मूसा ने सिनाई पर्वत से उतर कर प्रभु के सब वचन और आदेश लोगों को सुनाये। लोगों ने एक स्वर से इस प्रकार उत्तर दिया, "प्रभु ने जो कुछ कहा है, हम उसका पालन करेंगे।" मूसा ने प्रभु के सब आदेश लिख दिये और दूसरे दिन, भोर को, उसने पर्वत के नीचे एक वेदी बनायी और इस्राएल के बारह वंशों के लिए बारह पत्थर खड़े कर दिये। उसने इस्राएली नवयुवकों को आदेश दिया कि वे होमबलि चढ़ायें और शांतियज्ञ के लिए बछड़ों का वध करें। तब मूसा ने पशुओं का आधा रक्त पात्रों में इकट्ठा किया और आधा वेदी पर छिड़क दिया। उसने विधान की पुस्तक ली और उसे लोगों को पढ़ सुनाया। लोगों ने उत्तर दिया, "प्रभु ने जो कुछ कहा है, हम उनके अनुसार चलेंगे और उसका पालन करेंगे।" इस पर मूसा ने रक्त ले लिया, और उसे लोगों पर छिड़कते हुए कहा, "यह उस विधान का रक्त है, जिसे प्रभु ने उन सब आदेशों के माध्यम से तुम लोगों के लिए ठहराया है।"
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : आशिष का वह प्याला, जिस पर हम आशिष की प्रार्थना पढ़ते हैं, हमें मसीह के रक्त में सहभागी बनाता है।
1. प्रभु के सब उपकारों के लिए मैं उसे क्या दे सकता हूँ? मैं मुक्ति का प्याला उठा कर प्रभु का नाम लूँगा।
2. अपने भक्तों की मृत्यु से प्रभु को भी दुःख होता है। हे प्रभु! मैं तेरा सेवक हूँ, तेरा दास हूँ। तूने मेरे बन्धन खोल दिये।
3. मैं प्रभु का नाम लेते हुए धन्यवाद का बलिदान चढ़ाऊँगा, प्रभु की सारी प्रजा के सामने प्रभु के लिए अपनी मन्नतें पूरी करूँगा।
मसीह हमारे भावी कल्याण के महायाजक के रूप में आये और उन्होंने एक ऐसे तम्बू को पार किया जो यहूदियों के तम्बू से महान् और श्रेष्ठ है, जो मनुष्य के हाथ से नहीं बना और अपना ही रक्त ले कर सदा के लिए एक ही बार परमपावन स्थान में प्रवेश किया और इस तरह हमारे लिए सदा-सर्वदा बना रहने वाला उद्धार प्राप्त किया। याजक बकरों तथा साँड़ों का रक्त और कलोर की राख अशुद्ध लोगों पर छिड़क देता है और उनका शरीर फिर शुद्ध हो जाता है। यदि उस में पवित्र करने की शक्ति है तो फिर मसीह का रक्त, जिसे उन्होंने शाश्वत आत्मा के द्वारा निर्दोष बलि के रूप में ईश्वर को अर्पित किया था, हमारे अन्तःकरण को पापों से क्यों नहीं शुद्ध करेगा और हमें जीवन्त ईश्वर की सेवा के योग्य बनायेगा? मसीह पहले विधान के समय किये हुए अपराधों की क्षमा के लिए मर गये हैं और इस प्रकार वह एक नये विधान के मध्यस्थ हैं। ईश्वर जिन्हें बुलाते हैं, वे अब उसकी प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त काल तक बनी रहने वाली विरासत प्राप्त करते हैं।
प्रभु की वाणी।
(अल्लेलूया, अल्लेलूया !) प्रभु कहते हैं, "स्वर्ग से उतरी हुई रोटी मैं हूँ। यदि कोई वह रोटी खाये, तो वह सदा जीवित रहेगा। " (अल्लेलूया !)
बेख़मीर रोटी के पहले दिन, जब पास्का के मेमने की बलि चढ़ायी जाती है, शिष्यों ने येसु से कहा, "आप क्या चाहते हैं? हम कहाँ जा कर आपके लिए पास्का-भोज की तैयारी करें?" येसु ने दो शिष्यों को यह कह कर भेजा, "शहर जाओ। तुम्हें पानी का घड़ा लिए हुए एक पुरुष मिलेगा। उसके पीछे-पीछे चलो और वह जिस घर में प्रवेश करे, उस घर के स्वामी से कहो, 'गुरुवर कहते हैं - मेरे लिए अतिथिशाला कहाँ है, जहाँ मैं अपने शिष्यों के साथ पास्का का भोजन करूँ'? और वह तुम्हें ऊपर एक सजा-सजाया कमरा दिखा देगा। वहीं हम लोगों के लिए तैयार करो।" शिष्य चले गये। येसु ने जैसा कहा था, उन्होंने शहर पहुँच कर सब कुछ वैसा ही पाया और पास्का भोज की तैयारी कर ली। उनके भोजन करते समय येसु ने रोटी ले ली, और आशिष की प्रार्थना पढ़ने के बाद उसे तोड़ा और यह कहते हुए शिष्यों को दिया, "ले लो; यह मेरा शरीर है।" तब उन्होंने प्याला ले कर धन्यवाद की प्रार्थना पढ़ी और उसे शिष्यों को दिया और सब ने उस में से पिया। येसु ने उन से कहा, "यह मेरा रक्त है, विधान का रक्त, जो बहुतों के लिए बहाया जा रहा है। मैं तुम से कहे देता हूँ - जब तक मैं ईश्वर के राज्य में नवीन रस न पी लूँ, तब तक मैं दाख का रस फिर नहीं पीऊँगा।" भजन गाने के बाद वे जैतून पहाड़ चल दिये।
प्रभु का सुसमाचार।