त्रोअस से चल कर हम नाव पर सीधे समोथ्रासिया, दूसरे दिन नेआपोलिस और वहाँ से फिलिप्पी पहुँचे। फिलिप्पी मकेदूनिया प्रांत का मुख्य नगर और रोमन उपनिवेश है। हम कुछ दिन वहाँ रहे। विश्राम-दिवस को हम यह समझ कर शहर के बाहर नदी के तट आये कि वहाँ कोई प्रार्थना-गृह होगा। हम बैठ गये और वहाँ एकत्र स्त्रियों से बातचीत करने लगे। सुनने वाली महिलाओं में से एक का नाम लिदिया था और वह थिआतिरा नगर की रहने वाली थी। वह बैंगनी कपड़ों का व्यापार करती और ईश्वर पर श्रद्धा रखती थी। प्रभु ने उसके हृदय का द्वार खोल दिया और उसने पौलुस की शिक्षा स्वीकार कर ली। सपरिवार बपतिस्मा ग्रहण करने के बाद लिदिया ने हम से यह निवेदन किया, "आप लोगों ने माना है कि मैं सचमुच प्रभु में विश्वास करती हूँ, तो आइए, मेरे यहाँ ठहरिए।” और उसने इसके लिए बहुत आग्रह किया।
अनुवाक्य : प्रभु अपनी प्रजा को प्यार करता है। (अथवा : अल्लेलूया!)
1. प्रभु के आदर में नया गीत गाओ, भक्तों की मंडली में उसकी स्तुति करो। इस्राएल अपने सृष्टिकर्ता में आनन्द मनाये। सियोन के पुत्र अपने राजा का जयकार करें।
2. वे नृत्य करते हुए उसका नाम धन्य कहें, डफली और सितार बजाते हुए उसकी स्तुति करें; क्योंकि प्रभु अपनी प्रजा को प्यार करता और पद्दलितों का उद्धार करता है।
3. प्रभु के भक्त विजय के गीत सुनायें और अपने यहाँ आनन्द मनायें। वे ईश्वर की स्तुति करते रहें। इस में सभी भक्तों का गौरव है।
अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "सत्य का आत्मा मेरे विषय में साक्ष्य देगा और तुम लोग भी साक्ष्य दोगे।” अल्लेलूया!
येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, “जब वह सहायक, पिता के यहाँ से आने वाला वह सत्य का आत्मा आयेगा, जिसे मैं पिता के यहाँ से तुम लोगों के पास भेजूंगा, तो वह मेरे विषय में साक्ष्य देगा। और तुम लोग भी साक्ष्य दोगे, क्योंकि तुम प्रारंभ से मेरे साथ रहे हो। "मैंने तुम लोगों से ये बातें इसलिए कहीं कि तुम विचलित नहीं हो। वे तुम्हें सभागृहों से निकाल देंगे। इतना ही नहीं, वह समय आ रहा है जब तुम्हारी हत्या करने वाला यह समझेगा कि वह ईश्वर की सेवा कर रहा है। वे यह सब इसलिए करेंगे कि उन्होंने न तो पिता को पहचाना है और न मुझ को। मैंने तुम लोगों से ये बातें इसलिए कहीं, जिससे समय आने पर तुम्हें यह स्मरण रहे कि मैंने तुम्हें पहले ही सचेत किया है।”
प्रभु का सुसमाचार।