यात्रा करते-करते लोगों का धैर्य टूट गया और वे यह कहते हुए ईश्वर और मूसा के विरुद्ध भुनभुनाने लगे, “आप हमें मिस्र देश से निकाल कर यहाँ मरुभूमि में मरने के लिए क्यों ले आये हैं? यहाँ न तो रोटी मिलती है और न पानी। हम इस रूखी-सूखी भोजन से ऊब गये हैं।” प्रभु ने लोगों के बीच विषैले साँप भेजे; और उनके दंश से बहुत-से इस्राएली मर गये। तब लोग मूसा के पास आये और बाले, “हमने पाप किया। हम प्रभु के विरुद्ध और आपके विरुद्ध भुनभुनाये। प्रभु से प्रार्थनथा कीजिए कि वह हमारे बीच में से साँपों को हटा दे।” मूसा ने जनता के लिए प्रभु से प्रार्थना की और प्रभु ने मूसा से कहा, “काँसे का साँप बनवाओ और उसे डण्डे पर लगाओ। जो साँप द्वारा काटा गया, वह उसकी ओर दृष्टि डाले और वह अच्छा हो जायेगा।” मूसा ने काँसे का साँप बनवाया और उसे डण्डे पर लगा दिया। जब किसी को साँप काटता था तो वह काँसे के साँप की ओर दृष्टि डाल कर अच्छा हो जाता था ।
प्रभु की वोणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु! मेरी प्रार्थना सुन! मेरी दुहाई तेरे पास पहुँचे।
1. हे प्रभु! मेरी प्रार्थना सुन। मेरी दुहाई तेरे पास पहुँचे। संकट के समय तू मुझ से अपना मुख न छिपा, मैं तुझे पुकारता हूँ। तू झुक कर शीघ्र ही मेरी सुन।
2. जब प्रभु सियोन का पुनर्निमण करेगा और अपनी सम्पूर्ण महिमा में प्रकट हो जायेगा, तब सभी राष्ट्र उसके नाम पर श्रद्धा रखेंगे और पृथ्वी के समस्त राजा उसके प्रताप के सामने झुकेंगे। वह दीन-दुःखियों की प्रार्थना सुनेगा, वह उनकी प्रार्थनाओं का तिरस्कार नहीं करेगा।
3. भावी पीढ़ी के लिए यह लिखा जाये, ताकि नवीन राष्ट्र प्रभु की स्तुति करें। प्रभु ने अपने ऊँचे तथा पवित्र स्थान से झुक कर देखा और स्वर्ग से पृथ्वी पर दृष्टि दौड़ायी, जिससे वह बंदियों की कराह सुने और मरने वालों को छुड़ा ले।
बीज ईश्वर का वचन है। बोने वाला मसीह है। जो यह बीज पाता है, वह सदा जीवित रहता है।
येसु ने फरीसियों से कहा, “मैं जा रहा हूँ। तुम लोग मुझे ढूँढ़ोगे, किन्तु तुम पाप की स्थिति में मर जाओगे। मैं जहाँ जा रहा हूँ, तुम वहाँ नहीं आ सकते।” इस पर यहूदियों ने कहा, “कहीं यह आत्महत्या तो नहीं करेगा? यह तो कहता है - मैं जहाँ जा रहा हूँ, तुम वहाँ नहीं आ सकते।” येसु ने उन से कहा, “तुम लोग नीचे के हो, मैं ऊपर का हूँ। तुम इस संसार के हो, मैं इस संसार का नहीं हूँ। इसलिए मैंने तुम से कहा कि तुम पाप की स्थिति में मर जाओगे। यदि तुम विश्वास नहीं करते कि मैं वही हूँ, तो तुम पाप की स्थिति में मर जाओगे।” तब लोगों ने उन से पूछा, “आप कौन हैं?” येसु ने उत्तर दिया, “इसके विषय में तुम लोगों से और क्या कहूँ? मैं तुम लोगों को बहुत-सी बातों में दोषी ठहरा सकता हूँ। किन्तु मैं संसार को वही बताता हूँ जो मैंने उस से सुना है, जिसने मुझे भेजा है, क्योंकि वह सच्चा है।” वे नहीं समझ रहे थे कि वह उन से पिता के विषय में कह रहे हैं। इसलिए येसु ने कहा, “जब तुम लोग मानव पुत्र को ऊपर उठाओगे, तो यह जान जाओगे कि मैं वही हूँ और मैं अपनी ओर से कुछ नहीं करता। मैं जो कुछ कहता हूँ, वैसे ही कहता हूँ, जैसे पिता ने मुझे सिखाया है। जिसने मुझको भेजा है, वह मेरे साथ है। उसने मुझे अकेला नहीं छोड़ा, क्योंकि मैं सदा वही करता हूँ जो उसे अच्छा लगता है।” बहुतों ने उन्हें यह सब कहते सुन कर उन में विश्वास किया।
प्रभु का सुसमाचार।