प्रेरितों तथा यहूदिया के भाइयों को यह पता चला कि गैरयहूदियों ने भी ईश्वर का वचन स्वीकार किया है। जब पेत्रुस येरुसालेम पहुँचा, तो यहूदी विश्वासियों ने उसकी आलोचना करते हुए कहा, "आपने गैरयहूदियों के घर में प्रवेश किया और उनके साथ भोजन किया"। इस पर पेत्रुस ने क्रम से सारी बातें समझाते हुए कहा, "मैं योप्पे नगर में प्रार्थना करते समय आत्मा से आविष्ट हो गया। मैंने देखा कि लम्बी-चौड़ी चादर जैसी कोई चीज स्वर्ग से उतर रही है और उसके चार कोने मेरे पास पृथ्वी पर रखे जा रहे हैं। मैंने उस पर दृष्टि गड़ा कर देखा कि उस में पृथ्वी के चौपाये, जंगली जानवर, रेंगने वाले जीव-जन्तु और आकाश के पक्षी हैं। मुझे एक वाणी यह कहते हुए सुनाई पड़ी, 'पेत्रुस! उठो, मारो और खाओ।' मैंने कहा, "प्रभु! कभी नहीं! मेरे मुँह में कभी कोई अपवित्र अथवा अशुद्ध वस्तु नहीं पड़ी।' उत्तर में स्वर्ग में से दूसरी बार वह वाणी सुनाई पड़ी, 'ईश्वर ने जिसे शुद्ध घोषित किया, तुम उसे अशुद्ध मत कहो'। तीन बार ऐसा ही हुआ और इसके बाद वह चीज फिर स्वर्ग में ऊपर उठा ली गयी। उसी समय कैसरिया से मेरे पास भेजे हुए तीन आदमी उस घर के सामने आ पहुँचे, जहाँ मैं ठहरा हुआ था। आत्मा ने मुझे आदेश दिया कि मैं बेखटके उनके साथ चला जाऊँ। ये छह भाई मेरे साथ हो लिये और हमने उस मनुष्य के घर में प्रवेश किया। उसने हमें बताया कि उसने अपने यहाँ एक स्वर्गदूत को देखा, जिसने उस से यह कहा, 'आदमियों को योप्पे भेजिए और सिमोन को, जो पेत्रुस कहलाता है, बुलाइए। वह जो शिक्षा सुनायेगा, उसके द्वारा आप को और आपके सारे परिवार को मुक्ति प्राप्त होगी।” मैंने बोलना आरंभ किया ही था कि पवित्र आत्मा उन लोगों पर उतरा, जैसे कि वह प्रारंभ में हम पर उतरा था। उस समय मुझे प्रभु का वह कथन याद आया योहन जल का बपतिस्मा देता था, परन्तु तुम लोगों को पवित्र आत्मा का बपतिस्मा दिया जायेगा। जब ईश्वर ने उन्हें वही वरदान दिया जो हमें, प्रभु येसु मसीह में विश्वास करने वालों को, मिला है, तो मैं कौन था जो ईश्वर के विधान में बाधा डालता?” ये बातें सुन कर वे शांत हो गये और यह कहते हुए ईश्वर की स्तुति करने लगे, "ईश्वर ने गैरयहूदियों को भी यह वरदान दिया कि वे उसकी ओर अभिमुख हो कर जीवन प्राप्त करें।”
प्रभु की वाणी
अनुवाक्य : मेरी आत्मा जीवन्त ईश्वर की प्यासी है। (अथवा : अल्लेलूया!)
1. हे मेरे ईश्वर! हिरिणी जैसे जलधारा के लिए तरसती है, मेरी आत्मा वैसे ही तेरे लिए तरसती है। मेरी आत्मा ईश्वर की, जीवन्त ईश्वर की प्यासी है। मैं कब जा कर ईश्वर के दर्शन कर सकूँगा?
