चालीसे का पाँचवाँ सप्ताह - वैकल्पिक मिस्सा

[ये पाठ इसी सप्ताह के किसी भी दिन पढ़ कर सुनाये जा सकते हैं। विशेष कर वर्ष B और C में।

पहला पाठ

राजाओं कां दूसरा ग्रन्थ 4:18-21,32-37

“अपने पुत्र को ले जाइए।”

जब शुनेमी महिला का पुत्र बड़ा हो गया, तो वह किसी दिन अपने पिता से मिलने आया, जो फसल काटने वाले मजदूरों के पास था। उसने अचानक चिल्ला कर अपने पिता से कहा, “हाय, मेरा सिर! मेरा सिर!” पिता ने एक नौकर से कहा, “उसे उठा कर उसकी माँ के पास ले जाओ।” नौकर उसे उठा कर उसकी माँ के पास ले आया। वह दोपहर तक अपनी माता की गोद में बैठा रहा और मर गया। उसने अपने पुत्र को ऊपर ले जा कर ईश्वर-भक्त के पलंग पर लिटा दिया और दरवाजा बन्द कर वह बाहर निकल आयी। एलिसय ने घर आ कर उस लड़के को अपने पलंग पर मरा हुआ पाया। वह कमरे के अन्दर चला गया और दरवाजा बन्द कर ईश्वर से प्रार्थना करने लगा। तब वह अपना मुख उसके मुख पर, अपनी आँखें उसकी आँखों पर और अपने हाथ उसके हाथों पर रख कर उस लड़के पर लेट गया। वह इस प्रकार उस पर तब तक लेट रहा जब तक उसका शरीर गर्म न होने लगा। इसके बाद एलिसय उठा और कमरे में इधर-उधर टहल कर फिर लड़के पर लेट गया। तब लड़के को सात बार छींक आयी और उसने अपनी आँखें खोल दीं। इस पर एलिसय ने गेहजी को बुला कर कहा, “शुनेमी महिला को बुलाओ!” वह उसके बुलाने पर आयी और एलिसय ने उस से कहा, “अपने पुत्र को ले जाइए।” उसने उसके चरणों पर गिर कर उसे दण्डवत किया और अपने पुत्र को उठा कर वह चली गयी।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 16:1,6-8,15

अनुवाक्य : मैं जागने पर तेरा स्वरूप देख कर परितृप्त होऊँगा।

1. हे प्रभु! मुझे न्याय दिला। मेरी दुहाई पर ध्यान दे। मैं निष्कपट हृदय से जो प्रार्थना कर रहा हूँ उसे तू सुनने की कृपा कर।

2. हे ईश्वर! मैं तुझे पुकारता हूँ। मेरी सुन। मुझ पर कृपादृष्टि कर, मेरी प्रार्थना स्वीकार कर। अपना महान्‌ प्रेम मुझे प्रदर्शित कर, क्योंकि तू अपने भक्तों को उनके शत्रुओं से बचाता है।

3. मुझे अपने पंखों की छाया में छिपा। मैं सन्मार्ग पर चल कर तेरे दर्शन करूँगा, मैं जागने पर तेरा स्वरूप देख कर परितृप्त हो जाऊँगा।

जयघोष : योहन 11:25,26

प्रभु कहते हैं, “पुनरुत्थान और जीवन मैं हूँ। जो मुझ में विश्वास करता है, वह कभी नहीं मरेगा।”

सुसमाचार

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 11:1-45

“पुनरुत्थान और जीवन मैं हूँ।”

