पास्का-अठवारे का शनिवार

पहला पाठ

प्रेरित-चरित 4:13-21

"हमने जो देखा और सुना है, उसके विषय में नहीं बोलना हमारे लिए संभव नहीं।"

पेत्रुस और योहन का आत्मविश्वास देख कर और इन्हें अशिक्षित तथा अज्ञानी समझ कर, महासभा के सदस्य अचम्भे में पड़ गये। फिर, वे पहचान गये कि ये येसु के साथ रह चुके हैं, किन्तु, स्वस्थ किये गये मनुष्य को इनके साथ खड़ा देख कर, वे उत्तर में कुछ नहीं बोल सके। उन्होंने पेत्रुस और योहन को सभा से बाहर जाने का आदेश दिया और यह कह कर आपस में परामर्श किया, 'हम इन लोगों के साथ क्या करें? येरुसालेम में रहने वाले सभी लोगों को यह मालूम हो गया कि इन्होंने एक अपूर्व चमत्कार दिखाया है। हम यह अस्वीकार नहीं कर सकते। फिर भी जनता में इसका और अधिक प्रचार न हो, इसलिए हम इन्हें कड़ी चेतावनी दें कि अब से येसु के नाम पर किसी से कुछ नहीं कहना।" उन्होंने पेत्रुस तथा योहन को फिर बुला भेजा और उन्हें आदेश दिया कि वे न तो जनता को सम्बोधित करें और न येसु का नाम ले कर शिक्षा दें। इस पर पेत्रुस और योहन ने उन्हें यह उत्तर दिया, "आप लोग स्वयं निर्णय करें- क्या ईश्वर की दृष्टि में यह उचित होगा कि हम ईश्वर की नहीं, बल्कि आप लोगों की बात मानें? क्योंकि हमने जो देखा और सुना है, उसके विषय में नहीं बोलना हमारे लिए संभव नहीं।" इस पर उन्होंने पेत्रुस और योहन को फिर धमकाने के बाद जाने दिया। वे नहीं समझ पा रहे थे कि उन्हें किस प्रकार दण्ड दिया जाये, क्योंकि उस घटना के कारण सारी जनता ईश्वर की स्तुति करती थी।

भजन : स्तोत्र 117:1, 14-21

अनुवाक्य : मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ। तूने मेरी प्रार्थना सुनी। (अथवा : अल्लेलूया! )

1. प्रभु का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है। उसका प्रेम अनन्तकाल तक बना रहता है। तुम ही मेरा बल है और मेरे गीत का विषय, उसी ने मेरा उद्धार किया है। धर्मियों के शिविरों में आनन्द और विजय के गीत गाये जाते हैं।

प्रभु के दाहिने हाथ ने अपना बल दिखाया है; उसके दाहिने हाथ ने मेरा उद्धार किया है। उसने मुझे बार-बार दण्ड दिया है, किन्तु उसने मुझे सर्वनाश से बचा लिया है।

3. मेरे लिए मंदिर के द्वार खोल दो, मैं उन में प्रवेश कर प्रभु को धन्यवाद दूँगा। यह प्रभु का द्वार है, जहाँ धर्मी प्रवेश करते हैं। मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ; तूने मेरी प्रार्थना सुनी और मेरा उद्धार किया है।

जयघोष

अल्लेलूया! यह प्रभु का ठहराया हुआ दिन है। हम आज प्रफुल्लित हो कर आनन्द मनायें।

सुसमाचार

मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 16:9-15

"संसार के कोने-कोने में जा कर सारी सृष्टि को सुसमाचार सुनाओ।"

येसु सप्ताह के प्रथम दिन प्रातः जी उठे। वह पहले मरियम मगदलेना को, जिस से उन्होंने सात अपदूतों को निकाला था, दिखाई दिये। उसने जा कर उनके शोक मनाते और विलाप करते हुए अनुयायियों को यह समाचार सुनाया। किन्तु जब उन्होंने यह सुना कि येसु जीवित हैं और उसने उन्हें देखा है, तो उन्हें इस पर विश्वास नहीं हुआ। इसके बाद येसु दूसरे वेश में उन में से दो को, जो पैदल देहात जा रहे थे, दिखाई दिये। उन्होंने लौट कर शेष शिष्यों को यह समाचार सुनाया, किन्तु शिष्यों को उन दोनों पर भी विश्वास नहीं हुआ। बाद में येसु ग्यारहों को उनके भोजन करते समय दिखाई दिये और उन्होंने उनके अविश्वास और उनकी हठधर्मी की निन्दा की; क्योंकि उन्होंने उन लोगों पर विश्वास नहीं किया था, जिन्होंने येसु को पुनर्जीवित देखा था। इसके बाद येसु ने उन से कहा, "संसार के कोने-कोने में जा कर सारी सृष्टि को सुसमाचार सुनाओ"।

प्रभु का सुसमाचार।