राख-बुध के बाद का बृहस्पतिवार

पहला पाठ

विधि-विवरण ग्रन्थ 30:15-20

“आज मैं तुम लोगों के सामने जीवन और मृत्यु रख रहा हूँ।”

मूसा ने लोगों से कहा, “आज मैं तुम लोगों के सामने जीवन और मृत्यु, भलाई और बुराई, दोनों रख रहा हूँ.। तुम्हारे प्रभु-ईश्वर की जो आज्ञाएँ मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ, यदि तुम उनका पालन करोगे, यदि तुम अपने प्रभु-ईश्वर को प्यार करोगे, उसके मार्ग पर चलोगे और उसकी आज्ञाओं, विधियों तथा नियमों का पालन करोगे, तो जीवित रहोगे, तुम्हारी संख्या बढ़ती जायेगी और जिस देश पर तुम अधिकार करने जा रहे हो, उस में प्रभु-ईश्वर तुम्हें आशीर्वाद प्रदान करेगा। परन्तु यदि तुम्हारा मन भटक जायेगा, यदि तुम नहीं सुनोगे और अन्य देवताओं की आराधना तथा सेवा के प्रलोभन में पड़ जाओगे, तो मैं आज तुम लोगों से कहे देता हूँ कि तुम अवश्य ही नष्ट हो जाओगे और यर्दन नदी पार कर जिस देश पर तुम अधिकार करने जा रहे हो, तुम वहाँ बहुत समय तक नहीं रहने पाओगे। मैं आज तुम लोगों के विरुद्ध स्वर्ग और पृथ्वी को साक्षी बनाता हूँ - मैं तुम्हारे सामने जीवन और मृत्यु, भलाई और बुराई रख रहा हूँ। तुम लोग जीवन को चुन लो, जिससे तुम और तुम्हारे वंशज जीवित रह सकें। अपने प्रभु ईश्वर को प्यार करो, उसकी बात मानो और उसकी सेवा करते रहो। इसी में तुम्हारा जीवन है और ऐसा करने से तुम बहुत समय तक उस देश में रह पाओगे जिसे प्रभु ने, शपथ खा कर, तुम्हारे पूर्वजों इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने की प्रतिज्ञा की है।”

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 1:1-4,6

अनुवाक्य : धन्य है वह मनुष्य, जो ईश्वर पर भरोसा रखता है।

1. धन्य है वह मनुष्य, जो दुष्टों की सलाह नहीं सुनता, जो पापियों के मार्ग पर नहीं चलता और अधर्मियों के साथ नहीं बैठता, जो प्रभु का नियम हृदय से चाहता और रात-दिन उसका मनन करता है।

2. वह उस वृक्ष के सदृश है, जो जलस्रोत के पास लगाया गया है, जो समय पर फल देता है और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। वह मनुष्य अपने सब कामों में सफल हो जाता है।

3. दुष्ट लोग ऐसा नहीं होते, नहीं होते; वे तो पवन द्वारा छितरायी हुई भूसी के सदृश हैं। प्रभु धर्मियों के मार्ग की रक्षा करता है, किन्तु दुष्टों का मार्ग विनाश की ओर ले जाता है।

जयघोष : मत्ती 4:17

प्रभु कहते हैं - पश्चात्ताप करो। स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।

सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 9:22-25

”जो मेरे कारण अपना जीवन खो देता है, वह उसे सुरक्षित रखेगा।”

येसु ने अपने शिष्यों से कहा, “मानव पुत्र को बहुत दुःख उठाना होगा; नेताओं, महायाजकों और शास्त्रियों द्वारा ठुकराया जाना, मार डाला जाना और तीसरे दिन जी उठना होगा।” इसके बाद येसु ने सबों से कहा, “यदि कोई मेरा अनुकरण करना चाहे, तो वह आत्मत्याग करे और प्रतिदिन अपना क्रूस उठा कर मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो अपना जीवन सुरक्षित रखना चाहता है, वह उसे खो देगा और जो मेरे कारण अपना जीवन खो देता हैं, वह उसे सुरक्षित रखेगा। मनुष्य को इस से क्या लाभ यदि वह सारा संसार तो प्राप्त कर ले, लेकिन अपना जीवन ही गँवा दे या अपना सर्वनाश करे?”

प्रभु का सुसमाचार।