बेथानिया का रहने वाला लाजरुस नामक व्यक्ति बीमार पड़ गया। बेथानिया मरियम और उसकी बहन मरथा का गाँव था। यह वही मरियम थी जिसने इत्र से प्रभु का लेपन किया और अपने केशों से उनके चरण पॉछे; इसी का भाई लाजरुस बीमार था। इसलिए बहनों ने येसु को कहला भेजा, “प्रभु! देखिए, जिसे आप प्यार करते हैं, वह बीमार है।” येसु ने यह सुन कर कहा, “यह बीमारी मृत्यु के लिए नहीं, बल्कि ईश्वर की महिमा के लिए आयी है। इसके द्वारा ईश्वर का पुत्र महिमान्वित होगा।” येसु मरथा, उसकी बहन मरियम और लाजरुस को प्यार करते थे। यह सुन कर कि लाजरुस बीमार है, वह जहाँ थे, वहाँ दो दिन और रह गये, किन्तु इसके बाद उन्होंने अपने शिष्यों से कहा, “आओ! हम फिर यहूदिया चलें।” शिष्य बोले, “गुरुवर! कुछ ही दिन पहले तो यहूदी लोग आप को पत्थरों से मार डालना चाहते थे और आप फिर वहीं जा रहे हैं?” येसु ने उत्तर दिया, “क्या दिन के बारह घंटे नहीं होते? जो दिन में चलता है, वह ठोक़र नहीं खाता, क्योंकि वह इस दुनिया का प्रकाश देखता है। परन्तु जो रात में चलता है, वह ठोकर खाता है, क्योंकि उसे प्रकाश नहीं मिलता।” इतना कहने के बाद वह फिर उन से बोले, “हमारा मित्र लाजरुस सो रहा है। मैं उसे जगाने जा रहा हूँ।” शिष्यों ने कहा, “प्रभु! यदि वह सो रहा है, तो अच्छा हो जायेगा।” येसु ने यह उसकी मृत्यु के विषय में कहा था लेकिन उनके शिष्य यह समझे कि वह नींद के विश्राम के विषय में कह रहे हैं। इसलिए येसु ने उन से स्पष्ट शब्दों में कहा, “लाजरुस मर गया है। मैं तुम्हारे कारण प्रसन्न हूँ कि मैं वहाँ नहीं था, जिससे तुम लोग विश्वास कर सको। आओ, हम उसके पास चलें।” इस पर थोमस ने, जो यमल कहलाता था, अपने सह-शिष्यों से कहा, “हम भी चलें और इनके साथ ही मर जायें।” वहाँ पहुँचने पर येसु को पता चला कि लाजरुस चार दिनों से कब्र में है। बेथानिया येरुसालेम से दो मील से भी कम दूर था; इसलिए भाई की मृत्यु पर संवेदना प्रकट करने के लिए बहुत-से यहूदी मरथा और मरियम से मिलने आये थे। ज्यों ही मरथा ने यह सुना कि येसु आ रहे हैं, वह उन से मिलने गयी। मरियम घर में ही बैठी रही। मरथा ने येसु से कहा, “प्रभु! यदि आप यहाँ होते तो मेरा भाई नहीं मरता और मैं जानती हूँ कि आप अब भी ईश्वर से जो कुछ माँगेंगे, ईश्वर आप को वही प्रदान करेगा।” येसु ने उस से कहा, “तुम्हारा भाई जी उठेगा।” मरथा ने उत्तर दिया, “मैं जानती हूँ कि वह अंतिम दिन पुनरुत्थान में जी उठेगा।” येसु ने कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं हूँ। जो मुझ में विश्वास करता है, वह मरने पर भी जीवित रहेगा और जो कोई मुझ में विश्वास करते हुए जीता है, वह कभी नहीं मरेगा। क्या तुम इस बात पर विश्वास करती हो?” उसने उत्तर दिया, “हाँ, प्रभु! मैं दुढ़ विश्वास करती हूँ कि आप वह मसीह, ईश्वर के पुत्र हैं, जो संसार में आने वाले थे।” वह यह कह कर चली गयी और अपनी बहन मरियम को बुला कर उसने चुपके से उस से कहा, “गुरुवर आ गये हैं; तुम को बुलाते हैं।” वह यह सुनते ही उठ खड़ी हुई और येसु से मिलनें गयी। येसु अब तक गाँव में नहीं पहुँचे थे। वह उसी स्थान पर थे, जहाँ मरथा उन से मिली थी। जो यहूदी लोग संवेदना प्रकट करने के लिए मरियम के साथ घर में थे, वे यह देख कर कि वह अचानक उठ कर बाहर चली गयी, उसके पीछे हो लिये; क्योंकि वे समझते थे वह कब्र पर रोने जा रही है। मरियम उस जगह पहुँची, जहाँ येसु थे। उन्हें देखते ही वह उनके चरणों पर गिर पड़ी और बोली, “प्रभु! यदि आप यहाँ होते, तो मेरा भाई नहीं मरता।'” येसु, उसे और उसके साथ आये हुए यहूदियों को रोते देख कर, बहुत व्याकुल हो उठे और आह भर कर बोले, “तुम लोगों ने उसे कहाँ रखा है?” उन्होंने कहा, “प्रभु! आइए और देखिए।” येसु रो पड़े। इस पर यहूदियों ने कहा, “देखो! यह उसे कितना प्यार करते थे; किन्तु कुछ लोगों ने कहा “इन्होंने तो अंधों को आँखें दी हैं। क्या यह उस को मृत्यु से नहीं बचा सकते थे?” कब्र के पास पहुँचने पर येसु फिर बहुत व्याकुल हो उठे। वह कब्र एक गुफा थी, जिसके मुँह पर एक बड़ा पत्थर रखा हुआ था। येसु ने कहा, “पत्थर हटा दो।” मृतक की बहन मरथा ने उन से कहा, “प्रभु! अब तो दुर्गन्ध आती होगी; आज चोथा दिन है।” येसु ने उसे उत्तर दिया, “क्या मैंने तुम से यह नहीं कहा कि यदि तुम विश्वास करोगी तो ईश्वर की महिमा देखोगी?” इस पर लोगों ने पत्थर हटा दिया। येसु ने आँखें ऊपर उठा कर कहा, “हे पिता! मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ; तूने मेरी सुन ली है। मैं तो जानता ही था कि तू सदा मेरी सुनता है। मैंने आस-पास खड़े लोगों के कारण ही ऐसा कहा, जिससे वे विश्वास करें कि तूने मुझे भेजा है।” इतना कहने के बाद येसु ने ऊँचे स्वर से पुकारा, “लाजरुस! बाहर निकल आओ!” मृतक बाहर निकला, उसके हाथ और पैर पट्टियों से बँधे हुए थे और उसके मुँह पर आँगोछा लपेटा हुआ था। येसु ने लोगों से कहा, “इसके बंधन खोल दो और इसे चलने-फिरने दो।” जो यहूदी मरियम से मिलने आये थे और जिन्होंने येसु का यह चमत्कार देखा उन में से बहुतों ने उस में विश्वास किया।

प्रभु का सुसमाचार।