चालीसे का तीसरा सप्ताह, बुधवार

पहला पाठ

विधि-विवरण ग्रन्थ 4:1,5-9

“नियमों का पालन करो और उन पर चलते रहो।”

मूसा ने लोगों से कहा, “हे इस्राएलियो! मैं जिन नियमों तथा आदेशों की शिक्षा तुम लोगों को आज दे रहा हूँ, उन पर ध्यान दो और उनका पालन करो, ताकि तुम जीवित रह सको और उस देश में प्रवेश कर उसे अपने अधिकार में कर सको, जिसे प्रभु, तुम्हारे पुरखों का ईश्वर तुम लोगों को देने वाला है। देखो, मैं अपने प्रभु-ईश्वर के आदेशानुसार तुम लोगों को नियमों तथा आदेशों की शिक्षा दे रहा हूँ, ताकि तुम उनका उस देश में पालन करो, जिसे तुम अपने अधिकार में कर लोगे। तुम उनका पालन करो तथा उन पर चलते रहो और इस तरह तुम अन्य राष्ट्रों की आँखों में समझदार और बुद्धिमान समझे जाओगे। जब वे उन सब आदेशों की चरचा सुनेंगे, तो बोल उठेंगे, 'उस महान्‌ राष्ट्र के समान समझदार तथा बुद्धिमान्‌ और कोई राष्ट्र नहीं है'। क्योंकि ऐसा महान्‌ राष्ट्र कहाँ हैं, जिसके देवता उनके इतने निकट हैं, जितना हमारा प्रभु-ईश्वर तब हमारे निकट है, जब-जब हम उनकी दुहाई देते हैं? और ऐसा महान्‌ राष्ट्र कहाँ है, जिसके नियम और रीतियाँ इतनी न्यायपूर्ण हैं जितनी 'यह संपूर्ण संहिता, जिसे मैं आज तुम लोगों को दे रहा हूँ। सावधान रहो। जो कुछ तुम ने अपनी आँखों से देखा है, उसे मत भुलाओ, उसे जीवन भर याद रखो और अपने पुत्र-पौत्रों को सिखाओ।”

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 147:12-13,15-16,19-20

अनुवाक्य : हे येरुसालेम! प्रभु की स्तुति कर।

1. हे येरसालेम! प्रभु की स्तुति कर। हे सियोन! अपने ईश्वर का गुणगान कर। उसने तेरे फाटकों के छड़ सुदृढ़ बना दिये, उसने तेरे यहाँ के बच्चों को आशीर्वाद दिया।

2. वह पृथ्वी को अपना आदेश देता है। उसकी वाणी शीघ्र ही फैल जाती हैं। वह ऊन की तरह हिम बरसाता और राख की तरह पाला गिराता है।

3. वह याकूब को अपना आदेश देता और इस्राएल को अपना विधान तथा नियम बताता है, उसने किसी अन्य राष्ट्र के साथ ऐसा नहीं किया; उसने किसी को अपना नियम नहीं सिखाया।

जयघोष : योहन 6:64,69

हे प्रभु! आपकी शिक्षा आत्मा और जीवन है। आपके ही शब्दों में अनन्त जीवन का संदेश है।

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 5:17-19

“जो नियमों का पालन करता और उन्हें सिखाता है, वह बड़ा समझा जायेगा।”

येसु ने अपने शिष्यों से कहा, “यह न समझो कि मैं संहिता अथवा नबियों के लेखों को रद्द करने आया हूँ। उन्हें रद्द करने नहीं, बल्कि पूरा करने आया हूँ। मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ - आकाश और पृथ्वी भले ही टल जायें, किन्तु संहिता को एक मात्रा अथवा एक बिन्दु भी बिना पूरा हुए नहीं टलेगा। इसलिए जो उन छोटी-से-छोटी आज्ञाओं में से एक को भी भंग करता और दूसरों को ऐसा करना सिखाता है, वह स्वर्गराज्य में छोटा समझा जायेगा। जो उनका पालन करता और उन्हें सिखाता है, वह स्वर्गराज्य में बड़ा समझा जायेगा।

प्रभु का सुसमाचार।