चालीसे का दूसरा सप्ताह - बुधवार

पहला पाठ

नबी येरेमियस का ग्रन्थ 18:18-20

“आओ, हम उस पर झूठा आरोप लगायें।”

उन्होंने कहा, “आओ ! हम येरेमियस के विरुद्ध षड्यंत्र रचें। पुरोहितों से शिक्षा मिलती रहती है,' बृद्धिमानों से सत्परामर्श और नबियों से भविष्यवाणी। आओ ! हम उस पर झूठा आरोप लगायें, हम उसकी किसी भी बात पर ध्यान न दें।” हे प्रभु ! तू मेरी पुकार सुन, तू मेरे विलाप पर ध्यान दे। क्या भलाई के बदले में बुराई करना उचित है? उन्होंने तो मेरे लिए गर्त्त खोदा है। याद कर कि उनके पक्ष में बोलने और उन पर से तेरा क्रोध दूर करने के लिए मैं तेरे सामने खड़ा रहा।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 30:5-6,14-16

अनुवाक्य : हे प्रभु ! तू दयासागर है। मुझे बचाने की कृपा कर।

1. उन्होंने मेरे लिए जो जाल बिछाया है, तू मुझे उस से छुड़ा, क्योंकि तू ही मेरा सहारा है। मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों सौंप देता हूँ। हे प्रभु ! तू ही मेरा उद्धार करेगा।

2. मैं लोगों की निन्दा सुनता रहता हूँ, मैं चारों ओर आतंक से घिरा हुआ हूँ। वे मेरे विरुद्ध षड्यंत्र रचते हैं, वे मुझे मार डालना चाहते हैं।

3. हे प्रभु ! तुझ पर ही मेरा भरोसां है। मैंने कहा, तू ही मेरा ईश्वर है। तेरे ही हाथों मेरा भाग्य है। शत्रुओं और अत्याचारियों से मुझे बचा।

जयघोष : योहन 8:2

प्रभु कहते हैं, "संसार की ज्योति मैं हूँ। जो मेरा अनुसरण करता है, उसे जीवन की ज्योति प्राप्त होगी।”

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 20:17-28

“वे उसे प्राणदण्ड दिलायेंगे।”

येसु येरुसालेम के मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे। बारहों को अलग ले जा कर उन्होंने रास्ते में उन से कहा,’‘ देखो, हम येरुसालेम जा रहे हैं। मानव पुत्र महायाजकों और शास्त्रियों के हवाले कर दिया जायेगा। वे उसे प्राणदण्ड की आज्ञा सुना कर ग़ैरयहूदियों के हवाले कर देंगे, जिससे वे उसका उपहास करें, उसे कोड़े लगायें और क्रूस पर चढ़ायें; लेकिन तीसरे दिन वह जी उठेगा।” उस समय जेबेदी के पुत्रों की माता अपने पुत्रों के साथ येसु के पास आयी और उसने दण्डवत्‌ करके उन से एक निवेदन करना चाहा। येसु ने उस से कहा, “क्या चाहती हो? '' उसने उत्तर दिया, “ये मेरे दो बेटे हैं। आप आज्ञा दीजिए कि आपके राज्य में एक आपके दायें बैठे और एक आपके बायें।” येसु ने उन से कहा, “तुम नहीं जानते कि क्या माँग रहे हो। जो प्याला मैं पीने वाला हूँ, क्या तुम उसे पी सकते हो? '' उन्होंने उत्तर दिया,’‘हम पी सकते हैं।”' इस पर येसु ने उन से कहा,’‘ मेरा प्याला तो तुम पिओगे, किन्तु तुम्हें अपने दायें या बायें बैठने देने का अधिकार मेरा नहीं है। वे स्थान उन लोगों के लिए हैं, जिनके लिए मेरे पिता ने उन्हें तैयार किया है।” जब दस प्रेरितों को यह मालूम हुआ, तो वे दोनों भाइयों पर क्रुध हो गये। येसु ने अपने शिष्यों को अपने पास बुला कर कहा, “तुम जानते हो कि संसार के अधिपति अपनी प्रजा पर निरंकुश शासन करते हैं और सत्ताधारी लोगों पर अधिकार जताते हैं। तुम में ऐसी बात नहीं होगी। जो तुम लोगों में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने और जो तुम में प्रधान होना चाहे, वह तुम्हारा दास बने; क्योंकि मानव पुत्र भी अपनी सेवा कराने नहीं, बल्कि सेवा करने तथा बहुतों के उद्धार के लिए अपने प्राण देने आया है।”

प्रभु का सुसमाचार।