ईश्वर के दूत ने फिलिप से कहा, "उठिए, येरुसालेम से गाजा जाने वाले मार्ग पर दक्षिण की ओर जाइए।” यह मार्ग निर्जन है। वह उठ कर चल पड़ा। उसी समय, एक एथोपियाई खोजा येरुसालेम की तीर्थ-यात्रा से लौट रहा था। वह इथोपिया की महारानी कन्दाका का उच्चाधिकारी तथा प्रधान कोषाध्यक्ष था। वह अपने रथ पर बैठा हुआ नबी इसायस का ग्रन्थ पढ़ रहा था। आत्मा ने फिलिप से कहा, "आगे बढ़िए और रथ के साथ चलिए।” फिलिप दौड़ कर उसके पास पहुँचा और उसे नबी इसायस का ग्रन्थ पढ़ते सुन कर पूछा, "आप जो पढ़ रहे हैं, क्या उसे समझते हैं? “ उसने उत्तर दिया, "जब तक कोई मुझे न समझाये, तो मैं कैसे समझूँगा? “ उसने फिलिप से निवेदन किया कि वह चढ़ कर उसके पास बैठ जाये। वह धर्मग्रन्थ का यह प्रसंग पढ़ रहा था - वह मेमने की तरह वध के लिए ले जाया गया। ऊन कतरने वाले के सामने चुप रहने वाली भेड़ की तरह उसने अपना मुख नहीं खोला। उसे अपमान सहना पड़ा, उसके साथ न्याय नहीं किया गया। उसकी वंशावली की चर्चा कौन कर सकेगा? उसका जीवन तो पृथ्वी पर से उठा लिया गया है। खोजे ने फिलिप से कहा, "आप कृपया मुझे बताइये, नबी किसके विषय में यह कह रहे हैं। अपने विषय में या किसी दूसरे के विषय में?” तब फिलिप धर्मग्रन्थ के इस प्रसंग को आधार बना कर उसे येसु का सुसमाचार सुनाने लगा। यात्रा करते-करते वे एक जलाशय के पास पहुँचे। खोजे ने कहा, "यहाँ पानी है। मेरे बपतिस्मा में क्या बाधा है? “ फिलिप ने उत्तर दिया, "यदि आप सारे हृदय से विश्वास करें, तो कोई बाधा नहीं।” इस पर उसने कहा, "मैं विश्वास करता हूँ कि येसु मसीह ईश्वर के पुत्र हैं।” उसने रथ रोकने का आदेश दिया। तब फिलिप और खोजा, दोनों जल में उतरे और फिलिप ने उसे बपतिस्मा दिया। जब वे जल से बाहर आये, तो ईश्वर का आत्मा फिलिप को उठा ले गया। खोजे ने उसे फिर नहीं देखा; फिर भी वह आनन्द के साथ अपने रास्ते चल पड़ा। फिलिप ने अपने को आजोतस में पाया और वह कैसरिया पहुँचने तक सब नगरों में सुसमाचार का प्रचार करता रहा।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : समस्त पृथ्वी ईश्वर को धन्य कहे। (अथवा : अल्लेलूया!)
1. हे राष्ट्रो! हमारे ईश्वर को धन्य कहो और उसकी प्रशंसा में गीत सुनाओ। वही हमें जीवन प्रदान करता और विचलित हो जाने से बचाता है।
>2. हे प्रभु-भक्तो! आओ और सुनो, मैं तुम्हें बताऊँगा कि उसने मेरे लिए क्या-क्या किया है। मैंने उसे ऊँचे स्वर से पुकारा और उसकी प्रशंसा में गीत सुनाया।
3. धन्य है ईश्वर! उसने मेरी प्रार्थना नहीं ठुकरायी और मुझे अपने प्रेम से वंचित नहीं किया।
अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "स्वर्ग से उतरी हुई वह जीवन्त रोटी मैं हूँ। यदि कोई वह रोटी खायेगा, तो वह सदा जीवित रहेगा।” अल्लेलूया!
येसु ने लोगों से यह कहा, "कोई मेरे पास तब तक नहीं आ सकता, जब तक कि पिता, जिसने मुझे भेजा है, उसे आकर्षित न करे। मैं उसे अंतिम दिन पुनर्जीवित कर दूँगा। नबियों ने लिखा है, वे सबके सब ईश्वर से शिक्षा पायेंगे। जो कोई ईश्वर की शिक्षा सुनता और ग्रहण करता है, वह मेरे पास आता है। "यह न समझो कि किसी ने पिता को देखा है; जो ईश्वर की ओर से आया है, उसी ने पिता को देखा है। मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ-जो विश्वास करता है, उसे अनन्त जीवन प्राप्त है। जीवन की रोटी मैं हूँ। तुम्हारे पूर्वजों ने मरुभूमि में मन्ना खाया, फिर भी वे मर गये। मैं जिस रोटी के विषय में कहता हूँ, वह स्वर्ग से उतरती है और जो उसे खाता है, वह नहीं मरता। स्वर्ग से उतरी हुई वह जीवन्त रोटी मैं हूँ। यदि कोई वह रोटी खायेगा, तो वह सदा जीवित रहेगा। जो रोटी मैं दूँगा, वह संसार के जीवन के लिए अर्पित मेरा मांस है।”
प्रभु का सुसमाचार।