पास्का का छठा सप्ताह - शुक्रवार

पहला पाठ

प्रेरित-चरित 18:9-18

"इस शहर में बहुत-से लोग मेरे अपने हैं।”

प्रभु ने कुरिंथ में किसी रात को दर्शन दे कर पौलुस से यह कहा, "डरो मत, बल्कि बोलते जाओ और चुप मत रहो। मैं तुम्हारे साथ हूँ – कोई भी तुम पर हाथ डाल कर तुम्हारी हानि नहीं कर पायेगा; क्योंकि इस नगर में बहुत से लोग मेरे अपने हैं।” पौलुस लोगों को ईश्वर के वचन की शिक्षा देते हुए डेढ़ बरस वहाँ रहा। जिस समय गल्लियो अवैया का प्रांत पति था, सब यहूदी मिल कर पौलुस को पकड़ने आये और उसे न्यायालय ले जा कर उन्होंने यह कहा, "यह व्यक्ति ईश्वर की ऐसी पूजा-पद्धति सिखलाता है, जो संहिता से भिन्न है।” पौलुस अपनी सफाई में बोलने ही वाला था कि गल्लियो ने यहूदियों से यह कहा, "यहूदियो! यदि यह अन्याय अथवा अपराध का मामला होता, तो मैं अवश्य धैर्यपूर्वक तुम लोगों की बात सुनता। परन्तु यह वाद-विवाद शिक्षा, नामों और तुम्हारी संहिता से संबंध रखता है; यह मामला तो तुम लोगों का है। मैं ऐसी बातों का न्याय करना नहीं चाहता।” और उसने उन्हें न्यायालय से बाहर निकलवा दिया। तब सब यहूदियों ने सभागृह के अध्यक्ष सोस्थेनेस को पकड़ कर न्यायलय के सामने पीटा, किन्तु गल्लियो ने इसकी कोई परवाह नहीं की। पौलुस कुछ समय तक कुरिंथ में रहा और इसके बाद वह भाइयों से विदा ले कर, प्रिसिल्ला तथा आक्विला के साथ, नाव से सीरिया चला गया। उसने किसी व्रत के कारण केंखेया में सिर मुड़ाया।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 46:2-7

अनुवाक्य : ईश्वर समस्त पृथ्वी का राजा है। (अथवा : अल्लेलूया!)

1. सभी राष्ट्र तालियाँ बजायें और प्रफुल्लित हो कर ईश्वर का जयकार करें, क्योंकि वह प्रभु है, सर्वोच्च है, आराध्य है। वह समस्त पृथ्वी का महान् राजा है।

2. वह अन्य देशों को हमारे अधीन करता हैं। वह अन्य राष्ट्रों को हमारे पाँव तले रखता है। जो बपौती उसके कृपापात्र याकूब का गौरव थी, वह उसे हमें प्रदान करता है।

3. ईश्वर जयकार के साथ आगे बढ़ता है, वह तुरही के घोष के साथ आगे बढ़ता है। हमारे ईश्वर के आदर में बाजा बजाओ, हमारे राजा के आदर में बाजा बजाओ।

जयघोष

अल्लेलूया! मसीह को दुःख भोगना, तीसरे दिन मृतकों में से जी उठना और इस प्रकार अपनी महिमा में प्रवेश करना था। अल्लेलूया!

सुसमाचार

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 16:20-23

"तुम से तुम्हारा आनन्द कोई भी नहीं छीन सकेगा।”

येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द मनायेगा। तुम शोक करोगे, किन्तु तुम्हारा शोक आनन्द बन जायेगा। प्रसव निकट आने पर स्त्री को दुःख होता है, क्योंकि उसका समय आ गया है; किन्तु बालक को जन्म देने के बाद वह अपनी वेदना भूल जाती है, क्योंकि उसे आनन्द होती है कि संसार में एक मनुष्य का जन्म हुआ है। इसी तरह तुम लोग अभी दुःखी हो, किन्तु मैं फिर देखूँगा और तुम आनन्द मनाओगे। तुम से तुम्हारा आनन्द कोई भी नहीं छीन सकेगा। उस दिन तुम मुझ से कोई प्रश्न नहीं करोगे।”

प्रभु का सुसमाचार।