जब पेत्रुस करनेलियुस के यहाँ आया, तो करनेलियुस उस से मिला और उसने पेत्रुस के चरणों पर गिर कर उसे प्रणाम किया। किन्तु पेत्रुस ने उसे यह कहते हुए उठाया, "खड़े हो जाइए, मैं भी तो मनुष्य हूँ"। तब पेत्रुस वहाँ के लोगों से यह कहने लगा, “मैं अब अच्छी तरह से समझ गया हूँ कि ईश्वर किसी के साथ पक्षपात नहीं करता। किसी भी राष्ट्र का मनुष्य क्यों न हो, यदि वह ईश्वर पर श्रद्धा रख कर धर्माचरण करता है, तो वह ईश्वर का कृपापात्र बन जाता है"। पेत्रुस बोल ही रहा था कि पवित्र आत्मा सब सुनने वालों पर उतरा। पेत्रुस के साथ आये हुए यहूदी विश्वासी यह देख कर चकित रह गये कि गैर यहूदियों को भी पवित्र आत्मा का वरदान मिला है, क्योंकि वे गैर-यहूदियों को भिन्न-भिन्न भाषाएँ बोलते और ईश्वर की स्तुति करते सुन रहे थे। तब पेत्रुस ने कहा, "इन लोगों को हमारे ही समान पवित्र आत्मा का वरदान मिला है, तो क्या कोई इन्हें बपतिस्मा का जल देने से इनकार कर सकता है?” और उसने इन्हें येसु मसीह के नाम पर बपतिस्मा देने का आदेश दिया। तब वे पेत्रुस से यह कह कर अनुरोध करने लगे, "आप कुछ दिन हमारे यहाँ ठहरिए"।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु ने सभी राष्ट्रों के लिए अपना मुक्ति-विधान प्रकट किया है। (अथवा : अल्लेलूया!)
1. प्रभु के आदर में नया गीत गाओ, क्योंकि उसने अद्भुत कार्य किये हैं। उसके दाहिने हाथ और उसकी पवित्र भुजा ने हमारा उद्धार किया है।
2. प्रभु ने अपना मुक्ति-विधान प्रकट किया और सभी राष्ट्रों को अपना न्याय दिखाया है। उसने अपनी प्रतिज्ञा का ध्यान रख कर इस्राएल के घराने की सुध ली है।
3. पृथ्वी के कोने-कोने में हमारे ईश्वर का मुक्ति-विधान प्रकट हुआ है। समस्त पृथ्वी आनन्द मनाये और ईश्वर की स्तुति करे।
प्रिय भाइयो! हम एक दूसरे को प्यार करें, क्योंकि प्रेम ईश्वर से उत्पन्न होता है। जो प्यार करता है, वह ईश्वर की सन्तान है और ईश्वर को जानता है। जो प्यार नहीं करता, वह ईश्वर को नहीं जानता, क्योंकि ईश्वर प्रेम है। ईश्वर हम को प्यार करता है, यह इस से प्रकट हुआ है कि ईश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को संसार में भेजा जिससे हम उसके द्वारा जीवन प्राप्त करें। ईश्वर के प्रेम की पहचान इस में है कि पहले हमने ईश्वर को नहीं, बल्कि ईश्वर ने हम को प्यार किया है और हमारे पापों के प्रायश्चित्त के लिए अपने पुत्र को भेजा है।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "यदि कोई मुझे प्यार करेगा, तो वह मेरी शिक्षा पर चलेगा; मेरा पिता उसे प्यार करेगा और हम उसके पास आ कर उस में निवास करेंगे"। अल्लेलूया!
येसु ने अपने शिष्यों से कहा, "पिता ने जैसे मुझे प्यार किया है, वैसे मैंने भी तुम लोगों को प्यार किया है। तुम मेरे प्रेम में दृढ़ बने रहो। यदि तुम मेरी आज्ञाओं का पालन करोगे, तो मेरे प्रेम में दृढ़ बने रहोगे। मैंने भी अपने पिता की आज्ञाओं का पालन किया है और उसके प्रेम में दृढ़ बना रहता हूँ। "मैंने तुम लोगों से ये बातें कही हैं, जिससे तुम मेरे आनन्द के भागी बनो, और तुम्हारा आनन्द परिपूर्ण हो। यह मेरी आज्ञा है: मैंने जैसे तुम लोगों को प्यार किया है, वैसे तुम भी एक दूसरे को प्यार करो। अपने मित्रों के लिए अपने प्राण अर्पित करने से बड़ा किसी का प्रेम नहीं। यदि तुम लोग मेरी आज्ञाओं का पालन करते हो, तो मेरे मित्र हो। अब से मैं तुम्हें सेवक नहीं कहूँगा। सेवक नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या करने वाला है। मैंने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैंने अपने पिता से जो कुछ सुना है, वह सब तुम्हें बता दिया है। तुमने मुझे नहीं चुना है, बल्कि मैंने तुम्हें चुना और नियुक्त किया है, जिससे तुम जा कर फल उत्पन्न करो और तुम्हारा फल बना रहे। तब तुम मेरा नाम ले कर पिता से जो कुछ माँगोगे, वह तुम्हें वही प्रदान करेगा। मैं तुम लोगों को यह आज्ञा देता हूँ- एक दूसरे को प्यार करो"।
प्रभु का सुसमाचार।