चालीसे का तीसरा सप्ताह - सोमवार

पहला पाठ

राजाओं का दूसरा ग्रन्थ 5:1-15

“इस्त्राएल में बहुत-से कोढ़ी थे। उन में से कोई नहीं, बल्कि सीरी नामन ही नीरोग किया गया है।”

अराम के राजा के सेनाध्यक्ष नामन को अपने स्वामी का सम्मान तथा कृपादृष्टि प्राप्त थी, क्योंकि प्रभु ने नामन द्वारा अरामियों को विजय दिलायी थी। वह महान्‌ योद्धा था, किन्तु कोढ़ी था। अरामी छापामार किसी समय इस्राएल के देश से एक कन्या को उठा कर ले आये थे और वह नामन की पत्नी की दासी बन गयी थी। उसने अपनी स्वामिनी से कहा, “ओह! यदि मेरे स्वामी समारिया में रहने वाले नबी से मिल जाते, तो वह उन्हें कोढ़ से मुक्त कर देते।” नामन ने अपने स्वामी को बताया कि इस्राएली कन्या ने क्या-क्या कहा है। इस पर अराम का राजा बोला, “तुम वहाँ जाओ। मैं तुम्हें इस्राएल के राजा के नाम एक पत्र दूँगा।” नामन चल पड़ा और वह चाँदी के दस तोड़े, सोने की छह हजार अशर्फियाँ और दस जोड़े कपड़े अपने साथ ले गया। उसने इस्राएल के राजा को वह पत्र दिया। उस में यह लिखा था, “मैं इस पत्र के साथ अपने सेवक नामन को आपके पास भेजता हूँ, जिससे आप उसे कोढ़ से मुक्त कर दें।” इस्राएल का राजा पत्र पढ़ते ही अपने वस्त्र फाड़ कर बोल उठा, “मैं तो ईश्वर नहीं हूँ, जो मार और जिला सकता है! तो, उसने किसी को कोढ़ से मुक्त करने के लिए क्यों मेरे पास भेजा है? वह निश्चय ही मुझ से लड़ने का बहाना ढूँढ़ रहा है।” जब ईश्वर-भक्त एलीसय को यह पता चला कि इस्राएल के राजा ने अपने वस्त्र फाड़ डाले हैं, तो उसने राजा के पास यह कहला भेजा, “आपने क्यों अपने वस्त्र फाड़ डाले हैं? वह मेरे पास आये, तो वह जान जायेगा कि इस्राएल में एक नबी विद्यमान है।” इसलिए नामन अपने घोड़ों और रथों के साथ आ कर 'एलीसय के घर के द्वार पर खड़ा हो गया। एलीसय ने उसे यह संदेश कहला भेजा, “आप जा कर यर्दन नदी में सात बार स्नान कीजिए, आपका शरीर स्वच्छ हो जायेगा और आप शुद्ध हो जायेंगे।” नामान क्रुध्द हो उठा और यह कहते हुए चला गया, “मैं समझ रहा था कि वह स्वयं बाहर आ कर मुझ से मिलेंगे, अपने प्रभु -ईश्वर का नाम ले कर प्रार्थना करेंगे और कोढ़ के स्थान पर हाथ फेर कर उसे दूर कर देंगे। क्या दमिश्क की अबाना और फरपर नामक नदियों का जल इस्राएल के सब जलाशयों से बढ़कर नहीं है? क्या मैं उन में स्नान कर शुद्ध नहीं हो सकता था?'' इस पर वह मुड कर क्रोध के आवेश में चला गया। उसके सेवक उसके पास आये और यह कह कर उसे समझाने लगे, “पिता! यदि नबी ने आप को कोई कठिन कार्य करने को कहा होता, तो आप उसे अवश्य करते। जब उन्होंने इतना ही कहा - स्नान कीजिए और आप शुद्ध हो जायेंगे, तो आप को ऐसा अवश्य करना चाहिए।” इसलिए उसने जा कर यर्देन नदी में सात बार डुबकी लगायी, जैसा कि एलीसय ने उस से कहा था, और उसका शरीर फिर छोटे बालक के शरीर जैसा स्वच्छ हो गया। वह अपने सब परिजनों के साथ एलीसय के यहाँ लौटा। वह भीतर जा कर उसके सामने खड़ा हो गया और बोला, “अब मैं जान गया हूँ कि इस्राएल को छोड़ कर और कहीं पृथ्वी पर कोई देवता नहीं है।”

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 41:2-3; 42:3-4

अनुवाक्य : मेरी आत्मा ईश्वर की, जीवन्त ईश्वर की प्यासी है। मैं कब जा कर ईश्वर के दर्शन करूँगा?

1. हे मेरे ईश्वर! हरिणी जैसे जलधारा के लिए तरसती है, मेरी आत्मा वैसे ही तेरे लिए तरसती है।

2. मेरी आत्मा ईश्वर की, जीवन्त ईश्वर की प्यासी है। मैं कब जा कर ईश्वर के दर्शन करूँगा?

<>3. अपनी ज्योति और अपना सत्य भेज दे। वे मुझे मार्ग 'दिखायें और मुझे तेरे पवित्र पर्वत तक, तेरे निवासस्थान तक पहुँचा दें।

4. मैं ईश्वर की वेदी के पास जाऊँगा, ईश्वर के पास, जो मेरा आनन्द है। मैं वीणा बजा कर अपने प्रभु-ईश्वर की स्तुति करूँगा।

जयघोष : स्तोत्र 129:5,7

प्रभु ही मेरा आसरा है। मैं उसकी प्रतिज्ञा पर भरोसा रखता हूँ। दयासागर प्रभु उदारतापूर्वक मुक्ति प्रदान करता है।

सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 4:24-30

एलियस और एलिसेयुस की तरह येसु केवल यहूदियों के पास नहीं भेजे जाते हैं।

येसु ने नाजरेत आ कर सभागृह में लोगों से कहा, ''मैं तुम से कहे देता हूँ - अपनी मातृभूमि में नबी का स्वागत नहीं होता मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूँ कि जब एलियस के दिनों में साढ़े तीन वर्षों तक पानी नहीं बरसा और सारे देश में घोर अकाल पड़ा था, तो उस समय इस्राएल में बहुत-सी विधवाएँ थीं। फिर भी एलिसय उन में से किसी के पास नहीं भेजा गया - वह सिदोन के सरेप्ता की एक विधवा के पास ही भेजा गया था। और नबी एलिसेयुस के दिनों में इस्राएल में बहुत-से कोढ़ी थे। फिर भी उन में से कोई नहीं, बल्कि सीरी नामन ही नीरोग किया गया था।” यह सुन कर सभागृह के सब लोग बहुत क्रुध्द हो गये। वे उठ खड़े हुए और उन्होंने येसु को नगर से बाहर निकाल दिया। जिस पहाड़ी पर उनका नगर बसा था, वे येसु को उसकी चोटी तक ले गये, ताकि उन्हें नीचे गिरा दें; परन्तु वह उनके बीच से निकल कर चले गये।

प्रभु का सुसमाचार।