फिलिप्पी की भीड़ पौलुस और सीलस के विरोध में एकत्र हो गयी। तब न्यायकर्ताओं ने कपड़े उतरवा कर उन्हें कोड़े लगाने का आदेश दिया। उन्होंने पौलुस और सीलस को खूब मारा और कारापाल को बड़ी सावधानी से उनकी रखवाली करने का आदेश दे कर उन्हें बन्दीगृह में डाल दिया। कारापाल ने ऐसा आदेश पा कर उन्हें भीतरी बन्दीगृह में रखा और उनके पैर काठ से जकड़ दिये। आधी रात के समय जब पौलुस तथा सीलस प्रार्थना करते हुए ईश्वर की स्तुति गा रहे थे और कैदी उन्हें सुन रहे थे, तो एकाएक इतना भारी भूकम्प हुआ कि बन्दीगृह की नींव हिल गयी। उसी क्षण सब द्वार खुल गये और सब कैदियों की बेड़ियाँ ढीली पड़ गयीं। कारापाल जाग उठा और बन्दीगृह के द्वार खुले देख कर समझ गया कि कैदी भाग गये हैं। इसलिए उसने तलवार खींच कर आत्महत्या करनी चाही, किन्तु पौलुस ने ऊँचे स्वर से पुकार कर कहा, "अपनी हानि मत कीजिए। हम सब यहीं है।” तब कारापाल चिराग मँगा कर भीतर दौड़ा और काँपते हुए पौलुस तथा सीलस के चरणों पर गिर पड़ा। उसने उन्हें बाहर ले जा कर कहा, “सज्जनो, मुक्ति प्राप्त करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए!” उन्होंने उत्तर दिया, "आप प्रभु येसु में विश्वास कीजिए, तो आप को और आपके परिवार को मुक्ति प्राप्त होगी।” इसके बाद उन्होंने कारापाल और उसके सब घरवालों को ईश्वर का वचन सुनाया। उसने रात की उसी घड़ी उन्हें ले जा कर उनके घाव धोये। इसके तुरन्त बाद उसने और उसके परिवार ने बपतिस्मा ग्रहण किया। तब उसने पौलुस और सीलस को अपने यहाँ ले जा कर भोजन कराया और अपने सारे परिवार के साथ आनन्द मनाया, क्योंकि उन्होंने ईश्वर में विश्वास किया था।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु! तूने हाथ बढ़ा कर मुझे बचा लिया है। (अथवा : अल्लेलूया!)
1. हे प्रभु! मैं सारे हृदय से तुझे धन्यवाद देता हूँ; क्योंकि तूने मेरी सुनी है। मैं स्वर्गदूतों के सामने तेरा गुणगान करूँगा और तेरे पवित्र मंदिर को दण्डवत् करूँगा।
2. तेरे अपूर्व प्रेम तथा सत्यप्रतिज्ञता के कारण मैं तुझे धन्यवाद देता रहूँगा। जिस दिन मैंने तुझे पुकारा, उसी दिन तूने मेरी सुनी और मुझे आत्मबल प्रदान किया।
3. तूने हाथ बढ़ा कर मुझे बचा लिया है। तेरा दाहिना हाथ मेरी रक्षा करता रहता है। हे प्रभु! तेरा प्रेम चिरस्थायी है। अपनी सृष्टि को सुरक्षित रखने की कृपा कर।
अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "मैं सत्य का आत्मा तुम्हारे पास भेजूंगा, वह तुम्हें पूर्ण सत्य तक ले जायेगा।” अल्लेलूया!
येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "अब मैं उसके पास जा रहा हूँ, जिसने मुझे भेजा है और तुम लोगों में से कोई मुझ से यह नहीं पूछता कि आप कहाँ जा रहे हैं। मैंने तुम से ये बातें कहीं, इसलिए तो तुम्हारे हृदय शोक से भर गये हैं। फिर भी मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ तुम्हारा कल्याण इस में है कि मैं चला जाऊँ। यदि मैं नहीं जाऊँगा, तो सहायक तुम्हारे पास नहीं आयेगा। यदि मैं जाऊँगा, तो मैं उसे तुम्हारे पास भेजूंगा। जब वह आयेगा तो पाप, धार्मिकता और दण्डाज्ञा के विषय में संसार का भ्रम प्रमाणित कर देगा- पाप के विषय में, क्योंकि वे मुझ में विश्वास नहीं करते; धार्मिकता के विषय में, क्योंकि मैं पिता के पास जा रहा हूँ और तुम मुझे और नहीं देखोगे; दण्डाज्ञा के विषय में, क्योंकि इस संसार का नायक दोषी ठहराया जा चुका है।”
प्रभु का सुसमाचार।