने उन से कहा, “प्रभु! तब तो मेरे पैर ही नहीं, मेरे हाथ और सिर भी धोइए”। येसु ने उत्तर दिया, “जो स्नान कर चुका है, उसे पैर के सिवा और कुछ भी धोने की जरूरत नहीं। वह पूर्ण रूप से शुद्ध है। तुम लोग शुद्ध हो, परन्तु सब के सब नहीं”। वह जानते थे कि कौन मेरे साथ विश्वासघात करेगा। इसीलिए उन्होंने कहा - तुम सब के सब शुद्ध नहीं हो। उनके पैर धोने के बाद वह अपने कपड़े पहन कर फिर बैठ गये और उन से बोले, “क्या तुम लोग समझते हो कि मैंने तुम्हारे साथ क्या किया है? तुम मुझे गुरु और प्रभु कहते हो, और ठीक ही कहते हो, क्योंकि मैं वही हूँ। इसलिए यदि मैंने प्रभु और गुरु हो कर तुम्हारे पैर धोये हैं, तो तुम्हें भी एक दूसरे के पैर धोने चाहिए। मैंने तुम्हें उदाहरण दिया है, जिससे जैसा मैंने तुम्हारे साथ किया है, वैसा ही तुम भी किया करो”।

प्रभु का सुसमाचार।