चालीसे का पाँचवाँ सप्ताह, शनिवार

पहला पाठ

नबी एजेकिएल का ग्रन्थ 37:21-28

“मैं उन्हें एक ही राष्ट्र बना दूँगा।”

प्रभु-ईश्लर यह कहता है, “मैं इसाएलियों को उन राष्ट्रों में से इकट्ठा करूँगा, जहाँ वे चले गये हैं। मैं उन्हें चारों दिशाओं से इकट्ठा करूँगा और उन्हें उनकी निजी भूमि वापस ले जाउँगा। मैं अपने देश में तथा इस्राएल के पर्वतों पर उन्हें एक ही राष्ट्र बना दूँगा और एक ही राजा उन सबों का राजा होगा। वे अब से न तो दो राष्ट्र होंगे और न दो राज्यों में विभाजित। वे फिर घृणास्पद मूर्तिपूजा और अधर्म से अपने को दूषित नहीं करेंगे। उन्होंने मेरे साथ कितनी बार विश्वासघात किया! फिर भी मैं उन सब पापों से उन्हें छुड़ाऊँगा और शुद्ध करूँगा। वे मेरी प्रजा होंगे और मैं उनका ईश्वर होऊँगा। मेरा सेवक दाऊद उनका राजा बनेगा और उन सबों का एक ही चरवाहा होगा। वे मेरे नियमों पर चलेंगे और मेरी आज्ञाओं का विधिवत्‌ पालन करेंगे। वे और उनके पुत्र-पौत्र सदा-सर्वदा अपने पूर्वजों के देश में निवास करेंगे, जिसे मैंने अपने सेवक याकूब को दे दिया है। मेरा सेवक दाऊद सदा के लिए उनका राजा होगा। मैं उनके लिए शांति का विधान निर्धारित करूँगा, एक ऐसा विधान जो सदा बना रहेगा। मैं उन्हें फिर बसाऊँगा, उनकी संख्या बढ़ाऊँगा और उनके बीच सदा के लिए अपना मंदिर बनाऊँगा। मैं उनके बीच निवास करूँगा, मैं उनका ईश्वर होऊँगा और वे मेरी प्रजा होंगे। जब मेरा मंदिर सदा के लिए उनके बीच स्थापित होगा, तब सभी राष्ट्र यह जान जायेंगे कि मैं प्रभु हूँ, जो इस्राएल को पवित्र करता है।”

प्रभु की वाणी।

भजन : येरे० 31:10-13

अनुवाक्य : प्रभु चरवाहे की तरह अपने भुण्ड की रक्षा करेगा।

1. हे राष्ट्रो! प्रभु का वचन सुनो! सुदूर द्वीपों तक यह घोषित करो - जिसने इस्राएल को बिखेरा है, वही उसे एकत्र करेगा। और उसकी रक्षा करेगा, जैसा कि चरवाहा अपने झुण्ड की रक्षा करता है।

2. क्योंकि प्रभु ने याकूब का उद्धार किया और उसे उसके शक्तिशाली शत्रु के पंजे से छुड़ाया। वे लौट कर सियोन पर्वत पर आनन्द के गीत गायेंगे, वे बड़ी संख्या में प्रभु को दान देने आयेंगे।

3. तब कुमारियाँ उल्लसित हो कर नृत्य करेंगी, नवयुवक और वृद्ध एक साथ आनन्द मनायेंगे। मैं उनका शोक आनन्द में बदल दूँगा, उन्हें सांत्वना दूँगा और दुःख के बदले सुख प्रदान करूँगा।

जयघोष : एजेकिएल 18:31

प्रभु कहता है - अपने पुराने पापों का भार फेंक दो। एक नया हृदय और एक नया मनोभाव धारण करो।

सुसमाचार

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 11:45-57

ईश्वर की बिखरी हुई सन्तान को एकत्र करने के लिए।”

जो यहूदी मरियम से मिलने आये थे और जिन्होंने येसु का यह चमत्कार देखा, उन में से बहुतों ने उन में विश्वास किया। परन्तु उन में से कुछ लोगों ने फरीसियों के पास जा कर बतलाया कि येसु ने क्या किया है। तब महायाजकों और फरीसियों ने महासभा बुला कर कहा, “हम क्या करें? वह मनुष्य बहुत-से चमत्कार दिखा रहा हैं। यदि हम उसे ऐसा करते रहने देंगे, तो सभी उस में विश्वास करने लगेंगे और रोमन लोग आ कर हमारा मंदिर और हमारा राष्ट्र नष्ट कर देंगे।” उन में से एक ने, जिसका नाम कैफस था और उस वर्ष प्रधानयाजक था, उन से कहा, “आप लोगों की बुद्धि कहाँ है? आप यह नहीं समझते कि हमारा कल्याण इस में है कि एक ही मनुष्य जनता के लिए मर जाये और समस्त राष्ट्र का सर्वनाश न हो।” उसने यह बात अपनी ओर से नहीं कही। उसने उस वर्ष के प्रधानयाजक के रूप में भविष्यवाणी की कि येसु राष्ट्र के लिए मरेंगे और न केवल राष्ट्र के लिए बल्कि इसलिए भी कि वह ईश्वर की बिखरी हुई सन्तान को एकत्र कर लें। उसी दिन उन्होंने येसु को मार डालने का निश्चय किया। इसलिए येसु ने उस समय से यहूदियों के बीच प्रकट रूप से आना-जाना बंद कर दिया। वह निर्जन प्रदेश के निकटवर्ती प्रान्त के एफ्राइम नामक नगर चले गये और वहीं अपने शिष्यों के साथ रहने लगे। यहूदियों का पास्का पर्व निकट था। बहुत-से लोग पास्का से पहले शुद्धीकरण के लिए देहात से येरुसालेम आये थे। वे येसु को ढूँढ़ते थे और मंदिर में आपस में कहते थे, “आपका क्या विचार है? क्या वह पर्व के लिए नहीं आ रहे हैं?” महायाजकों ओर फरीसियों ने येसु को गिरफ्तार करने के उद्देश्य से यह आदेश दिया था कि यदि किसी व्यक्ति को येसु का ठिकाना मालूम हो जाये, तो वह इसकी सूचना उन्हें दे दे।

प्रभु का सुसमाचार।