हे थेओफिलुस! मैंने अपनी पहली पुस्तक में उन सब बातों का वर्णन किया है, जिन्हें येसु उस दिन तक करते और सिखाते रहे, जिस दिन वह स्वर्ग में आरोहित कर लिये गये। इस से पहले येसु ने अपने प्रेरितों को, जिन्हें उन्होंने स्वयं चुन लिया था, पवित्र आत्मा द्वारा अपना कार्य सौंप दिया। येसु ने अपने दुःखभोग के बाद चालीस दिन तक उन प्रेरितों को बहुत-से प्रमाण दिये कि वह जीवित थे। वह बार-बार उन्हें दिखाई पड़े और उनके साथ ईश्वर के राज्य के विषय में बात करते रहे। येसु ने प्रेरितों के साथ भोजन करते समय उन्हें आदेश दिया कि वे येरुसालेम से नहीं जायें, किन्तु पिता ने जिस वरदान की प्रतिज्ञा की थी, उसी की प्रतीक्षा करते रहें। उन्होंने कहा, "मैंने तुम लोगों को उस प्रतिज्ञा के विषय में बता दिया है। योहन जल का बपतिस्मा देता था, परन्तु थोड़े ही दिनों के बाद तुम लोगों को पवित्र आत्मा का बपतिस्मा दिया जायेगा।” जब वे येसु के साथ एकत्र थे, तो वे उन से पूछने लगे, "प्रभु! क्या आप इसी इस्राएल का राज्य पुनः स्थापित करेंगे? “
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : ईश्वर जयकार के साथ आगे बढ़ता है। वह तुरही के घोष के साथ आगे बढ़ता है।
1. समस्त राष्ट्रो! तालियाँ बजाओ और उल्लसित हो कर ईश्वर का जयकार करो; क्योंकि वह प्रभु है, सर्वोच्च है, आराध्य है। वह समस्त पृथ्वी का महान् राजा है।
2. ईश्वर जयकार के साथ आगे बढ़ता है। वह तुरही के घोष के साथ आगे बढ़ता है। हमारे ईश्वर के आदर में भजन गाओ, हमारे राजा के आदर में भजन गाओ।
3. ईश्वर समस्त पृथ्वी का राजा है। उसके आदर में शिक्षा-गीत सुनाओ। ईश्वर सभी राष्ट्रों पर राज्य करता है। वह अपने सिंहासन पर विराजमान है।
ईश्वर ने आप लोगों को बुलाया है। आप अपने इस बुलावे के अनुसार आचरण करें - यह आप लोगों से मेरा अनुरोध है, जो प्रभु के कारण क़ैदी हूँ। आप पूर्ण रूप से विनम्र, सौम्य तथा सहनशील बनें, प्रेम से एक दूसरे को सहन करें और शान्ति के सूत्र में बँध कर उस एकता को, जिसे पवित्र आत्मा प्रदान करता है, बनाये रखने का प्रयत्न करते रहें। एक ही शरीर है, एक ही आत्मा और एक ही आशा, जिसके लिए आप लोग बुलाये गये हैं। एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास और एक ही बपतिस्मा, एक ही ईश्वर है, जो सबों का पिता, सब के ऊपर, सब के साथ और सब में व्याप्त है। मसीह ने जिस मात्रा में देना चाहा, उसी मात्रा में हम में से प्रत्येक को कृपा प्राप्त हुई है।
[इसलिए धर्मग्रन्थ कहता है वह ऊँचाई पर चढ़ा और बन्दियों को ले गया। उसने मनुष्यों को दान दिये। वह चढ़ा इसका अर्थ यह है कि वह पहले पृथ्वी के निचले प्रदेशों में उतरा। जो उतरा, वह वही है जो आकाश से भी ऊँचे चढ़ा, जिससे वह सब कुछ परिपूर्ण कर दे।]
उन्होंने कुछ लोगों को प्रेरित, कुछ को नबी, कुछ को सुसमाचार-प्रचारक और कुछ को चरवाहे तथा आचार्य होने का वरदान दिया। इस प्रकार उन्होंने सेवा-कार्य के लिए सन्तों को नियुक्त किया, जिससे मसीह के शरीर का निर्माण उस समय तक होता रहे, जब तक हम विश्वास तथा ईश्वर के पुत्र के ज्ञान में एक नहीं हो जायें और मसीह की परिपूर्णता के अनुसार पूर्ण मनुष्यत्व प्राप्त न कर लें।
प्रभु की वाणी
महिमामय पिता, हमारे प्रभु ईसा मसीह का ईश्वर, आप लोगों को प्रज्ञा तथा आध्यात्मिक दृष्टि प्रदान करे, जिससे आप उसे सचमुच जान जायें। वह आप लोगों के मन की आँखों को ज्योति प्रदान करे जिससे आप यह देख सकें कि उसके द्वारा बुलाये जाने के कारण आप लोगों की आशा कितनी महान् है और सन्तों के साथ आप लोगों को जो विरासत मिली है, वह कितनी वैभवपूर्ण तथा महिमामय है, और हम विश्वासियों के कल्याण के लिए सक्रिय रहने वाले ईश्वर का सामर्थ्य कितना अपार है। ईश्वर ने मसीह में वही सामर्थ्य प्रदर्शित किया, जब उसने मृतकों में से उन्हें पुनर्जीवित किया और स्वर्ग में अपने दाहिने बैठाया। स्वर्ग में कितने ही प्राणी क्यों न हों और उनका नाम कितना ही महान् क्यों न हो, उन सब के ऊपर ईश्वर ने, इस युग के लिए और आने वाले युग के लिए, मसीह को स्थान दिया। उसने सब कुछ मसीह के पैरों तले डाल दिया और उन को सब कुछ पर अधिकार दे कर कलीसिया का शीर्ष नियुक्त किया। कलीसिया मसीह का शरीर और उनकी परिपूर्णता है। मसीह सब कुछ, सब तरह से, पूर्णता तक पहुँचा देते हैं।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "तुम लोग जा कर सब राष्ट्रों को शिष्य बना लो। मैं संसार के अन्त तक सदा तुम्हारे साथ हूँ"। अल्लेलूया!
येसु ग्यारहों को दर्शन दे कर कहने लगे, "संसार के कोने-कोने में जा कर सारी सृष्टि को सुसमाचार सुनाओ। जो विश्वास करेगा और बपतिस्मा ग्रहण करेगा, उसे मुक्ति मिलेगी; जो विश्वास नहीं करेगा, वह दोषी ठहराया जायेगा। विश्वास करने वाले ये चमत्कार दिखाया करेंगे; वे मेरा नाम ले कर अपदूतों को निकालेंगे, नवीन भाषाएँ बोलेंगे और साँपों को उठा लेंगे; यदि वे विष पीयेंगे तो उस से उन्हें कोई भी हानि नहीं होगी। वे रोगियों पर हाथ रखेंगे और रोगी स्वस्थ हो जायेंगे"। प्रभु येसु अपने शिष्यों से बातें करने के बाद स्वर्ग में आरोहित कर लिये गये और ईश्वर के दाहिने विराजमान हो गये। शिष्य जा कर सर्वत्र सुसमाचार का प्रचार करने लगे। प्रभु उनकी सहायता करते रहे और साथ-साथ होने वाले चमत्कारों द्वारा उनकी शिक्षा को प्रमाणित करते रहे।
प्रभु का सुसमाचार।