चालीसे का पहला सप्ताह – शुक्रवार

पहला पाठ

नबी एजेकिएल का ग्रन्थ 18:21-28

“क्या मैं दुष्ट की मृत्यु से प्रसन्न हूँ? क्या मैं यह नहीं चाहता कि वह अपना मार्ग छोड़ दे और जीवित रहे?''

प्रभु-ईश्वर यह कहता है,’‘यदि पापी, अपना पुराना पापमय जीवन त्याग कर, मेरी सब आज्ञाओं का पालन करता और धार्मिकता तथा न्याय के पथ पर चलने लगता है, तो वह अवश्य जीवित रहेगा, मरेगा नहीं। उसके सब पापों को भुला दिया जायेगा और वह अपनी धार्मिकता के कारण जीवित रहेगा। प्रभु-ईश्वर का यह कहना है - क्याय मैं दुष्ट की मृत्यु से प्रसन्न हूँ? क्या मैं यह नहीं चाहता कि वह अपना मार्ग छोड़ दे और जीवित रहे? किन्तु यदि भला मनुष्य अपनी धार्मिकता त्याग कर दुष्ट की तरह घृणित पाप करने लगता है, तो क्या वह जीवित रहेगा? उसकी समस्त धार्मिकता को भुला दिया जायेगा और वह अपने अधर्म तथा पाप के. कारण मर जायेगा। तुम लोग कहते हो कि प्रभु अन्याय करता है। हे इस्राएलियो ! मेरी बात सुनो। मैं अन्याय नहीं करता। तुम लोग अवश्य अन्याय करते हो। यदि कोई भला मनुष्य अपनी धार्मिकता त्याग कर अधर्म करने लगता और मर जाता है, तो वह अपने पाप के कारण मरता है। और यदि कोई पापी अपना पापमय जीवन त्याग कर धार्मिकता और न्याय के पथ पर चलने लगता है, तो वह अपने जीवन को सुरक्षित रखेगा। यदि उसने अपने पुराने पापों को छोड़ देने का निश्चय किया है, तो वह अवश्य जीवित रहेगा, मरेगा नहीं।”

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 129:1-8

अनुवाक्य : हे प्रभु ! यदि तू हमारे अपराधों को याद रखेगा, तो कौन टिक सकेगा?

1. हे प्रभु! मैं गहरे गर्त में से तेरी दुहाई देता हूँ। हे प्रभु ! तू मेरी पुकार सुन और मेरी विनती पर ध्यान देने की कृपा कर।

2. हे प्रभु ! यदि तू हमारे अपराधों को याद रखेगा, तो कौन टिक सकेगा? तुझ से पापों की क्षमा मिलती ही है, इसलिए लोग तुझ पर श्रद्धा रखते हैं।

3. प्रभु ही मेरा आसरा है। मेरी आत्मा उसकी प्रतिज्ञा पर भरोसा रखती है। भोर की प्रतीक्षा करने वाले पहरेदारों से भी अधिक मेरी आत्मा प्रभु की राह देखती है। भोर की प्रतीक्षा करने वाले पहरेदारों से भी अधिक इस्राएल प्रभु की राह देखता रहे।

4. क्योंकि दयासागर प्रभु उदारतापूर्वक मुक्ति प्रदान करता है। वह इस्राएल को सब अपराधों से मुक्त करेगा।

सुसमाचार

जयघोष : एजे० 18:31

प्रभु कहता है, “अपने पुराने पापों का भार फेंक दो। एक नया हृदय और एक नया मनोभाव धारण करो।”

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 5:20-26

“पहले अपने भाई से मेल करने जाओ।”

येसु ने अपने शिष्यों से कहा, “यदि तुम्हारी धार्मिकता शास्त्रियों और फरीसियों की धार्मिकता से गहरी नहीं हुई, तो तुम स्वर्गराज्य में प्रवेश नहीं करोगे।” “तुम लोगों ने सुना है कि पूर्वजों से कहा गया है - हत्या मत करो। यदि कोई हत्या करे, तो वह कचहरी में दण्ड के योग्य ठहराया जायेगा। परन्तु मैं तुम से कहे देता हूँ - जो अपने भाई पर क्रोध करता है, वह कचहरी में दण्ड के योग्य ठहराया जायेगा। यदि वह अपने भाई से कहे, रे मूर्ख ! ', तो वह महासभा में दण्ड के योग्य ठहराया जायेगा। और यदि वह कहे, 'रे नास्तिक ! ', तो वह नरक की आग के योग्य ठहराया जायेगा। ' “जब तुम बेदी पर अपनी भेंट चढ़ा रहे हो और तुम्हें वहाँ याद आये कि मेरे भाई को मुझ से कोई शिकायत है, तो अपनी भेंट वहीं वेदी के सामने छोड़ कर पहले अपने भाई से मेल करने जाओ और तब आ कर अपनी भेंट चढ़ाओ।” “कचहरी जाते समय रास्ते में ही अपने मुद्दई से समझौता कर लो। कहीं ऐसा न हो कि वह तुम्हें न्यायकर्त्त के हवाले कर दे, न्यायकर्त्ता तुम्हें प्यादे के हवाले कर दे और प्यादा तुम्हें बंदीगृह में डाल दे। मैं तुम से कहे देता हूँ - जब तक कौड़ी-कौड़ी न चुका दोगे, तब तक वहाँ से नहीं निकल पाओगे।”

प्रभु का सुसमाचार।