प्रभु यह कहता है, “मैं तुम्हारी कब्रों को खोल दूँगा। हे मेरी प्रजा! मैं तुम लोगों को कब्रों से निकाल कर इस्राएल की धरती पर वापस ले जाऊँगा। हे मेरी प्रजा! जब मैं तुम्हारी कब्रों को खोल कर तुम लोगों को उन में से निकालूँगा, तो तुम जान जाओगे कि मैं ही प्रभु हूँ। मैं तुम्हें अपना आत्मा प्रदान करूँगा और तुम में जीवन आ जायेगा। मैं तुम्हें तुम्हारी अपनी धरती पर बसाऊँगा और तुम लोग जान जाओगे कि मैंने, जो प्रभु हूँ, यह कहा और पूरा भी किया है। यह प्रभु का कहना है”।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : दयासागर प्रभु उदारतापूर्वक मुक्ति प्रदान करता है।
1. हे प्रभु! मैं गहरे गर्त में से तेरी दुहाई देता हूँ। हे प्रभु! तू मेरी पुकार सुन और मेरी विनती पर ध्यान देने की कृपा कर।
2. हे प्रभु! यदि तू हमारे अपराधों को याद रखेगा, तो कौन टिक सकेगा? तुझ से पापों की क्षमा मिलती ही है, इसलिए लोग तुझ पर श्रद्धा रखते हैं।
3. प्रभु ही मेरा आसरा है। मेरी आत्मां उसकी प्रतिज्ञा पर भरोसा रखती है। भोर की प्रतीक्षा करने वाले पहरेदारों से भी अधिक मेरी आत्मा प्रभु की राह देखती है। भोर की प्रतीक्षा करने वाले पहरेदारों से भी अधिक इस्राएल प्रभु की राह देखता रहे।
4. क्योंकि दयासागर प्रभु उदारतापूर्वक मुक्ति प्रदान करता है। वह इस्राएल को सब अपराधों से मुक्त करेगा।
जो लोग शरीर की वासनाओं से संचालित हैं, उन पर ईश्वर प्रसन्न नहीं होता। यदि ईश्वर का आत्मा सचमुच आप लोगों में निवास करता है, तो आप शरीर की वासनाओं से नहीं, बल्कि आत्मा से संचालित हैं। जिस मनुष्य में मसीह का आत्मा निवास नहीं करता, वह मसीह का नहीं। यदि मसीह आप में निवास करते हैं, तो पाप के फलस्वरूप शरीर भले ही मर जाये, किन्तु पाप-मुक्ति के फलस्वरूप आत्मा को जीवन प्राप्त है। जिसने येसु को मृतकों में से जिलाया, यदि उसका आत्मा आप लोगों में निवास करता है, तो जिसने येसु मसीह को मृतकों में से जिलाया है, वह अपने आत्मा द्वारा, जो आप में निवास करता हैं, आपके नश्वर शरीरों को भी जीवन प्रदान करेगा।
प्रभु की वाणी।
प्रभु कहते हैं - पुनरुत्थान और जीवन मैं हूँ। जो मुझ में विश्वास करता है, वह कभी नहीं मरेगा।
[बेथानिया का रहने वाला लाजरुस नामक व्यक्ति बीमार पड़ गया। बेथानिया मरियम और उसकी बहन मरथा का गाँव था। यह वहीं मरियम थी, जिसने इत्र से प्रभु का लेपन किया और अपने केशों से उनके चरण पोंछे । उसी का भाई लाजरुस बीमार था।]
मरथा और मरियम ने येसु को कहला भेजा, “प्रभु! देखिए, जिसे आप प्यार करते हैं, वह बीमार है”। येसु ने यह सुन कर कहा, “यह बीमारी मृत्यु के लिए नहीं, बल्कि ईश्वर की महिमा के लिए आयी है। इसके द्वारा ईश्वर का पुत्र महिमान्वित हो जायेगा”। येसु मरथा को, उसकी बहन मरियम और लाजरुस को प्यार करते थे। यह सुन कर कि लाजरुस बीमार है, वह जहाँ थे, वहाँ दो दिन और रह गये; किन्तु इसके बाद उन्होंने अपने शिष्यों से कहा, “आओ!. हम फिर यहूदिया चलें'।
[शिष्य बोले, “गुरुवर! कुछ ही दिन पहने तो यहूदी लोग आप को पत्थरों से मार डालना चाहते थे और आप फिर वहीं जा रहे हैं?” येसु ने उत्तर दिया, “क्या दिन के बारह घंटे नहीं होते? जो दिन में चलता है, वह ठोकर नहीं खाता, क्योंकि वह इस दुनिया का प्रकाश देखता है। परन्तु जो रात में चलतां है, वह ठोकर खाता है, क्योंकि उसे प्रकाश नहीं मिलता”। इतना कहने के बाद वह फिर उनसे बोले, “हमारा मित्र लाजरुस सो रहा है। मैं उसे जगाने जा रहा हूँ।” शिष्यों ने कहा, “प्रभु! यदि वह सो रहा है, तो अच्छा हो जायेगा”। येसु ने यह उसकी मृत्यु के विषय में कहा था, लेकिन उनके शिष्य यह समझे कि वह नींद के विश्राम के विषय में कह रहे हैं। इसलिए येसु ने उन से स्पष्ट शब्दों में कहा, “लाजरुस मर गया है। मैं तुम्हारे कारण प्रसन्न हूँ कि मैं वहाँ नहीं था, जिससे तुम लोग विश्वास कर सको। आओ, हम उसके पास चलें”। इस पर थोमस ने, जो यमल कहलाता था, अपने सह-शिष्यों से कहा, “हम भी चलें और इनके साथ ही मर जायें”।]
