अपने दिल में मुझको बसा ले, करुणा सागर दया निधान
भक्ति भाव से भर दो ये मन, प्रेम बहा के धो दो ये मन,
मेरे प्रभुवर, मेरे गुरुवर, लौट के आ रहा हूँ मैं -2
तुझसे बिछुड़ के भटका जीवन, राहें अन्धेरी हैं सूना है मन,
मुझको उठाके, दिल में बसा ले, मेरे स्वामी, मेरे प्रभु -2
करता क्षमा याचना मैं भगवान, मेरी खता तू भूला दे भगवन,
देखूँ जिधर भी, राहें नहीं हैं, मुझको बचा दे जीवन प्रभु -2
आज मेरी आत्म वीणा क्यों यकायक बज रही,
ज़र्रें-ज़रें से निकलकर नई खुशियाँ सज रही ।
आज ईश्वर की दया से सफल जीवन हो गया-2
सारी दुनिया अब मुझे बस उस प्रभुमय लग रही ।
शक्तिमय भगवान ही जीवन सहारा है मेरा -2
दुःखमय दुनिया में जल्दी सुख बहेगा सब कहीं ।
आदि अनादि वचन, स्वर्गवासी वचन, वंदना करते हैं हम -
ईश्वर निर्गम वचन, स्वर्ग से आया वचन, वंदना ... -2
सृजनकारी वचन, जीवनदायी वचन, वंदना ...-2
ज्योतिरूपी वचन, मुक्तिदायी वचन, वंदना ... -2
शरीरधारी वचन, धरानिवासी वचन, वंदना ... -2
आदि में शब्द था, शब्द अनादि था,
ईश्वर के साथ था, स्वयं वह ईश्वर था।
सकल सृष्टि का सृजनहार वही, उसके बिना कुछ भी उत्पन्न नहीं ,
उसमें जीवन था जीवन ज्योति था।
अपने जनों के पास वह आया, अपने जनों ने उसे न अपनाया,
उसमें जीवन था, जीवन ज्योति था।
आदि में था, आदि में था -2 वचन अनादि विद्यमान -2
वचन अनादि था स्वयं वह ईश्वर था,
वह अनादि से जग की ज्योति था,
जगमग पावन ईश सुहावन धन्य है वह नाथ, धन्य है ...-2
शब्द देह बना मरियम से जन्मा
सिरजनहार वह तारणहार बना
विश्व विधाता जग के त्राता वह मेरे स्वामी, वह मेरे ... -
ईश मेरा मुक्तिदाता ईश मेरा नियन्ता है,
ईश मेरा आसरा है मेरा सब कुछ ईश है।
फौज मुझको घेर लें दुश्मन मुझ को ढूँढ लें,
तू ही मेरी शरण है नाथ कभी नहीं है डर मुझे ।
नित्य तेरे भवन में रहना मेरी कामना,
स्वर्ग-राज्य बड़ाई में रहना मेरी कामना ।
कौन रहेगा तेरे शिविर में नाथ, कौन बसेगा पावन गिरि पर नाथ ।
करो दया नाथ, निर्मल मन से हम, तेरी पावन बलि वेदी पर खड़े रहें,
सबको पावन करने वाले नाथ, तेरा पावन धाम महान प्यारा है।
खोई हुई भेड़ की खोज में, येसु मसीहा आया है
पापियों को पापों से बचाने, येसु मसीहा आया है।
कोई न भटके यही चाहता है, ईश पिता सबका दुलारा
खुशी से आनन्द मनाता है, खोई भेड़ों को जब वह पाता
ईश पिता सबका दुलारा।
भूखों को रोटी खिलाता है येसु मसीहा प्रभु हमारा
भटकों को राह दिखाता है और दीनों को गले लगाता
येसु मसीहा प्रभु हमारा।
गहराइयों से तुझको, स्वामी पुकारता हूँ.
मेरी आवाज सुन ले, तुझको सुना रहा हूँ.
