पेन्तेकोस्त के दिन पेत्रुस ने ग्यारहों के साथ खड़े हो कर लोगों को सम्बोधित करते हुए ऊँचे स्वर से कहा, "इस्स्राएल का सारा घराना यह निश्चित रूप से जान ले कि जिन्हें आप लोगों ने क्रूस पर चढ़ाया है, ईश्वर ने उन्हीं येसु को प्रभु भी बना दिया है और मसीह भी"। यह सुन कर वे मर्माहत हो गये और उन्होंने पेत्रुस तथा अन्य प्रेरितों से कहा, "भाइयो! हमें क्या करना चाहिए?” पेत्रुस ने उन्हें यह उत्तर दिया, "आप लोग पश्चात्ताप करें। आप लोगों में से प्रत्येक अपने-अपने पापों की क्षमा के लिए येसु के नाम पर बपतिस्मा ग्रहण करे। इस प्रकार आप पवित्र आत्मा का वरदान प्राप्त करेंगे; क्योंकि वह प्रतिज्ञा आपके लिए तथा आपकी सन्तान के लिए है, और उन सबों के लिए, जो अभी दूर हैं और जिन्हें हमारा प्रभु-ईश्वर बुलाने वाला है"। पेत्रुस ने और बहुत-सी बातों द्वारा साक्ष्य दिया और यह कह कर उन्हें उपदेश दिया कि आप लोग अपने को इस विधर्मी पीढ़ी से बचाये रखें। उन्होंने पेत्रुस की बातें मान कर बपतिस्मा ग्रहण किया। उस दिन लगभग तीन हजार लोग शिष्यों में सम्मिलित हो गये।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु मेरा चरवाहा है। मुझे किसी बात की कमी नहीं। (अथवा : अल्लेलूया।)
1. प्रभु मेरा चरवाहा है। मुझे किसी बात की कमी नहीं है। वह मुझे हरे मैदानों में चराता है। वह मुझे विश्राम के लिए जल के निकट ले जाता और मुझ में नवजीवन का संचार करता है।
2. वह अपने नाम का सच्चा है, वह मुझे धर्म-मार्ग पर ले चलता है। चाहे अँधेरी घाटी हो कर जाना ही क्यों न पड़े, मुझे किसी अनिष्ट की आशंका नहीं, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है। तेरी लाठी, तेरे डण्डे पर मुझे भरोसा है।
3. तू मेरे शत्रुओं के देखते-देखते मेरे लिए खाने की मेज सजाता है। तू मेरे सिर पर तेल का विलेपन करता है। तू मेरा प्याला लबालब भर देता है।
4. इस प्रकार तेरी भलाई और तेरी कृपा से मैं जीवन भर घिरा रहता हूँ। प्रभु का मंदिर ही मेरा घर है; मैं उस में अनन्तकाल तक निवास करूँगा।
अच्छी तरह से काम करने के बाद भी यदि आप को दुःख भोगना पड़ता है और आप उसे धैर्य से सहते हैं, तो यह ईश्वर की दृष्टि में पुण्य-कर्म है। इसलिए तो आप बुलाये गये हैं, क्योंकि मसीह ने आप लोगों के लिए दुःख भोगा और आप को उदाहरण दिया है, जिससे आप उनका अनुसरण करें। उन्होंने कोई पाप नहीं किया और उनके मुँह से कभी छल-कपट की बात नहीं निकली। जब उन्हें गाली दी गयी, तो उन्होंने उत्तर में गाली नहीं दी और जब उन्हें सताया गया, तो उन्होंने धमकी नहीं दी। उन्होंने अपने को उसी पर छोड़ दिया, जो न्यायपूर्वक विचार करता है। उन्होंने क्रूस पर अपने शरीर में हमारे पापों का भार उठाया, जिससे हम पाप की दृष्टि से मृत हो कर धार्मिकता के लिए जीने लगें। आप उनके घावों द्वारा भले-चंगे हो गये हैं। आप लोग भेड़ों की तरह भटक गये थे, किन्तु अब आप अपनी आत्माओं के चरवाहे तथा रक्षक के पास लौट कर आ गये हैं।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "भला गड़ेरिया मैं हूँ। मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं।” अल्लेलूया!
येसु ने यहूदियों से कहा, "मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ जो फाटक से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, बल्कि दूसरे रास्ते से चढ़ कर आता है, वह चोर और डाकू है। जो फाटक से प्रवेश करता है, वही भेड़ों का गड़ेरिया है और उसके लिए दरवान फाटक खोल देता है। भेड़ें उसकी आवाज पहचानती हैं। वह नाम ले-ले कर अपनी भेड़ों को बुलाता और बाहर ले जाता है। अपनी भेड़ों को बाहर निकाल लेने के बाद वह उनके आगे-आगे चलता है और वे उसके पीछे-पीछे आती हैं, क्योंकि वे उसकी आवाज पहचानती हैं। वे अपरिचित के पीछे-पीछे नहीं चलेंगी। वे तो उस से भाग जायेंगी, क्योंकि वे अपरिचितों की आवाज नहीं पहचानतीं"। येसु ने उन्हें यह दृष्टान्त सुना दिया, किन्तु वे नहीं समझे कि वह उन से क्या कह रहे हैं। येसु ने फिर से कहा, "मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ भेड़शाला का द्वार मैं हूँ। जो मुझ से पहले आये, वे सब चोर और डाकू हैं; किन्तु भेड़ों ने उनकी नहीं सुनी। मैं ही द्वार हूँ। यदि कोई मुझ से हो कर प्रवेश करे, तो उसे मुक्ति प्राप्त होगी। वह भीतर-बाहर आया-जाया करेगा और उसे चरागाह मिलेगा। चोर केवल चुराने, मारने और नष्ट करने आता है। मैं इसलिए आया हूँ कि वे जीवन प्राप्त करें - बल्कि परिपूर्ण जीवन प्राप्त करें"।
प्रभु का सुसमाचार।