कुछ यहूदियों ने अंताखिया तथा इकोनिया से आ कर लोगों को अपने पक्ष में मिला लिया। वे पौलुस को पत्थरों से मार कर और मरा समझ कर नगर के बाहर घसीट ले गये। किन्तु जब शिष्य पौलुस के चारों ओर एकत्र हो गये, तो वह उठ खड़ा हुआ और नगर लौट आया। दूसरे दिन, वह बरनाबस के साथ देरबे चल दिया। उन्होंने उस नगर में सुसमाचार का प्रचार किया और बहुत-से शिष्य बना लिये। इसके बाद वे लिस्त्रा और इकोनिया हो कर अंताखिया लौटे। वे शिष्यों को ढारस देते थे और यह कहते हुए विश्वास में दृढ़ रहने के लिए प्रोत्साहित करते थे कि बहुत-से कष्ट सह कर हमें ईश्वर के राज्य में प्रवेश करना है। उन्होंने हर एक कलीसिया में पुरोहितों को नियुक्त किया और प्रार्थना तथा उपवास करने के बाद उन लोगों को प्रभु के हाथों सौंप दिया, जिस में वे लोग विश्वास कर चुके थे। वे पिसिदिया पार कर पाम्फिलिया पहुँचे और पेरजे में सुसमाचार का प्रचार करने के बाद अत्तालिया आये। वहाँ से वे नाव पर चढ़ कर अंताखिया चल दिये, जहाँ से वे चले गये थे और जहाँ लोगों ने उस कार्य के लिए, जिसे उन्होंने अब पूरा किया था, ईश्वर की कृपा माँगी थी। वहाँ पहुँच कर और कलीसिया की सभा बुला कर वे बताने लगे कि ईश्वर ने उनके द्वारा क्या-क्या किया और कैसे गैरयहूदियों के लिए विश्वास का द्वार खोल दिया। वे बहुत समय तक वहाँ शिष्यों के साथ रहे।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु! तेरे भक्त तेरे राज्य की महिमा का बखान करें। (अथवा : अल्लेलूया!)
1. हे प्रभु! तेरी सारी सृष्टि तेरा धन्यवाद करे; तेरे भक्त तुझे धन्य कहें। वे तेरे राज्य की महिमा गायें और तेरे सामर्थ्य का बखान करें।
2. जिससे सभी मनुष्य तेरे महान् कार्य और तेरे राज्य की अपार महिमा जान जायें। तेरे राज्य का कभी अन्त नहीं होगा। तेरा शासन पीढ़ी-दर-पीढ़ी बना रहेगा।
3. मेरा कंठ प्रभु की स्तुति करता रहे। सभी मनुष्य सदा-सर्वदा उसका पवित्र नाम धन्य कहें।
अल्लेलूया! मसीह को दुःख भोगना, तीसरे दिन मृतकों में से जी उठना और इस प्रकार अपनी महिमा में प्रवेश करना था। अल्लेलूया!
येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, “मैं तुम्हारे लिए शांति छोड़ जाता हूँ। अपनी शांति तुम्हें प्रदान करता हूँ। वह संसार की शांति जैसी नहीं है। तुम्हारा जी घबराये नहीं। भीरु मत बनो। तुमने सुना है कि मैंने तुम से कहा - मैं जा रहा हूँ और फिर तुम्हारे पास आऊँगा। यदि तुम मुझे प्यार करते, तो आनन्दित होते कि मैं पिता के पास जा रहा हूँ, क्योंकि पिता मुझ से महान् है। इस प्रकार मैंने पहले ही तुम लोगों को यह बतला दिया, जिससे ऐसा हो जाने पर तुम विश्वास करो। अब मैं तुम लोगों से अधिक बातें नहीं करूँगा, क्योंकि इस संसार का नायक आ रहा है। वह मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, किन्तु यह आवश्यक है कि संसार जान जाये कि मैं पिता को प्यार करता हूँ और पिता ने मुझे जैसा आदेश दिया है, मैं वैसा ही करता हूँ।”
प्रभु का सुसमाचार।