पड़ जाए नाथ तेरे, कानों में मेरी वाणी
यह याचना की वाणी, दुःख से भरी कहानी
पर हे क्षमा के सागर, मुझको मुआफ कर दे
श्रद्धा करें तुझी से, ऐसा पुनीत कर दे
अपराध देखने में, तू ध्यान जो लगाये
तो तर चुका यह पापी, आशा भरोसा जाये ।
तेरे उदार दिल पे, मैं हूँ भरोसा रखता
तेरे वचन पे स्वामी, विश्वास हूँ मैं करता
यह आत्मा हमारी, तेरी ही राह लखती
इन पहलूओ से बढ़ जो, ताकते घड़ी सुबह की।
मेरा जो प्रभु कहता, वह है दया का सागर
जीवन हमें जो देता, वह मुक्ति का है आगार
मेरे निकट पहुँच वह, उद्धार खुद करेगा
अपराध भूल करके, मुझसे गले लगेगा ।
पिता, पुत्र और पवित्रात्मा की होजे सदा बड़ाई
जो पहले थी, आज है और सदा रहेगी ।
चल रहा हूँ पथिक मैं, सुन रहा हूँ दास मैं
हे प्रभु तू बात बोल, सुन रहा हूँ दास मैं-2
दे प्रभु तू हाथ तेरा पास हो आज और कल-2
तू ही सुझ को पथ दिखा दे साथ दे दे राह पर -2
राह मेरी है कैंटीली दुश्मनों से है भरी
हे प्रभु मुझ को बचा ले तू दिखा दे रास्ता - 2
जीवन के अंधेरे में प्रभु दीप जला देना,
ढूँढेने को कहाँ जाएँ, प्रभु राह दिखा देना
हम प्यासे हैं दर्शन को, और ढूँढ रहे तुझको,
हम दास तुम्हारे हैं, हमको न भुला देना ।
नैया जो पड़ी मझधार, और टूट चुकी पतवार,
आने की दया करना, और पार लगा देना |
जीवन के आधार,जग के सृजनहार
झर-झर बरसे तेरा अनुग्रह
जीवन में छाई बहार
प्यासे हैं हम तेरे प्यार के, आकर हमारी प्यास बुझाओ,
प्यार की बाती, बुझने लगी है, तुम ही स्वयं लो बन चमकाओ,
तुमसे इतनी आज विनय है, सुन लो हमारी पुकार ॥
आतसराहीन है जीवन हमारा चाहे जैसे बनाया बिसारा,
आधी मंज़िल पहुँचे नहीं कि, लगने लगा है दूर किनारा,
हाथ हमारा थाम लो येसु, मानेंगे तेरा आभार ॥
जो भी हम को माँगना है, माँगना प्रभु आप से -2
आप का संसार है ये, प्रेम का आधार है -2
इस नज़र से जो भी देखें, देखना प्रभु आपसे ।
जो हुआ था जो हुआ है, और जो होगा अभी-2
सत्य है जीवन का हरपल, कल्पना प्रभु आप है।
जिन्दगी के हर कदम पर, आप हमको थाम ले -2
है यही बस है यही बस, कामना प्रभु आपसे ।
तूने मुझे बुलाया प्रभु, तेरे दर पे मैं आया प्रभु
मैने सुन ली वाणी तेरी-2-मुझ में जागी श्रद्धा तेरी -2
आया हूँ मैं दर पे तेरे -2 शांति भर दे दिल में मेरे -2
माँग रहा हूँ प्यार तुम्हारा -2 तू है सबका पालनहारा ...2
तूने स्वामी जन्म दिया है, तुझसे तन मन सब कुछ पाया,
तेरे अनुपम उपदेशों ने, दिव्य प्रकाश हमें दिखलाया ।
मेरी मिट्टी की काया में, योग्य नहीं कुछ स्वामी तेरे,
इस हालत में जग के रक्षक, धन्यवाद ही जग मन भाया।
खुश रहने का करूँ जतन मैं, तेरी इच्छा पूर्ण करूँ मैं,
दया सिंधु तेरी करुणा से, जग में हर्ष स्नोत बह आया।
जब तक तन में प्राण रहेंगे तुझसे हर दम प्यार करेंगे,
जीवन ब्रत से रहें सदा ही तुझसे ही पाया ये काया ।
तू यहाँ भी तू वहाँ भी, तू है चारों ओर
अब्बा … अब्बा …, तू है चारों ओर ...
