पौलुस कुछ समय अंताखिया में रहा। तब फिर विदा हो कर उसने गलातिया और इसके बाद फ्रीजिया का भ्रमण करते हुए सब शिष्यों को ढारस बंधाया। उस समय अपोल्लो नामक यहूदी एफेसुस पहुँचा। उसका जन्म सिकन्दरिया में हुआ था। वह शक्तिशाली वक्ता और धर्मग्रन्थ का पंडित था। उसे प्रभु के मार्ग की शिक्षा मिली थी। वह उत्साह के साथ बोलता और येसु के विषय में सही बातें सिखलाता था; यद्यपि वह केवल योहन के बपतिस्मा से परिचित था। वह सभागृह में निस्संकोच बोलने लगा। प्रिसिल्ला और आक्विला उसकी शिक्षा सुनने के बाद उसे अपने साथ ले गये और उन्होंने अधिक विस्तार के साथ उसे ईश्वर का मार्ग समझाया। जब अपोल्लो ने अवैया जाना चाहा, तो भाइयों ने उसकी सहायता की और शिष्यों के नाम पत्र दे कर निवेदन किया कि वे उसका स्वागत करें। अपोल्लो के वहाँ पहुँचने के बाद उस से विश्वासियों को ईश्वर की कृपा से बहुत लाभ हुआ; क्योंकि वह अकाट्य तर्कों से यहूदियों का खंडन करता और सब के सामने धर्मग्रन्थ के आधार पर यह प्रमाणित करता था कि येसु ही मसीह हैं।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : ईश्वर समस्त पृथ्वी का राजा है। (अथवा : अल्लेलूया!)
1. सभी राष्ट्र तालियाँ बजायें और प्रफुल्लित हो कर ईश्वर का जयकार करें, क्योंकि वह प्रभु है, सर्वोच्च है, आराध्य है। वह समस्त पृथ्वी का महान् राजा है।
2. ईश्वर समस्त पृथ्वी का राजा है, उसके आदर में मन लगा कर बाजा बजाओ। ईश्वर सभी राष्ट्रों पर राज्य करता है, वह अपने पवित्र सिंहासन पर विराजमान है।
3. अन्य राष्ट्रों के शासक इब्राहीम के ईश्वर की प्रजा से मेल करते हैं। पृथ्वी के शासक ईश्वर के अधीन हैं। ईश्वर सबों पर राज्य करता है।
अल्लेलूया! मैं पिता के यहाँ से संसार में आया हूँ। अब मैं संसार को छोड़ कर पिता के पास जा रहा हूँ। अल्लेलूया!
येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ तुम पिता से जो कुछ माँगोगे, वह तुम्हें मेरे नाम पर वही प्रदान करेगा। अब तक तुमने मेरा नाम ले कर कुछ भी नहीं माँगा है। माँगो और पाओगे, जिससे तुम्हारा आनन्द परिपूर्ण हो। "मैंने तुम लोगों से यह सब दृष्टान्तों में कहा है। वह समय आ रहा है जब मैं फिर तुम लोगों से दृष्टान्तों में कुछ नहीं कहूँगा, बल्कि तुम्हें स्पष्ट शब्दों में पिता के विषय में बताऊँगा। तुम उस दिन मेरा नाम ले कर प्रार्थना करोगे। मैं नहीं कहता कि तुम्हारे लिए पिता से निवेदन करूँगा। पिता तो स्वयं तुम्हें प्यार करता है, क्योंकि तुमने मुझे प्यार किया और यह विश्वास किया है कि मैं ईश्वर के यहाँ से आया हूँ। मैं पिता के यहाँ से संसार में आया हूँ। अब मैं संसार को छोड़ कर पिता के पास जा रहा हूँ।”
प्रभु का सुसमाचार।