हे प्रभु ! महान एवं भीषण ईश्वर ! तू अपना विधान बनाये रखता है। तू उन लोगों पर दयादृष्टि करता है, जो तुझे प्यार करते और तेरी आज्ञाओं का पालन करते हैं। हम लोगों ने पाप किया है, हमने अधर्म और बुराई की है, हमने तेरे विरुद्ध विद्रोह किया है। हमने तेरी आज्ञाओं तथा नियमों का मार्ग त्याग दिया है। नबी, तेरे सेवक, हमारे राजाओं, नेताओं, पुरखों और समस्त देश के लोगों को उपदेश देते थे। हमने उनकी शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया है। हे प्रभु ! तू न्यायी है और यहूदिया के लोग, येरुसालेम के निवासी, समस्त इस्राएली, चाहे वे निकट रहते हों चाहे उन दूर देशों में, जहाँ तूने उन्हें विश्वासघात के कारण बिखेर दिया है, हम सब के सब कलंकित हैं। हें प्रभु ! हम सब कलंकित हैं - हमारे राजा, हमारे शासक और हमारे पुरखे, क्योंकि हमने तेरे विरुद्ध पाप किया है। हमारा प्रभु-ईश्वर हम पर दयादृष्टि करे और हमें क्षमा प्रदान करे, क्योंकि हमने उसके विरुद्ध विद्रोह किया और अपने प्रभु-ईश्वर की वाणी अनसुनी कर दी है। उसने अपने सेवकों, अपने नबियों द्वारा जो नियम हमारे सामने रखे थे, हमने उनका पालन नहीं किया।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु ! हमारे पापों के अनुसार हमारे साथ व्यवहार न कर।
1. हमारे पूर्वजों के पापों के कारण हम पर अप्रसन्न न हो। शीघ्र ही हम पर दया कर क्योंकि हम घोर संकट में पड़े हैं।
2. हे ईश्वर ! हमारे मुक्तिदाता ! अपने नाम की महिमा के हेतु हमारी सहायता कर। हे प्रभु ! अपने नाम के हेतु हमारे पाप क्षमा कर।
3. बंदियों की कराह तेरे पास पहुँचे। अपने भुजबल द्वारा मरने वालों को बचा।
4. हम तेरी प्रजा हैं, तेरे चरागाह की भेड़ें, हम सदा तुझे धन्यवाद देते रहेंगे और युग-युगों तक तेरी स्तुति करेंगे।
हे प्रभु ! तेरी शिक्षा आत्मा और जीवन है। तेरे शब्दों में अनन्त जीवन का संदेश है।
येसु ने अपने शिष्यों से कहा, “अपने स्वर्गिक पिता जैसे दयालु बनो। दोष न लगाओ' और तुम पर भी दोष नहीं लगाया जायेगा। किसी के विरुद्ध निर्णय न दो और तुम्हारे विरुद्ध भी निर्णय नहीं दिया जायेगा। क्षमा करो और तुम्हें भी क्षमा मिल जायेगी। दो और तुम्हें भी दिया जायेगा। दबा-दबा कर, हिला-हिला कर भरी हुई, ऊपर उठी हुई, पूरी की पूरी नाप तुम्हारी गोद में डाली जायेगी; क्योंकि जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिए भी नापा जायेगा।”
प्रभु का सुसमाचार।