रचना ये तेरी तुझको बखाने, तू है चारों ओर
अवनि अंबर ये हरदम ही गायें, तू है चारों ओर अब्बा 5 5 5
कल-कल करती तोरी नदियाँ यूँ कहती, तू है चारों ओर
बरखा बहारों से हमको जताती, तू है चारों ओर,अब्बा 5 5.
तू विशाल है तू महान है, तेरी सृष्टि सारा जहान है,
तेरे गीत गाये जो भाव से, उसे थाम कर अनुभाव से,
तू करे उस पर दया, तू दयालु है तू सुजान है।
कोई भूल हो तो क्षमा करो, मेरे आँसुओं को जमा करो,
पास मेरे वेदना, तू ही साँस है तू ही प्राण है।
तू है स्वामी तू चरवाहा, निगाह मुझ पे तेरी सदा।
जहाँ जहाँ है हरियाली,-2 वहाँ मुझे तू लिये चला -2
जहाँ बहे झरना मीठा, -2 वहाँ मुझे तू लिये चला -2
जहाँ दिव्य सत् की छाया - 2 वहाँ मुझे तू लिये चला -2
जहाँ नहीं है डर कोई, -2 वहाँ मुझे तू लिये चला -2
तेरे गीत गाऊँ, तेरे संग रहूँ मैं
पाऊँ मैं जीवन का आनंद तुझ में प्रभु ।
तू ही मेरी मंज़िल प्रभु, तू है मेरा मार्ग ।
तू ही मेरी ज्योति प्रभु, तू है मेरा मसीह ।
तू ही मेरी शांति प्रभु, तू है मेरा नाथ ।
तेरे गीत गाते-गाते मन मेरा फूला जाता,
जीवन में मेरे धीरे, तेरा प्रेम- बढ़ता जाता।
मणियों का पथ लेके आऊँगा अब मैं तो क्या तू स्वीकारेगा,
दुनिया भी आये जाये, रिश्ते भी आये जाये कया तू स्वीकारेगा ।
जग सारे नगर सारे जीती हर वस्तु भी तेरा नाम गाते जायें,
दुनिया में जीती हर सृष्टि भी सारी, तेरा नाम करे बखान।
थके हुए हो तुम आओ येसु के पास,
तुम्हें बचाने को अभी है वो तैयार (2)
डूब रहे थे तुम पाप की लहरों में,
दिखा सही किनारा वही बटोही सहारा ।
सलीब पे अपनी दे दी मसीह ने जान,
आकर पाये हम जीवन और उद्धार ।
दे दे सहारा मुझको प्रभु, दे दे दिलासा मुझको प्रभु ।
किसको पुकारूँ तेरे सिवा, किसको निहारूँ मैं तेरे सिवा,
तू है ईश्वर तू है विधाता, तू है दयावान स्वामी मेरा ।
तेरे बिना है कोई न मेरा, तेरे बिना है बेकार जीना,
तेरे बिना है सुनसान जमाना, तेरे बिना है न जीवन निशाना ।
तेरे बिना दिल कमजोर मेरा, तेरे बिना तन मजबूर मेरा,
तेरे बिना न आसान डगेरा, तेरे बिना है न रोशन सबेरा ॥
धन्य धन्य हे प्रभु परमेश्वर उसकी महिमा होवे निरंतर,
प्रभु परमेश्वर सब का दाता वही हमारा तारणहारा,
धन्य धन्य हे प्रभु परमेश्वर ।
तू है स्वामी भूमंडल का, तू है राजा इस धरती का,
प्रभु परमेश्वर सब का दाता वही हमारा तारणहारा ।
नदियाँ तेरी पर्वत तेरे बगियाँ तेरी पंछी तेरे,
प्रभु परमेश्वर सब का दाता वही हमारा तारणहारा।
तू ही पिता है हर मानव का पालनहारा हर प्राणी का,
प्रभु परमेश्वर सब का दाता वही हमारा तारणहारा ।
धरती आकाश दोनों प्रभु की आवाज सुनेगे,
संसार के सब प्राणी उसका ही नाम लेगे ॥
