पास्का का पाँचवाँ सप्ताह – बृहस्पतिवार

पहला पाठ

प्रेरित-चरित 15:7-21

"मेरा विचार यह है कि जो गैरयहूदी ईश्वर की ओर अभिमुख होते हैं, उन पर अनावश्यक भार न डाला जाये।”

जब बहुत वाद-विवाद हो चुका था, तो पेत्रुस ने उठ कर यह कहा, "भाइयो! आप जानते हैं कि ईश्वर ने पिछले दिनों आप लोगों में से मुझे चुन कर निश्चय किया कि गैरयहूदी मेरे मुख से सुसमाचार का वचन सुनें और विश्वास करें। ईश्वर मनुष्य का हृदय जानता है उसने उन लोगों को हमारे ही समान पवित्र आत्मा प्रदान किया। इस प्रकार उसने उनके पक्ष में साक्ष्य दिया और विश्वास द्वारा उनका हृदय शुद्ध कर, हम में और उन में कोई भेद नहीं किया। जो जूआ न तो हमारे पूर्वज ढोने में समर्थ थे, और न हम, उसे शिष्यों के कंधों पर लाद कर आप लोग अब ईश्वर की परीक्षा क्यों लेते हैं? हमारा विश्वास तो यह है कि हम, और वे भी, प्रभु येसु की कृपा द्वारा ही मुक्ति प्राप्त करेंगे।” सब चुप हो गये और वे बरनाबस तथा पौलुस की बातें सुनते रहे, जो उन चिह्नों तथा चमत्कारों के विषय में बता रहे थे, जिन्हें ईश्वर ने उनके द्वारा गैरयहूदियों के बीच दिखाया था। जब वे कह चुके थे, तो याकूब बोला, "भाइयो! मेरी बात सुनिए। सिमोन ने हमें बताया कि पिछले दिनों ईश्वर ने किस प्रकार गैरयहूदियों में से अपने लिए एक प्रजा चुनने की कृपा की है। यह नबियों की शिक्षा के अनुसार ही है, क्योंकि लिखा है - इसके बाद मैं लौट कर दाऊद का गिरा हुआ घर फिर ऊपर उठाऊँगा। मैं उसके खंडहरों का पुनर्निर्माण करूँगा और उसे फिर खड़ा करूँगा, जिससे मानव जाति के अन्य लोग अर्थात् सभी राष्ट्र, जिन्हें मैंने अपनाया है- प्रभु की खोज में लगे रहें। जो ये कार्य सम्पन्न करता और प्राचीन काल से जानता है, वही प्रभु यह कहता है। "इसलिए मेरा विचार यह है कि जो गैरयहूदी ईश्वर की ओर अभिमुख होते हैं, उन पर अनावश्यक भार न डाला जाये, बल्कि पत्र लिख कर उन्हें आदेश दिया जाये कि वे देवमूर्तियों पर चढ़ाये हुए मांस से, व्यभिचार से, गला घोंटे हुए पशुओं के मांस से और रक्त से परहेज करें। क्योंकि प्राचीन काल से नगर-नगर में मूसा के प्रचारक विद्यमान हैं और उनकी संहिता प्रत्येक विश्राम-दिवस को सभागृहों में पढ़ कर सुनायी जाती है।”

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 95:1-3,10

अनुवाक्य : सभी लोगों को प्रभु के अपूर्व कार्यों का गीत सुनाओ। (अथवा : अल्लेलूया!)

1. प्रभु के आदर में नया गीत गाओ। समस्त पृथ्वी प्रभु का भजन सुनाये। भजन गाते हुए प्रभु का नाम धन्य कहो।

2. दिन-प्रतिदिन उसका मुक्ति-विधान घोषित करते जाओ। सभी राष्ट्रों में उसकी महिमा का बखान करो। सब लोगों को उसके अपूर्व कार्यों का गीत सुनाओ।

3. राष्ट्रों को यह घोषित करो, "प्रभु ही राजा है।” उसी ने पृथ्वी का आधार सुदृढ़ बना दिया। वह न्यायपूर्वक सभी लोगों का न्याय करेगा।

जयघोष

अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "मेरी भेड़ें मेरी आवाज पहचानती हैं। मैं उन्हें जानता हूँ और वे मेरा अनुसरण करती हैं।” अल्लेलूया!

सुसमाचार

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 15:9-11

"मेरे प्रेम में दृढ़ बने रहो, जिससे तुम्हारा आनन्द परिपूर्ण हो।”

येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "जिस प्रकार पिता ने मुझे प्यार किया है, उसी प्रकार मैंने भी तुम लोगों को प्यार किया है। तुम मेरे प्रेम में दृढ़ बने रहो। यदि तुम मेरी आज्ञाओं का पालन करोगे, तो मेरे प्रेम में दृढ़ बने रहोगे। मैंने भी अपने पिता की आज्ञाओं का पालन किया है और उसके प्रेम में दृढ़ बना रहता हूँ। "मैंने तुम लोगों से ये बातें कही हैं, जिससे तुम मेरे आनन्द के भागी बनो और तुम्हारा आनन्द परिपूर्ण हो।”

प्रभु का सुसमाचार।