चालीसे का पहला इतवार - चक्र B

पहला पाठ

ईश्वर ने नूह के लिए जो विधान घोषित किया था, वह सारी मनुष्य जाति से संबंध रखता था और येसु मसीह में पूर्णता प्राप्त करने वाला था।

उत्त्पत्ति-ग्रंथ 9:8-15

“इंश्वर मनुष्य के लिए अपना विधान घोषित करता है।”

जलप्रलय के पश्चात्‌ ईश्वर ने नूह और उसके पुत्रों से कहा, “देखो ! मैं तुम्हारे और तुम्हारे वंशजों के लिए अपना विधान ठहराता हूँ; और जो प्राणी तुम्हारे चारों ओर विद्यमान हैं, अर्थात्‌ पक्षी, चौपाये और सब जंगली जानवर, जो कुछ जहाज से निकला हैं और पृथ्वी भर के सब पशु - उन प्राणियों के लिए भी। मैं तुम्हारे लिए यह विधान ठहराता हूँ - कोई भी प्राणी जलप्रलय से फिर नष्ट नहीं होगा और फिर कभी पृथ्वी को कोई जलप्रलय उजाड़ नहीं बनायेगा”। ईश्वर ने यह भी कहा, “मैं तुम्हारे लिए, तुम्हारे साथ रहने वाले सभी प्राणियों के लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए जो विधान ठहराता हूँ, इसका चिह्न यह होगा - मैं बादलों के बीच अपना इन्द्रधनुष रख देता हूँ; वह पृथ्वी के लिए ठहराये हुए मेरे विधान का चिह्न होगा। जब मैं पृथ्वी के ऊपर बादल एकत्र कर लूँगा और बादलों के बीच वह इन्द्रधनुष दिखाई देगा, तब मैं तुम्हारे लिए और सब प्राणियों के लिए ठहराये हुए अपने विधान को याद करूँगा और फिर कभी जलप्रलय सभी शरीरधारियों का विनाश नहीं करेगा”।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 24:4-9

अनुवाक्य : हे प्रभु, तेरे मार्ग प्रेम और सच्चाई के मार्ग हैं।

1. हे प्रभु ! तू मुझे अपने मार्ग दिखा, मुझे अपने पथ बता। मुझे अपनी सच्चाई के मार्ग पर ले चल। और मुझे शिक्षा देने की कृपा कर।

2. हे प्रभु ! अपनी करुणा और दयालुता याद कर, जो अनन्तकाल से बनी हुई हैं। हे प्रभु ! तू दयालु और भला है, तू मेरी सुध लेने की कृपा कर।

3. प्रभु भला और न्यायी है; वह पापियों को मार्ग पर लाता है। वह दीनों को सन्मार्ग पर ले चलता और पद्दलितों को अपना मार्ग बताता है।

दूसरा पाठ

सन्त पेत्रुस कहते हैं कि नूह के जहाज़ द्वारा केवल आठ मनुष्य जलप्रलय से बच गये थे, किन्तु मसीह के बपतिस्मा द्वारा सबों को मुक्ति मिल सकती है।

सन्त पेत्रुस का पहला पत्र 3:18-22

“बपतिस्मा का जल हमें हमारे पापों से मुक्त कर देता है।''

मसीह एक बार पापों के प्रायश्चित्त के लिए मर गये, धर्मी अधर्मियों के लिए मर गये, जिससे वह हम लोगों को ईश्वर के पास ले जायें। वह शरीर की दृष्टि से तो मारे गये, किन्तु आत्मा की दृष्टि से जिलाये गये। इसी स्थिति में वह कैदी आत्माओं को मुक्ति का संदेश सुनाने गये। उन लोगों ने बहुत पहले ईश्वर के विरुद्ध विद्रोह किया था, जब वह धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहा था और नूह का जहाज बन रहा था। उस जहाज में थोड़े ही अर्थात्‌ आठ प्राणी जल से बच गये थे। यह बपतिस्मा का प्रतीक है, जो अब आप लोगों को बचाता है। बपतिस्मा का अर्थ शरीर का मैल धो डालना नहीं है, बल्कि शुद्ध हृदय से अपने को ईश्वर के प्रति समर्पित करना है। वह बपतिस्मा येसु मसीह के पुनरुत्थान द्वारा हमें बचाता है। येसु स्वर्ग गये और ईश्वर के दाहिने विराजमान हो कर स्वर्ग के सभी दूतों पर शासन करते हैं।

प्रभु की वाणी।

जयघोष : मत्ती 4:4

मनुष्य रोटी से ही नहीं जीता है; वह ईश्वर के मुख से निकलने वाले हर एक शब्द से जीता है।

सुसमाचार

निर्जन प्रदेश में येसु मसीह की परीक्षा ली गयी थी। इसी तरह हर मनुष्य को ईश्वर और संसार में से एक को चुनना पड़ता है। हम चाहें तो ईश्वर के प्रति ईमानदार रह सकते हैं और संसार के कल्याण के लिए कार्य कर सकते हैं। ईश्वर का राज्य अब भी निकट है - ईश्वर हमारा सहयोग चाहता है।

मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार

“शैतान उनकी परीक्षा लेता था और स्वर्गदूत उनकी सेवा करते थे।”

येसु के बपतिस्मा के बाद आत्मा उन्हें निर्जन प्रदेश ले चला। येसु चालीस दिन वहाँ रहे और शैतान ने उनकी परीक्षा ली। वह बनैले पशुओं के साथ रहते थे और स्वर्गदूत उनकी सेवा करते थे। योहन के गिरफ्तार हो जाने के बाद येसु गलीलिया आये और यह कह कर सुसमाचार का प्रचार करने लगे, “समय पूरा हो चुका है। ईश्वर का राज्य निकट आ गया है। पश्चात्ताप करो और सुसमाचार में विश्वास करो।”

प्रभु का सुसमाचार।