2. अपनी ज्योति और अपना सत्य भेज दे। वे मुझे मार्ग दिखायें। और मुझे तेरे पवित्र पर्वत तक, तेरे निवास-स्थान तक पहुँचा दें।
3. मैं ईश्वर की वेदी के पास जाऊँगा, ईश्वर के पास, जो मेरा आनन्द है। मैं वीणा बजा कर अपने प्रभु-ईश्वर की स्तुति करूँगा।
अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "भला गड़ेरिया मैं हूँ। मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं।” अल्लेलूया!
येसु ने यह कहा, "मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ - जो फाटक से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, बल्कि दूसरे रास्ते से चढ़ कर आता है, वह चोर और डाकू है। जो फाटक से प्रवेश करता है वही भेड़ों का गड़ेरिया है और उसके लिए दरवान फाटक खोल देता है। भेड़ें उसकी आवाज पहचानती हैं। वह नाम ले-ले कर अपनी भेड़ों को बुलाता और बाहर ले जाता है। अपनी भेड़ों को बाहर निकाल लेने के बाद वह उनके आगे-आगे चलता है और वे उसके पीछे-पीछे आती हैं, क्योंकि वे उसकी आवाज पहचानती हैं। वे अपरिचित के पीछे-पीछे नहीं चलेंगी। वे तो उस से भाग जायेंगी, क्योंकि वे अपरिचितों की आवाज नहीं पहचानतीं ।" येसु ने उन्हें यह दृष्टान्त सुनाया, किन्तु वे नहीं समझे कि वह उन से क्या कह रहे हैं। येसु ने फिर उन से कहा, "मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ – भेड़शाला का द्वार मैं हूँ। जो मुझ से पहले आये, वे सब चोर और डाकू हैं; किन्तु भेड़ों ने उनकी नहीं सुनी। मैं ही द्वार हूँ। यदि कोई मुझ से हो कर प्रवेश करे, तो उसे मुक्ति प्राप्त होगी। वह भीतर-बाहर आया-जाया करेगा और उसे चरागाह मिलेगा। "चोर केवल चुराने, मारने और नष्ट करने आता है। मैं इसलिए आया हूँ कि वे जीवन प्राप्त करें बल्कि परिपूर्ण जीवन प्राप्त करें।
प्रभु का सुसमाचार।
येसु ने यह कहा, "भला गड़ेरिया मैं हूँ। भला गड़ेरिया अपनी भेड़ों के लिए अपने प्राण देता है। मजदूर, जो न गड़ेरिया है और न भेड़ों का मालिक, भेड़िये को आते देख भेड़ों को छोड़ कर भाग जाता है और भेड़िया उन्हें लूट ले जाता और तितर-बितर कर देता है। मजदूर भाग जाता है, क्योंकि वह तो मजदूर है और उसे भेड़ों की कोई चिन्ता नहीं। "भला गड़ेरिया मैं हूँ। जिस तरह पिता मुझे जानता है और मैं पिता को जानता हूँ, उसी तरह मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ और भेड़ें मुझे जानती हैं। मैं भेड़ों के लिए अपना जीवन अर्पित करता हूँ। मेरी और भी भेड़ें हैं, जो इस भेड़शाला की नहीं हैं। मुझे उन्हें भी ले आना है। वे भी मेरी आवाज सुनेंगी। तब एक ही झुण्ड होगा और एक ही गड़ेरिया। “पिता मुझे इसलिए प्यार करता है कि मैं अपना जीवन अर्पित करता हूँ; बाद में मैं उसे फिर ग्रहण करूँगा। कोई भी मुझ से मेरा जीवन नहीं हर सकता; मैं स्वयं उसे अर्पित करता हूँ। मुझे अपना जीवन अर्पित करने का और उसे फिर ग्रहण करने का अधिकार है। मुझे पिता की ओर से यह आदेश मिला है।”
प्रभु का सुसमाचार।