चालीसे का पाँचवाँ सप्ताह, बृहस्पतिवार

पहला पाठ

उत्पत्ति-ग्रन्थ 17:3-9

“तुम बहुत-से राष्ट्रों के पिता बन जाओगे।”

अब्राम ने साष्टांग प्रणाम किया और ईश्वर ने उस से यह कहा, “तुम्हारे लिए मेरा विधान इस प्रकार है - तुम बहुत-से राष्ट्रों के पिता बन जाओगे। अब से तुम्हारा नाम अब्राम नहीं, बल्कि इब्राहीम होगा, क्योंकि मैं तुम्हें बहुत-से राष्ट्रों का पिता बनाऊँगा। तुम्हारे असंख्य वंशज होंगे। मैं तुम लोगों को राष्ट्रों के रूप में फलने-फूलने दूँगा।” तुम्हारे वंशजों में राजा उत्पन्न होंगे। मैं तुम्हारे लिए और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंशजों के लिए पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपना चिरस्थायी विधान निर्धारित करूँगा - मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंश्जों का ईश्वर होऊँगा। मैं तुम्हें और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंशजों को वह भूमि प्रदान करूँगा, जिस में तुम निवास करते हो, अर्थात्‌ कनान का समस्त देश। उस पर सदा के लिए तुम लोगों का अधिकार होगा और मैं तुम्हारे वंशजों का ईश्वर होऊँगा।” ईश्वर ने इब्राहीम से यह कहा, “तुम और तुम्हारे वंशज पीढ़ी-दर-पीढ़ी मेरे विधान का पालन करो।”

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 104:4-9

अनुवाक्य : प्रभु सदा अपना विधान याद करता है।

1.प्रभु और उसके सामर्थ्य का मनन करो, उसके दर्शनों के लिए तरसते रहो। उसके अपूर्व कार्य, उसके चमत्कार तथा उसके निर्णय याद रखो।

2. हे प्रभु-भक्त इब्राहीम की सन्तति! हे प्रभु के कृपापात्र याकूब के पुत्रो! प्रभु ही हमारा ईश्वर है, उसके निर्णय समस्त पृथ्वी पर लागू हैं।

3. वह सदा अपना विधान याद करता है, हजारों पीढ़ियों के लिए अपनी प्रतिज्ञाएँ, इब्राहीम के लिए ठहराया हुआ विधान, इसाहक के सामने खायी हुई शपथ।

जयघोष : स्तोत्र 94, 8

अपना हृदय कठोर न बनाओ, प्रभु की वाणी पर ध्यान दो।

सुसमाचार

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 8:51-59

“तुम्हारे पिता इब्राहीम मेरा आगमन देख कर आनन्दविभोर हो गये।”

येसु ने यहूदियों से कहा, “मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ - यदि कोई मेरी शिक्षा पर चलेगा, तो वह कभी नहीं मरेगा।” यहूदियों ने कहा, “अब हमें पक्का विश्वास हो गया है कि तुम को अपदूत लगा है। इब्राहीम और नबी मर गये, किन्तु तुम कहते हो - यदि कोई मेरी शिक्षा पर चलेगा, तो वह कभी नहीं मरेगा। क्या तुम हमारे पिता इब्राहीम से भी महान्‌ हो? वह मर गये और नबी भी मर गये। तुम अपने को क्या समझते हो?” येसु ने उत्तर दिया, “यदि मैं स्वयं अपने को महिमा देता, तो उस महिमा का कोई महत्त्व नहीं होता। मेरा पिता मुझे महिमान्वित करता है। उसे तुम लोग अपना ईश्वर कहते हो, यद्यपि तुम उसे नहीं जानते। मैं उसे जानता हूँ। यदि मैं कहता कि उसे नहीं जानता तो मैं तुम्हारी तरह झूठा बन जाता। किन्तु मैं उसे जानता हूँ और उसकी शिक्षा पर चलता हूँ। तुम्हारे पिता इब्राहीम यह जान कर उल्लसित हो गये कि वह मेरा आगमन देखेंगे और वह उसे देख कर आनन्दविभोर हो गये।“ यहूदियों ने उन से कहा, “अब तक तुम्हारी उम्र पचास भी नहीं है, तो तुमने कैसे इब्राहीम को देखा है?” येसु ने उस से कहा, “मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ - इब्राहीम के जन्म लेने के पहले से ही मैं विद्यमान हूँ।” इस पर लोगों ने येसु को मारने के लिए पत्थर उठाये, किन्तु वह चुपके से मंदिर से निकल गये।

प्रभु का सुसमाचार।