फिलिप समारिया के एक नगर जा कर वहाँ मसीह का प्रचार करने लगा। लोग उनकी शिक्षा पर अच्छी तरह से ध्यान देते थे, क्योंकि सब उनके द्वारा दिखाये हुए चमत्कारों की चरचा सुनते अथवा उन्हें स्वयं देखते थे। दुष्ट आत्मा ऊँचे स्वर से चिल्लाते हुए बहुत-से अपदूत-ग्रस्त लोगों से निकलते थे और अनेक अर्धांगरोगी तथा लँगड़े भी चंगा किये जाते थे। इसलिए उस नगर में आनन्द छा गया। जब येरुसालेम में रहने वाले प्रेरितों ने यह सुना कि समारियों ने ईश्वर का वचन स्वीकार कर लिया, तो उन्होंने पेत्रुस और योहन को उनके पास भेजा। वे दोनों वहाँ गये और उन्होंने समारियों के लिए यह प्रार्थना की कि उन्हें पवित्र आत्मा प्राप्त हो। पवित्र आत्मा अब तक उन में से किसी पर नहीं उतरा था; उन्हें केवल प्रभु येसु के नाम पर बपतिस्मा दिया गया था। इसलिए पेत्रुस और योहन ने उन पर हाथ रख दिये और उन्हें पवित्र आत्मा प्राप्त हो गया।
अनुवाक्य : समस्त पृथ्वी ईश्वर को धन्य कहे। (अथवा : अल्लेलूया।)
1. समस्त पृथ्वी ईश्वर को धन्य कहे, उनके महिमामय नाम का गीत गाये और उसकी महिमा का स्तुतिगान करे। वह ईश्वर से यह कहे, "तेरे कार्य अपूर्व है"।
2. समस्त पृथ्वी तेरा दण्डवत् करती और तेरे महिमामय नाम का गीत गाती है। आओ, ईश्वर के कार्यों का ध्यान करो - उसने पृथ्वी पर अपूर्व कार्य किये हैं।
3. उसने समुद्र को स्थल में बदल दिया और उन लोगों ने नदी को पैदल ही पार किया। हम प्रभु की सेवा करते-करते आनन्द मनायें। वह शक्तिमान् है और उसका शासन अनन्तकाल तक बना रहेगा।
4. हे प्रभु-भक्तो! आओ और सुनो, मैं तुम्हें बताऊँगा कि उसने मेरे लिए क्या-क्या किया है। धन्य है ईश्वर! उसने मेरी प्रार्थना नहीं ठुकरायी और मुझे अपने प्रेम से वंचित नहीं किया।
अपने हृदय में प्रभु मसीह पर श्रद्धा रखिए। जो लोग आपकी आशा के आधार के विषय में आप से प्रश्न पूछते हैं, उन्हें विनम्रता तथा आदर के साथ उत्तर देने के लिए सदा तैयार रहिए। अपना अंतःकरण शुद्ध रखिए, इस प्रकार जो लोग आप को बदनाम करते हैं और आपके भले मसीही आचरण की निन्दा करते हैं, उन्हें लज्जित होना पड़ेगा। यदि ईश्वर की यही इच्छा है, तो बुराई करने के कारण दण्ड भोगने की अपेक्षा भलाई करने के कारण दुःख सहना कहीं अच्छा है। मसीह भी एक बार पापों के प्रायश्चित्त के लिए मर गये, धर्मी अधर्मियों के लिए मर गये, जिससे वह हम लोगों को ईश्वर के पास ले जायें। वह शरीर की दृष्टि से तो मारे गये, किन्तु आत्मा की दृष्टि से जिलाये गये।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! येसु ने कहा, "यदि कोई मुझे प्यार करेगा, तो वह मेरी शिक्षा पर चलेगा। मेरा पिता उसे प्यार करेगा और हम उसके पास आ कर उसमें निवास करेंगे"। अल्लेलूया!
येसु ने अपने शिष्यों से कहा, "यदि तुम मुझे प्यार करोगे, तो मेरी आज्ञाओं का पालन करोगे। मैं पिता से निवेदन करूँगा और वह तुम्हें एक दूसरा सहायक प्रदान करेगा, जो सदा तुम्हारे साथ रहेगा। वह सत्य का आत्मा है, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह उसे न तो देखता और न पहचानता है। तुम उसे पहचानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता और तुम में निवास करता है। "मैं तुम लोगों को अनाथ छोड़ कर नहीं जाऊँगा, मैं तुम्हारे पास आऊँगा।” थोड़े ही समय बाद संसार मुझे फिर नहीं देखेगा। तुम मुझे देखोगे, क्योंकि मैं जीवित रहूँगा और तुम भी जीवित रहोगे। उस दिन तुम जान जाओगे कि मैं पिता में हूँ, तुम मुझ में हो और मैं तुम में। जो मेरी आज्ञाएँ जानता और उसका पालन करता है, वही मुझे प्यार करता है; और जो मुझे प्यार करता है, उसे मेरा पिता प्यार करेगा और उसे मैं भी प्यार करूँगा और उस पर अपने को प्रकट करूँगा।”
प्रभु का सुसमाचार।