पास्का का सातवाँ इतवार वर्ष C

पहला पाठ

सन्त स्तेफनुस मसीह के शिष्य के आदर्श प्रतीक हैं। मसीह की तरह उन्हें सताया और मार डाला जाता है। वह प्रभु को अपनी आत्मा को समर्पित करते हैं और अपने अत्याचारियों के लिए प्रार्थना करते हैं।

प्रेरित-चरित 7:55-60

"मैं ईश्वर के दाहिने विराजमान येसु को देख रहा हूँ।”

स्तेफनुस ने, पवित्र आत्मा से पूर्ण हो कर, स्वर्ग की ओर दृष्टि लगायी और ईश्वर की महिमा को तथा ईश्वर के दाहिने विराजमान येसु को देखा। वह बोल उठा, "मैं स्वर्ग को खुला और ईश्वर के दाहिने विराजमान येसु को देख रहा हूँ"। इस पर उन्होंने ऊँचे स्वर से चिल्ला कर अपने कान बन्द कर लिये। वे सब मिल कर उस पर टूट पड़े और उसे शहर के बाहर निकाल कर उस पर पत्थर मारने लगे। गवाहों ने अपने कपड़े साऊल नामक नवयुवक के पैरों पर रख दिये। जब लोग स्तेफनुस पर पत्थर मारते थे, तो उसने यह प्रार्थना की, "हे प्रभु येसु! मेरी आत्मा को ग्रहण कर"। तब वह घुटने टेक कर ऊँचे स्वर से बोला, "हे प्रभु! यह पाप इन पर मत लगा।” और यह कह कर उसने प्राण त्याग दिये।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 96:1-2,6-7,9

अनुवाक्य : प्रभु राज्य करता है। वह समस्त पृथ्वी पर सर्वोच्च है। (अथवा : अल्लेलूया।)

1. प्रभु राज्य करता है। पृथ्वी प्रफुल्लित हो जाये, असंख्य द्वीप आनन्द मनायें। उसका सिंहासन सत्य और न्याय पर आधारित है।

2. आकाश प्रभु का न्याय घोषित करता है। सभी राष्ट्र उसकी महिमा देखते हैं। सभी देवता प्रभु को दण्डवत् करें।

3. क्योंकि तू ही प्रभु है। तू ही समस्त पृथ्वी पर सर्वोच्च है। तू ही सारी देवमूर्तियों से महान् है।

दूसरा पाठ

येसु का भक्त उत्सुकता के साथ उनके आगमन की राह देखता है। वह जानता है कि येसु ही हमें चिरस्थायी शांति प्रदान कर सकते हैं। इसीलिए वह सन्त योहन के साथ कहता है - "हे प्रभु येसु! आइए"।

प्रकाशना-ग्रंथ 22:12-14,16-17,20

"हे प्रभु येसु! आइए।”

मैं – योहन – ने सुना कि एक वाणी मुझ से यह कह रही है, "देखो, मैं शीघ्र ही आऊँगा। मेरा पुरस्कार मेरे पास है और मैं प्रत्येक मनुष्य को उसके कर्मों का प्रतिफल दूँगा। मैं अल्फा और ओमेगा हूँ, प्रथम और अंतिम, आदि और अंत। धन्य हैं वे, जो अपने वस्त्र धोते हैं। वे जीवन-वृक्ष के अधिकारी होंगे और फाटकों से हो कर नगर में प्रवेश करेंगे। मैं, येसु ने कलीसियाओं के विषय में ये बातें प्रकट करने के लिए अपना दूत तुम्हारे पास भेजा है। मैं दाऊद का वंशज तथा संतान हूँ, प्रभात का उज्ज्वल तारा हूँ। आत्मा तथा वधू, दोनों कहते हैं 'आइए'। जो सुनता है, वह उत्तर दे 'आइए'। जो प्यासा हो, वह आये। जो चाहता हो, वह मुफ्त में संजीवन जल प्राप्त करे। इन बातों का साक्ष्य देने वाला यह कहता है - 'मैं अवश्य शीघ्र ही आऊँगा'। आमेन। हे प्रभु येसु! आइए।

जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "मैं तुम लोगों को अनाथ छोड़ कर नहीं जाऊँगा। मैं तुम्हारे पास आऊँगा और तुम्हारे हृदय आनन्दित हो उठेंगे"। अल्लेलूया!

सुसमाचार

येसु अपने शिष्यों के लिए वही एकता चाहते थे जो पिता तथा उन में है। संसार इस तरह की एकता देख कर येसु में विश्वास करेगा।

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 17:20-26

"वे पूर्ण रूप से एक हो जायें।”

येसु ने अपनी आँखें ऊपर उठा कर कहा, "हे परमपावन पिता! मैं न केवल इनके लिए विनती करता हूँ, बल्कि उनके लिए भी जो इनकी शिक्षा सुन कर मुझ में विश्वास करेंगे। सब के सब एक हो जायें। हे पिता, जिस तरह तू मुझ में है और मैं तुझ में, उसी तरह वे भी हम में एक हो जायें, जिससे संसार यह विश्वास करे कि तूने मुझे भेजा है"। “तूने मुझे जो महिमा प्रदान की है, वह मैंने उन्हें दे दी, जिससे वे हमारी ही तरह एक हो जायें - मैं उन में रहूँ और तू मुझ में, जिससे वे पूर्ण रूप से एक हो जायें और संसार यह जान ले कि तूने मुझे भेजा है और तूने जैसे मुझे प्यार किया है, वैसे ही उन्हें भी प्यार किया है।” "हे पिता! मैं चाहता हूँ कि तूने जिन्हें मुझे सौंपा है, वे, जहाँ मैं हूँ, मेरे साथ रहें, जिससे वे मेरी महिमा देख सकें, जिसे तूने मुझे प्रदान किया है। क्योंकि तूने संसार की सृष्टि से पहले मुझे प्यार किया है।” "हे न्यायी पिता! संसार ने तुझे नहीं जाना। परन्तु मैंने तुझे जाना है और ये जान गये कि तूने मुझे भेजा है। मैंने उन पर तेरा नाम प्रकट किया है और प्रकट करता रहूँगा, जिससे तूने जो प्रेम मुझे दिया है, वह प्रेम उन में बना रहे और मैं भी उन में बना रहूँ"।

प्रभु का सुसमाचार।