पेत्रुस ने पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो कर उनसे कहा, "जनता के शासको और बड़े-बूढ़ो! हमने एक लँगड़े मनुष्य का उपकार किया है और आज हम से पूछताछ की जा रही है कि वह किस तरह भला चंगा हो गया है। आप लोग और इस्राएल की सारी प्रजा यह जान लें कि नाज़री येसु मसीह के नाम के सामर्थ्य से ही यह मनुष्य भला-चंगा हो कर आप लोगों के सामने खड़ा है। आप लोगों ने उन्हें क्रूस पर चढ़ा दिया किन्तु ईश्वर ने उन्हें मृतकों में से जिलाया है। वह वही पत्थर हैं जिसे आप कारीगरों ने निकाल दिया था और जो कोने का पत्थर बन गया है। किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा मुक्ति नहीं मिल सकती क्योंकि। समस्त संसार में येसु नाम के सिवा मनुष्यों को कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया है जिसके द्वारा हमें मुक्ति मिल सकती है।”
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : कारीगरों ने जिस पत्थर को निकाल दिया था वही कोने का पत्थर बन गया है। (अथवा : अल्लेलूया।)
1. अल्लेलूया! प्रभु का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है। उसका प्रेम अनन्तकाल तक बना रहता है। मनुष्यों पर भरोसा रखने की अपेक्षा प्रभु की शरण लेना ही अच्छा है। शासकों पर भरोसा रखने की अपेक्षा प्रभु की शरण लेना ही अच्छा है।
2. मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ, तूने मेरी प्रार्थना सुनी और मेरा उद्धार किया है। कारीगरों ने जिस पत्थर को निकाल दिया था वही कोने का पत्थर बन गया है। वह प्रभु का कार्य है, यह हमारी दृष्टि में अपूर्व है।
3. धन्य हैं वह, जो प्रभु के नाम पर आते हैं। हे मेरे ईश्वर! मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ। तूने मेरी प्रार्थना सुनी और मेरा उद्धार किया है। प्रभु का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; काल तक बना रहता है।
प्यारे भाइयो! पिता ने हमें कितना प्यार किया है! हम ईश्वर की सन्तान कहलाते हैं और हम वास्तव में वही हैं। संसार हमें नहीं पहचानता है, क्योंकि उसने ईश्वर को नहीं पहचाना है। प्यारे भाइयो! हम तो ईश्वर की सन्तान बन गए हैं किन्तु यह अभी तक प्रकट नहीं हुआ कि हम क्या बन जाएँगे। हम इतना ही जानते हैं : जब ईश्वर का पुत्र प्रकट हो जाएगा, तो हम उसके सदृश बन जाएँगे क्योंकि हम उसे वैसा ही देखेंगे जैसा कि वह वास्तव में है।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "भला गड़ेरिया मैं हूँ। मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं।” अल्लेलूया!
येसु ने यहूदियों से कहा, "भला गड़ेरिया मैं हूँ। भला गड़ेरिया अपनी भेड़ों के लिए अपने प्राण दे देता है। मजदूर, जो न गड़ेरिया है और न भेड़ों का मालिक, भेड़िये को आते देख भेड़ों को छोड़ कर भाग जाता है और भेड़िया उन्हें लूट ले जाता और तितर-बितर कर देता है। मजदूर भाग जाता है, क्योंकि वह तो मजदूर है और उसे भेड़ों की कोई चिन्ता नहीं।” "भला गड़ेरिया मैं हूँ जिस तरह पिता मुझे जानता है और मैं पिता को जानता हूँ, उसी तरह मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं। मैं भेड़ों के लिए अपना जीवन अर्पित करता हूँ। मेरी और भी भेड़ें हैं, जो इस भेड़शाला की नहीं हैं। मुझे उन्हें भी ले आना है। वे भी मेरी आवाज सुनेंगी। तब एक ही झुण्ड होगा और एक ही गड़ेरिया।” "पिता मुझे इसलिए प्यार करता है कि मैं अपना जीवन अर्पित करता हूँ। बाद में मैं उसे फिर ग्रहण करूँगा। कोई भी मुझ से मेरा जीवन नहीं हर सकता; मैं स्वयं उसे अर्पित करता हूँ। मुझे अपना जीवन अर्पित करने का और उसे फिर ग्रहण करने का अधिकार है। मुझे अपने पिता की ओर से यह आदेश मिला है"।
प्रभु का सुसमाचार।