चालीसे का पाँचवाँ सप्ताह, शुक्रवार

पहला पाठ

बी येरेमियस का ग्रन्थ 20:10-13

“प्रभु एक पराक्रमी शूरवीर की तरह मेरे साथ है।”

मैंने बहुतों को यह फुसफुसाते हुए सुना है, “चारों ओर आतंक फैला हुआ है। इस पर अभियोग लगाओ। हम उस पर अभियोग लगायें।” जो पहले मेरे मित्र थे, वे सब इस ताक में रहते थे, कि मैं कोई गलती कर बैठूँ और यह कहते थे, “वह शायद प्रलोभन में पड़ जायेगा और हम उस पर प्रबल हो कर उस से बदला लेंगे।” परन्तु प्रभु एक पराक्रमी शूरवीर की तरह मेरे साथ है। मेरे विरोधी ठोकर खा कर गिर जायेंगे। वे मुझ पर प्रबल नहीं हो पायेंगे और अपनी हार का कटु अनुभव करेंगे। उनका अपयश सदा बना रहेगा। हे विश्वमण्डल के प्रभु! तू धर्मी की परीक्षा करता और मन तथा हृदय की थाह लेता है। मैंने अपने को तुझ पर छोड़ दिया है - मैं देखूँगा कि तू उन लोगों से क्या बदला लेता है। प्रभु का गीत गाओ! प्रभु की स्तुति करो! क्योंकि उसने दीन की आत्मा को दुष्टों के हाथ से छुड़ा लिया है।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 17:2-7

अनुवाक्य : मैंने अपने संकट में प्रभु की दुहाई दी और उसने मेरी पुकार सुनी।

1. हे प्रभु! मैं तुझे प्यार करता हूँ, तू मेरा बल है, तू मेरी चट्टान और मेरा गढ़ है, तूने मेरा उद्धार किया है।

वहीं मेरी चट्टान है, जहाँ मुझे शरण मिलती है। वही मेरी ढाल और मेरा शक्तिशाली सहायक है। धन्य है प्रभु! मैंने उसे पुकारा और उसने मुझे शत्रुओं से बचा लिया।

3 मैं मृत्यु के भँवर में पड़ गया था, मैं विनाश की प्रचण्ड धारा में बह गया था, मैं अधोलोक के जाल में फँस गया था, मैं मृत्यु का शिकार हो रहा था।

4. मैंने अपने संकट में प्रभु को पुकारा, मैंने अपने ईश्वर की दुहाई दी। उसने अपने मंदिर में मेरी पुकार सुनी, मेरी दुहाई उसके कान तक पहुँची।

जयघोष योहन 6: 64,69

हे प्रभु! आपकी शिक्षा आत्मा और जीवन है। आपके ही शब्दों में अनन्त जीवन का संदेश है।

सुसमाचार

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 10:31-42

“उन्होंने येसु को गिरफ्तार करने का प्रयत्न किया, परन्तु वह उनके हाथ से निकल गये।”

यहूदियों ने येसु को मार डालने के लिए फिर पत्थर उठाये। येसु ने उन से कहा, “मैंने अपने पिता के सामर्थ्य से तुम लोगों के सामने बहुत-से अच्छे कार्य किये हैं; उन में से किस कार्य के लिए मुझे पत्थरों से मार डालना चाहते हो?” यहूदियों ने उत्तर दिया, “किसी अच्छे कार्य के लिए नहीं, बल्कि ईश-निन्दा के लिए हम तुम को पत्थरों से मार डालना चाहते हैं; क्योंकि तुम मनुष्य हो कर अपने को ईश्वर मानते हो।” येसु ने कहा, “क्या तुम लोगों की संहिता में यह नहीं लिखा है - मैंने कहा : तुम देवता हो? जिन को ईश्वर का संदेश दिया गया था, यदि संहिता ने उन्हें देवता कहा - और धर्मग्रन्थ की बात टल नहीं सकती - तो जिसे पिता ने अधिकार प्रदान कर संसार में भेजा है, उस से तुम लोग यह कैसे कहते हो - आप ईश-निन्दा करते हैं, क्योंकि मैंने कहा : मैं ईश्वर का पुत्र हूँ?” “यदि मैं अपने पिता के कार्य नहीं करता, तो मुझ पर विश्वास न करो। किन्तु यदि मैं उन्हें करता हूँ, तो मुझ पर विश्वास नहीं करने पर भी तुम कार्यों पर ही विश्वास करो, जिससे तुम यह जान जाओ और समझ लो कि पिता मुझ में है और मैं पिता में हूँ। इस पर उन्होंने फिर येसु को गिरफ्तार करने का प्रयत्न किया, परन्तु वह उनके हाथ से निकले गये। येसु यर्दन के पार उस स्थान लौट गये, जहाँ पहले योहन बपतिस्मा दिया करता था, और वहीं रहने लगे। बहुत-से लोग उनके पास आये। वे कहते थे, “योहन ने तो कोई चमत्कार नहीं दिखाया, परन्तु उसने इनके विषय में जो कुछ कहा, वह सब सच निकला। और वहाँ बहुत-से लोग उन में विश्वास करने लगे।

प्रभु का सुसमाचार।