पास्का का सातवाँ सत्पाह - शुक्रवार

पहला पाठ

प्रेरित-चरित 25:13-21

“येसु जो मर चुके हैं, किन्तु पौलुस जिनके जीवित होने का दावा करता है।”

राजा अग्रिप्पा और बेरनिस कैसरिया पहुँचे और फेलिक्स का अभिवादन करने आये। वे वहाँ कई दिन रहे और इस बीच फेस्तुस ने पौलुस का मामला राजा के सामने प्रस्तुत करते हुए कहा, "फेलिक्स यहाँ एक व्यक्ति को बन्दीगृह में छोड़ गया है। जब मैं येरुसालेम में था, तो महायाजकों तथा नेताओं ने उस पर अभियोग लगाया और निवेदन किया कि उसे दण्डाज्ञा दी जाये। मैंने उत्तर दिया, 'जब तक अभियुक्त को अभियोगियों के आमने-सामने न खड़ा किया जाये और उसे अभियोग के विषय में सफाई देने का अवसर न मिले, तब तक किसी को प्रसन्न करने के लिए अभियुक्त को उसके हवाले कर देना - यह रोमियों की प्रथा नहीं है।' इसलिए वे यहाँ आये और मैंने दूसरे ही दिन अदालत में बैठ कर उस व्यक्ति को बुला भेजा। किन्तु जिन अपराधों का मुझे अनुमान था, उनके विषय में उन्होंने उस पर कोई अभियोग नहीं लगाया। उन्हें केवल अपने धर्म से संबंधित कुछ बातों में उस से मतभेद था और येसु नामक एक व्यक्ति के विषय में, जो मर चुका है, किन्तु पौलुस जिनके जीवित होने का दावा करता है। मैं यह वाद-विवाद सुन कर असमंजस में पड़ गया। इसलिए मैंने पौलुस से पूछा कि क्या तुम येरुसालेम जाने के लिए तैयार हो, जिससे वहाँ इन बातों के विषय में तुम्हारा न्याय किया जाये। किन्तु पौलुस ने आवेदन किया कि सम्राट् का फैसला हो जाने तक उसे बन्दीगृह में रहने दिया जाये। इसलिए मैंने आदेश दिया कि जब तक मैं उसे कैसर के पास न भेजूँ तब तक वह बन्दीगृह में रहे।”

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 102:1-2,11-12,19-20

अनुवाक्य : प्रभु ने स्वर्ग में अपना सिंहासन स्थापित किया है। (अथवा : अल्लेलूया!)

1. मेरी आत्मा प्रभु को धन्य कहे, मेरा सर्वस्व उसके पवित्र नाम की स्तुति करे। मेरी आत्मा प्रभु को धन्य कहे और उसके वरदानों को कभी नहीं भुलाये।

2. आकाश पृथ्वी के ऊपर जितना ऊँचा है, उतना महान् है अपने भक्तों के प्रति प्रभु का प्रेम। पूर्व पश्चिम से जितना दूर है, प्रभु हमारे पापों को हम से उतना दूर कर देता है।

3. प्रभु ने स्वर्ग में अपना सिंहासन स्थापित किया है, वह समस्त विश्व का शासन करता है। प्रभु के शक्तिशाली स्वर्गदूत उसकी वाणी सुनते ही उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं। वे सब के सब प्रभु को धन्य कहें।

जयघोष

अल्लेलूया! पवित्र आत्मा तुम्हें सब कुछ समझा देगा। मैंने तुम्हें जो कुछ बताया, वह उसका स्मरण दिलायेगा। अल्लेलूया!

सुसमाचार

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 21:15-19

"मेरे मेमनों को चराओ। मेरी भेड़ों को चराओ।”

येसु अपने शिष्यों के सामने प्रकट हुए। जलपान के बाद उन्होंने सिमोन पेत्रुस से कहा, "सिमोन, योहन के पुत्र! क्या तुम इनकी अपेक्षा मुझे अधिक प्यार करते हो?” उसने उन्हें उत्तर दिया, "जी हाँ, प्रभु! आप जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ।” उन्होंने पेत्रुस से कहा, "मेरे मेमनों को चराओ"। येसु ने दूसरी बार उस से कहा, "सिमोन, योहन के पुत्र! क्या तुम मुझे प्यार करते हो?” उसने उत्तर दिया, "जी हाँ, प्रभु! आप जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ।” उन्होंने पेत्रुस से कहा, "मेरी भेड़ों को चराओ"। येसु ने तीसरी बार उस से कहा, "सिमोन, योहन के पुत्र! क्या तुम मुझे प्यार करते हो?” पेत्रुस को इस से दुःख हुआ कि उन्होंने तीसरी बार उस से यह पूछा, 'क्या तुम मुझे प्यार करते हो; और उसने येसु से कहा, “प्रभु! आप को तो सब कुछ मालूम है। आप जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ।” येसु ने उस से कहा, "मेरी भेड़ों को चराओ।” "मैं तुम से कहे देता हूँ - जवानी में तुम स्वयं अपनी कमर कस कर जहाँ चाहते थे, वहाँ घूमते-फिरते थे, लेकिन बुढ़ापे में तुम अपने हाथ फैला दोगे और दूसरा व्यक्ति तुम्हारी कमर कस कर तुम्हें वहाँ ले जायेगा, जहाँ तुम जाना नहीं चाहते।” इन शब्दों से येसु ने संकेत किया कि किस प्रकार की मृत्यु से पेत्रुस द्वारा ईश्वर की महिमां का विस्तार होने वाला है। येसु ने अंत में पेत्रुस से कहा, "मेरा अनुसरण करो।”

प्रभु का सुसमाचार।