वहाँ पहुँचने पर येसु को पता चला कि लाजरुस चार दिनों से कब्र में है।
[बेथामिया येरुसालेम से दो मील से भी कम दूर था, इसलिए भाई की मृत्यु पर संवेदना प्रकट करने के लिए बहुत-से यहूदी मरथा और मरियम से मिलने आये थे।]
ज्यों ही मरथा ने यह सुना कि येसु आ रहे हैं, वह उन से मिलने गयी। मरियम घर में ही बैठी रही। मरथा ने येसु से कहा, “प्रभु! यदि आप यहाँ होते, तो मेरा भाई नहीं मरता; और मैं जानती हूँ कि अब भी आप ईश्वर से जो कुछ माँगेंगे, ईश्वर आप को वही प्रदान करेगा”। येसु ने उस से कहा, “तुम्हारा भाई जी उठेगा”। मरथा ने उत्तर दिया, "मैं जानती हूँ कि अंतिम दिन के पुनरुत्थान में जी उठेगा”। येसु ने कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं हूँ। जो मुझ में विश्वास करता है, वह मरने पर भी जीवित रहेगा और जो कोई मुझमें विश्वास करते हुए जीता है, वह कभी नहीं मरेगा। क्या तुम इस बात पर विश्वास करती हो?” उसने उत्तर दिया, “हाँ, प्रभु! मैं दुढ़ विश्वास करती हूँ कि आप वह मसीह, ईश्वर के पुत्र हैं, जो संसार में आने वाले थे”।
[वह यह कह कर चली गयी, और अपनी बहन मरियम को बुला कर उसने चुपके से उस से कहा, “गुरुवर आ गये हैं; तुम को बुलाते हैं”। वह यह सुनते ही उठ खड़ी हुई और येसु से मिलने गयी। येसु अब तक गाँव में नहीं पहुँचे थे। वह उसी स्थान पर थे, जहाँ मरथा उन से मिली थी। जो यहूदी लोग संवेदना प्रकट करने के लिए मरियम के साथ घर में थे, वे यह देख कर कि वह अचानक उठ कर बाहर चली गयी, उसके पीछे हो लिये; क्योंकि वे समझते थे वह कब्र पर रोने जा रही है। मरियम उस जगह पहुँची, जहाँ येसु थे। उन्हें देखते ही वह उनके चरणों पर गिर पड़ी और बोली, “प्रभु! यदि आप यहाँ होते, तो मेरा भाई नहीं मरता”। उसे और उसके साथ आये हुए यहूदियों को रोते देख कर,]
येसु बहुत ही व्याकुल हो उठे और आह भर कर बोले, “तुम लोगों ने उसे कहाँ रखा है?” उन्होंने कहा, “प्रभु! आइए और देखिए”। येसु रो पड़े। इस पर यहूदियों ने कहा, “देखो! यह उसे कितना प्यार करते थे”; किन्तु कुछ लोगों ने कहा, “उन्होंने तो अंधों को आँखें दी हैं। क्या यह उस को मृत्यु से नहीं बचा सकते थे?” कब्र के पास पहुँच कर येसु फिर बहुत व्याकुल हो उठे। वह कब्र एक गुफा थी, जिसके मुँह पर एक बड़ा पत्थर रखा हुआ था। येसु ने कहा, “पत्थर हटा दो”। मृतक की बहन मरथा ने उन से कहा, “प्रभु! अब तो दुर्गन्ध आती होगी। आज चौथा दिन है”। येसु ने उसे उत्तर दिया, “क्या मैंने तुमसे नहीं कहा कि यदि तुम विश्वास करोगी, तो ईश्वर की महिमा देखोगी?” इस पर लोगों ने पत्थर हटा दिया। येसु ने आँखें ऊपर उठा कर कहा, “हे पिता! मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ; तूने मेरी सुन ली है। मैं तो जानता ही था कि तू सदा मेरी सुनता है। मैंने आसपास खड़े लोगों के कारण ही ऐसा कहा, जिससे वे विश्वास करें कि तूने मुझे भेजा है”। इतना कहने के बाद येसु ने ऊँचे स्वर से पुकारा, “लाजरुस! बाहर निकल आओ! मृतक बाहर निकला। उसके हाथ और पैर पट्टीयों से बँधे हुए थे और उसके मुँह पर अँगोछा लपेटा हुआ था। येसु ने लोगों से कहा, “इसके बंधन खोल दो और इसे चलने-फिरने दो”। जो यहूदी मरियम से मिलने आये थे और जिन्होंने येसु का यह चमत्कार देखा, उन में से बहुतों ने उन पर विश्वास किया।
प्रभु का सुसमाचार।