प्रेमी मधुर अपने ही ह्रदय में
प्रेमी मधुर अपने ही ह्रदय में दे दे येसु तू पनाह
तेरे बिना हूँ अधूरा प्रभु मैं, मुझको तो अपना बना
दिल तेरा कोमल नम्र है येसु, तू है पवित्र पावन
मुझको बना ले तुझसे प्रभुजी, तुझसे ही पाऊँ जीवन
घावों में अपने मुझको छिपा ले, रख पापों से दूर
पाक रहूं में तेरी पनाह में, दे जीवन भरपूर
प्यार में अपने भिगोना मसीहा, माफ़ तू करना गुनाह
छेदा गया है तेरा ह्रदय येसु बह निकला रक्त व जल
ये है हमारे मुक्ति का सोता, धोकर करे जो पावन
तेरा हृदय प्रभु करुणा सागर, प्रेम का है दरिया
इस दरिया से मुझको पिलाके अनंत जीवन दिला
मुझको बसा ले, तू अपने ह्रदय में, मुझको तू अपना बना