चालीसे का पाँचवाँ इतवार - वर्ष B

पहला पाठ

ईश्वर ने मूसा को पत्थर पर अंकित यहूदियों के लिए एक विधान दिया था। बाद में ईश्वर ने नबी येरेमियस के मुख से कहा कि वह एक नया विधान पत्थर पर नहीं, बल्कि लोगों के हदय पर अंकित करेगा। यह नया विधान येसु मसीह का है, जो सारी मनुष्य जाति के लिए है।

नबी येरेमियस का ग्रंथ 31:31-34

“मैं नया विधान ठहराऊँगा। मैं उनके पापों को याद भी नहीं रखूँगा।”

प्रभु यह कहता है - वे दिन आ रहे हैं, जब मैं इस्राएल के घराने और यूदा के घराने के लिए एक नया विधान ठहराउँगा। यह उस विधान की तरह नहीं होगा जिसे मैंने उस दिन उनके पूर्वजों के लिए ठहराया था, जब मैंने उन्हें मिस्र से निकालने के लिए हाथ से पकड़ लिया था। उस विधान को उन्होंने भंग कर दिया, यद्यपि मैं उनका स्वामी था। वह समय बीत जाने के बाद मैं इस्राएल के लिए नया विधान ठहराउँगा। प्रभु की यह वाणी है: मैं अपना नियम उनके अध्यंतर में रख दूँगा, मैं उसे उनके हदय पर अंकित करूँगा। मैं उनका ईश्वर होऊँगा और वे मेरी प्रजा होंगे। इसकी जरूरत नहीं रहेगी कि वे एक दूसरे को शिक्षा दें और अपने भाइयों से कहें - प्रभु का ज्ञान प्राप्त कर लीजिए, क्योंकि छोटे और बडे, सब के सब मुझे जानेंगे। मैं उनके अपराध क्षमा कर दूँगा, मैं उनके पापों को याद भी नहीं रखूँगा।“

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 50:3-4,12-15

अनुवाक्य : “हे ईश्वर! मेरा हृदय फिर शुद्ध कर”।

1. हे ईश्वर! तू दयालु है, मुझ पर दया कर। तू दयासागर है, मेरा अपराध क्षमा कर। मेरी दुष्टता पूर्ण रूप से धो डाल, मुझ पापी को शुद्ध कर।

2. हे ईश्वर! मेरा हदय फिर से शुद्ध कर और मेरा मन सुदृढ़ बना। अपने सान्निध्य से मुझे दूर न कर और अपने पवित्र आत्मा को मुझ से न हटा।

3. मुक्ति का आनन्द मुझे फिर प्रदान कर और उदारता में मेरा मन सुदृढ़ बना। मैं विधर्मियों को तेरे मार्ग की शिक्षा दूँगा, और पापी लोग तेरे पास लौट आयेंगे।

दूसरा पाठ

येसु मसीह ने अपने दुःखभोग द्वारा हम सबों के लिए मुक्ति का द्वार खोल दिया। सन्त पौलुस हमें चेतावनी देते हैं कि हमें तभी मुक्ति मिलेगी जब हम मसीह की तरह आज्ञाओं का पालन करेंगे।

इब्रानियों के नाम पत्र 5:7-9

“उन्होंने आज्ञापालन सीख लिया और वह अनन्त मुक्ति का स्त्रोत बन गये।”

मसीह ने इस पृथ्वी पर रहते समय पुकार-पुंकार कर और आँसू बहा कर ईश्वर से, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थना और अनुनय-विनय की। श्रद्धालुता के कारण उनकी प्रार्थना सुनी गयी। ईश्वर का पुत्र होने पर भी उन्होंने दुख सह कर आज्ञापालन सीख लिया। पूर्ण रूप से सिद्ध बन कर वह उन सबों के लिए अनन्त मुक्ति का स्रोत बन गये, जो उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं।

प्रभु की वाणी।

जयघोष : योहनं 12:26

यदि कोई मेरी सेवा करना चाहे, तो वह मेरा अनुसरण करे। जहाँ मैं हूँ, वहाँ मेरा सेवक भी होगा।

सुसमाचार

येसु अपना दुःखभोग आवश्यक बताते हैं और हम से कहते हैं कि जब हम आत्मत्याग करेंगे, तभी हम अनन्त जीवन के लिए अपने को सुरक्षित रख सकेंगे।

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 12:20-33

“यदि गेहूँ का दाना मिट्टी में गिर कर मर जाता है, तो बहुत फल देता है।”

जो लोग पास्का पर्व के अवसर पर आराधना करने आये थे, उस में कुछ युनानी थे। उन्होंने फिलिप के पास आ कर यह निवेदन किया, “महाशय! हम येसु से मिलना चाहते हैं”। फिलिप गलीलिया के बेथसाइदा का निवासी था; उसने जा कर अंद्रेयस को यह बताया और अंद्रेयस ने फिलिप को साथ ले जा कर येसु को इसकी सूचना दी। येसु ने उस से कहा, “वह समय आ गया है, जब मानव पुत्र महिमान्वित किया जायगा। मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ - जब तक गेहूँ का दाना मिट्टी में गिर कर मर नहीं जाता, तब॑ तक वह अकेला ही रहता है, परन्तु यदि वह मर जाता है, तो बहुत फल देता है। जो अपने जीवन को प्यार करता है, वह उसका सर्वनाश करता है, और जो इस संसार में अपने जीवन से बैर करता है, वह उसे अनन्त जीवन के लिए सुरक्षित रखता है। यदि कोई मेरी सेवा करना चाहे, तो वह मेरा अनुसरण करे। जहाँ मैं हूँ, वहाँ मेरा सेवक भी होगा। जो कोई मेरी सेवा करेगा, मेरा पिता उसे सम्मान प्रदान करेगा।” अब मेरी आत्मा व्याकुल है; क्या मैं यह कहूँ - पिता! इस घड़ी के संकट से मुझे बचा; किन्तु इसीलिए तो मैं इस घड़ी तक आया हूँ। हे पिता! अपनी महिमा प्रकट कर।” उसी समय यह स्वर्गवाणी सुनाई पड़ी, “मैंने उसे प्रकट किया है और उसे फिर प्रकट करूँगा”। आसपास खडे लोग यह सुन कर बोले, “बादल गरजा”; कुछ लोगों ने कहा, “एक स्वर्गदूत ने उन से कुछ कहा”। येसु ने उत्तर दिया, “यह वाणी मेरे लिए नहीं, बल्कि तुम लोगों के लिए आयी है । अब इस संसार का न्याय हो रहा है; अब इस संसार का नायक निकाल दिया जायेगा। और जब मैं पृथ्वी के ऊपर उठाया जाऊँगा, तब सब मनुष्यों को अपनी ओर आकर्हित करूँगा”। उन शब्दों के द्वारा उन्होंने संकेत किया कि उनकी मृत्यु किस प्रकार की होगी।

प्रभु का सुसमाचार।