पौलुस येरुसालेम पहुँचा और शिष्यों के समुदाय में सम्मिलित हो जाने की कोशिश करने लगा। किन्तु वे सब उस से डरते थे, क्योंकि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि वह सचमुच येसु का शिष्य हो गया है। तब बरनाबस ने उसे प्रेरितों के पास ले जा कर उन्हें बताया कि पौलुस ने मार्ग में प्रभु के दर्शन किये थे और प्रभु ने उस से बात की थी और यह भी बताया कि पौलुस ने दमिश्क में निर्भीकता से येसु के नाम का प्रचार किया था। इसके बाद पौलुस येरुसालेम में प्रेरितों के साथ आने-जाने लगा। और निर्भीकता से येसु के नाम का प्रचार करता रहा। वह यूनानी-भाषी यहूदियों से बातचीत और बहस किया करता था, किन्तु वे लोग उसे मार डालना चाहते थे। जब भाइयों को इसका पता चला, तो उन्होंने पौलुस को कैसरिया ले जा कर तरसुस भेजा। उस समय समस्त यहूदिया, गलीलिया तथा समारिया में कलीसिया को शांति मिली। उसका विकास होता जा रहा था और वह, प्रभु पर श्रद्धा रखती हुई और पवित्र आत्मा की सान्त्वना द्वारा बल प्राप्त करती हुई, बराबर बढ़ती जाती थी।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु! मैं भरी सभा में तेरी स्तुति करूँगा। (अथवा : अल्लेलूया!)
1. मैं प्रभु-भक्तों के सामने अपनी मन्नतें पूरी करूँगा। जो दरिद्र हैं, वे खा कर तृप्त हो जायेंगे, जो प्रभु की खोज में लगे रहते हैं, वे उसकी स्तुति करेंगे। उनका हृदय सदा ही आनन्दित रहेगा।
2. समस्त पृथ्वी के निवासी प्रभु का स्मरण करेंगे और उसके पास लौट आयेंगे। सभी राष्ट्र उसे दण्डवत् करेंगे। पृथ्वी के सभी शासक उसके सामने नतमस्तक होंगे। सभी मनुष्य उसकी आराधना करेंगे।
3. मैं उसके लिए जीता रहूँगा और मेरा वंश उसकी सेवा करता रहेगा। वह बाद की पीढ़ियों के लिए प्रभु के कार्यों का बखान करेगा और आने वाले राष्ट्रों के लिए प्रभु की दया घोषित करेगा।
बच्चो! हम वचन से नहीं, कर्म से; मुख से नहीं, हृदय से एक दूसरे को प्यार करें। उसी से हम जान जायेंगे कि हम सत्य की सन्तान हैं। और जब कभी हमारा अंतःकरण हम पर दोष लगायेगा, तो हम ईश्वर के सामने अपने को आश्वासन दे सकेंगे, क्योंकि ईश्वर हमारे अंतःकरण से बड़ा है और वह सब कुछ जानता है। प्यारे भाइयो! यदि हमारा अंतःकरण हम पर दोष नहीं लगाता है, तो हम ईश्वर पर पूरा भरोसा रख सकते हैं। जो कुछ हम उस से माँगेंगे, वह हमें वही प्रदान करेगा; क्योंकि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं और वही करते हैं, जो उसे पसन्द करते हैं। और उसकी आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र येसु मसीह के नाम में विश्वास करें और एक दूसरे को प्यार करें, जैसा कि उसने हमें आदेश दिया है। जो ईश्वर की आज्ञाओं का पालन करता है, वह ईश्वर मं निवास करता है और ईश्वर उस में। और हम जानते हैं कि वह हम में निवास करता है, क्योंकि उसने हम को अपना आत्मा प्रदान किया है।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्ललूया! प्रभु कहते हैं, "तुम मुझ में रहो और मैं तुम में रहूँगा। जो मुझ में रहता है वही बहुत फलता है"। अल्लेलूया!
येसु ने अपने शिष्यों से कहा, "मैं सच्ची दाखलता हूँ और मेरा पिता बागवान है। वह उस डाली को, जो मुझ में नहीं फलती, काट देता है और उस डाली को, जो फलती है, छाँटता है जिससे वह और भी अधिक फल उत्पन्न करे। मैंने तुम लोगों को जो शिक्षा दी है, उसी के कारण तुम शुद्ध हो गये हो। तुम मुझ में रहो और मैं तुम में रहूँगा। जिस तरह दाखलता में रहे बिना डाली स्वयं नहीं फल सकती, उसी तरह मुझ में रहे बिना तुम भी नहीं फल सकते। मैं दाखलता हूँ और तुम डालियाँ हो। जो मुझ में रहता है और मैं जिस में रहता हूँ, वही बहुत फलता है; क्योंकि मुझ से अलग रह कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। यदि कोई मुझ में नहीं रहता, तो वह सूखी डाली की तरह फेंक दिया जाता है। लोग ऐसी डालियाँ बटोर लेते हैं और आग में झोंक कर जला देते हैं। यदि तुम मुझ में रहो और तुम में मेरी शिक्षा बनी रहे, तो तुम जो चाहो माँगो, वह तुम्हें दिया जायेगा। मेरे पिता की महिमा इस से प्रकट होगी कि तुम लोग बहुत फल उत्पन्न करो और मेरे शिष्य बने रहो"।
प्रभु का सुसमाचार।