पौलुस देरबे और लिस्त्रा पहुँचा। वहाँ तिमथी नामक एक शिष्य था, जो ईसाई यहूदी माता तथा यूनानी पिता का पुत्र था। लिस्त्रा और इकोनिया के भाइयों में उसका अच्छा नाम था। पौलुस चाहता था कि वह यात्रा में उसका साथी बने। उस प्रदेश में रहने वाले यहूदियों के कारण उसने तिमथी का खतना कराया, क्योंकि सब जानते थे कि उसका पिता युनानी है। वे नगर-नगर जा कर येरुसालेम में प्रेरितों तथा पुरोहितों द्वारा किये हुए निर्णय सुनाते तथा उनके पालन का आदेश देते थे। इस प्रकार कलीसियाओं का विश्वास दृढ़ होता जा रहा था और उनकी संख्या दिन-दिन बढ़ रही थी। जब पवित्र आत्मा ने उन्हें एशिया में वचन का प्रचार करने से मना किया, तो उन्होंने फ्रीजिया तथा गलातिया का दौरा किया। मिसिया के सीमान्तों पर पहुँच कर, वे बिथिनिया जाने की तैयारी कर रहे थे कि येसु के आत्मा ने उन्हें अनुमति नहीं दी। इसलिए वे मिसिया पार कर त्रोअस आये। वहाँ पौलुस ने रात को एक दिव्य दर्शन देखा एक मकेदूनी उसके सामने खड़ा हो कर यह निवेदन कर रहा था, "आप समुद्र पार कर मकेदूनिया आइये और हमारी सहायता कीजिए।” इस दर्शन के बाद हम यह समझ कर तुरन्त मकेदूनिया जाने का अवसर ढूँढ़ने लगे कि ईश्वर ने वहाँ सुसमाचार का प्रचार करने के लिए हमें बुलाया है।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे समस्त पृथ्वी! प्रभु की स्तुति करो। (अथवा : अल्लेलूया!)
1. हे समस्त पृथ्वी! प्रभु की स्तुति करो! आनन्द के साथ प्रभु की सेवा करो! उल्लास के गीत गाते हुए उसके सामने उपस्थित हो जाओ!
2. यह जान लो कि वही ईश्वर है। उसी ने हम को बनाया है हम उसी के हैं। हम उसकी प्रजा, उसके चरागाह की भेड़ें हैं।
3. ओह! ईश्वर कितना भला है! उसका प्रेम चिरस्थायी है, उसकी सत्यप्रतिज्ञता युगानुयुग बनी रहती है।
अल्लेलूया! आप लोग मसीह के साथ ही जी उठे हैं जो ईश्वर के दाहिने विराजमान हैं – इसलिए ऊपर की चीजें खोजते रहें। अल्लेलूया!
येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "यदि संसार तुम लोगों से बैर करे, तो याद रखो कि तुम से पहले उसने मुझ से बैर किया। यदि तुम संसार के होते, तो संसार तुम्हें अपना समझ कर प्यार करता। परन्तु तुम संसार के नहीं हो, क्योंकि मैंने तुम्हें संसार में से चुन लिया है। इसीलिए संसार तुम से बैर करता है। मैंने तुम से जो बात कही, उसे याद रखो - सेवक अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता। यदि उन्होंने मुझे सताया है, तो वे तुम्हें भी सतायेंगे। यदि उन्होंने मेरी शिक्षा का पालन किया है, तो वे तुम्हारी शिक्षा का भी पालन करेंगे। वे यह सब मेरे नाम के कारण तुम लोगों के साथ करेंगे, क्योंकि जिसने मुझे भेजा है, उसे वे नहीं जानते।”
प्रभु का सुसमाचार।