जिस समय अपोल्लो कुरिंथ में था, पौलुस भीतरी प्रदेशों का दौरा समाप्त कर एफेसस पहुँचा। वहाँ उसे कुछ शिष्य मिले। उसने उन से पूछा, "क्या विश्वास ग्रहण करते समय आप लोगों को पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ था? “ उन्होंने उत्तर दिया, "हमने यह भी नहीं सुना है कि पवित्र आत्मा होता है।” इस पर उसने पूछा, "तो, आप को किसका बपतिस्मा मिला?” उन्होंने उत्तर दिया, "योहन का बपतिस्मा"। पौलुस ने कहा, "योहन पश्चात्ताप का बपतिस्मा देते थे। वह लोगों से कहते थे कि आप को मेरे बाद आने वाले में अर्थात् येसु में विश्वास करना चाहिए।” उन्होंने यह सुन कर प्रभु येसु के नाम पर बपतिस्मा ग्रहण किया। जब पौलुस ने उन पर हाथ रखा, तो पवित्र आत्मा उन पर उतरा और वे भाषाएँ बोलने और भविष्यवाणी करने लगे। वे कुल मिला कर लगभग बारह पुरुष थे। पौलुस तीन महीनों तक सभागृह जाता रहा। वह ईश्वर के राज्य के विषय में निस्संकोच बोलता और यहूदियों को समझाता था।प>
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : पृथ्वी के राज्यो! ईश्वर का भजन गाओ। (अथवा : अल्लेलूया!)
1. जब ईश्वर उठता है, तो उसके शत्रु बिखर जाते हैं और उसके विरोधी उसके सामने से भाग जाते हैं, वे धुएँ की तरह तितर-बितर हो जाते हैं। मोम जिस तरह आग के सामने पिघलता है, उसी तरह विधर्मी ईश्वर के सामने नष्ट हो जाते हैं।
2. धर्मी ईश्वर के सामने आनन्द मनाते और प्रफुल्लित हो कर नृत्य करते हैं। "ईश्वर का गीत गाओ और उसके आदर में बाजा बजाओ। ईश्वर के सामने प्रफुल्लित हो कर आनन्द मनाओ।”
3. ईश्वर अपने मंदिर में निवास करता है, वह अनाथों का पिता है और विधवाओं का रक्षक। वह निर्वासितों को आवास देता और बन्दियों को छुड़ा कर आनन्द प्रदान करता है।
अल्लेलूया! आप लोग मसीह के साथ ही जी उठे हैं जो ईश्वर के दाहिने विराजमान हैं – इसलिए ऊपर की चीजें खोजते रहें। अल्लेलूया!
शिष्यों ने येसु से यह कहा, “देखिए, अब आप दृष्टान्तों में नहीं, बल्कि स्पष्ट शब्दों में बोल रहे हैं। अब हम समझ गये हैं कि आप सब कुछ जानते हैं - प्रश्नों की कोई जरूरत नहीं रह गयी है। इसलिए हम विश्वास करते हैं कि आप ईश्वर के यहाँ से आये हैं।” येसु ने उन्हें उत्तर दिया, "क्या तुम अब विश्वास करते हो? देखो! वह घड़ी आ रही है, आ ही गयी है, जब तुम सब तितर-बितर हो जाओगे और अपना-अपना रास्ता ले कर मुझे अकेला छोड़ दोगे। फिर भी मैं अकेला नहीं हूँ, क्योंकि पिता मेरे साथ है। मैंने तुम लोगों से ये बातें कहीं, जिससे तुम मुझ में शांति प्राप्त कर सको। संसार में तुम्हें क्लेश सहना पड़ेगा। परन्तु ढारस रखो - मैंने संसार पर विजय पायी है।”
प्रभु का सुसमाचार।