प्रभु का समय आता है धरती मगन होगी,
उसकी दया बरसेगी और दूर जलन होगी ,
उसके वचन महिमा, और शक्ति सब देखेगे,
संसार के सब प्राणी उसका ही नाम लेगे।
प्रभु का वचन ऐसा हो, जो चिराग सा जलता हो,
उस पर जो चलता है, जीवन उसे मिलता है,
प्रभु के नियम को माने, कभी न हम भटकेंगे संसार के सब प्राणी
उसका ही नाम लेंगे।
धरती में पाऊँ तुम्हें, अम्बर में पाऊँ तुम्हें,
सागर में पाऊँ तुम्हें, हर मन में पाऊँ तुम्हें ।
तुझसे कौन है बातें न करता, पत्थर, पर्वत सभी का तू कर्त्ता
सृष्टि ये सारी तेरी ही रचना, जीवन विधाता तुम्हें हो नमन ।
प्यार का दीप सब में होता, प्यार का पाठ तू सबको पढ़ाता
दान दया का तू सबको है देता, तारणहारा तुम्हें हो नमन ॥
ऐसे लोग भी होगे यहाँ पे, रोशन तुझसे हुए न जहाँ में
भूखे प्यासों में तेरा बसेरा, राखनहारा तुम्हें हो नमन ।
धीरे बहो पावन पवन शीतल करो मन की तपन
हे प्रभु दो हमको ऐसा मन, अभिलाषा का कर सके दमन।
प्रेम और धीरज के उद््गार हो तुम,
जल और थल गगन के आधार हो तुम,
पापों का तम जग से हटा, और वास करो तुम हर एक के मन ।
सूर्य की प्रथम रश्मि से तुम, चन्द्रमा की शीतल किरण से तुम,
दे ओ सदा आह्वान यही, मेरी देह के अंग होकर एक जन ।
नाथ तू कितना महान, नाथ तू कितना विशाल,
तेरे घर में बसूँगा मैं, गाऊँगा जय जय जयकार।
तू विचरता जल थल नभ में, तू है बसता हर एक मन में -2
तेरी वाणी हर एक कण में, तेरी वीणा हर एक क्षण में । नाथ ...
स्नेह तेरा है अपार, सकल जग का तू आधार-2
गाऊँ सदा गुणगान तेरा, करूँ सदा प्रभु नमन तेरा। नाथ ...
तू जगत का आशा दीपक, तू जगत का पावन प्रेरक -2
कर दूँ अर्पण जीवन सारा, तू है प्रभु जी पालनहारा । नाथ ...
नाथ बखान करूँगा मैं, तेरे नियम का सारे जहाँ,
कभी न होऊँ हताश नाथ, मिले नाथ का मुझे वरदान ।
मेरे हृदय में सुन्दर सुमधुर भाव भरे है,
मैं उन्हें इस गीत द्वारा प्रकट कर रहा हूँ।
मानव संतानों में तू सब से सुन्दर है,
तेरे मुख पर सौंदर्य की सृष्टि हुई है।
तू धर्माचरण से प्यार करता है और अधर्म से घृणा,
इसलिए ईश्वर ने मुझे पवित्र तेल से अभ्यंजित किया है ।
निर्मलता का मन मुझमें, तू ही बना दे दाता,
शांति दया समभाव मेरे, दिल में बसा दो दाता ।
मन मोहों से दूर हटा दो, पापों से मुझको तारो,
दीन दुःखी से प्रेम करूँ मैं, सेवा का मन मंदिर हो ।
मन भावुक हो भाव प्रबल हो, दूजों की समझूँ पीड़ा,
सबकी खुशी में मेरी खुशी हो, दुनिया दो पल का डेरा।
निर्मल प्रभु प्यरे प्रभु, निर्बल हूँ मैं बचा ले प्रभु,
बाहों में तू ले ले प्रभु, इन राहों से उठा ले प्रभु ।
नसोना हैं, न चाँदी है, न तो धन है, न दौलत है,
बस एक तू ही मेरा सहारा, तेरी शरण मैं आया प्रभु। .
तू आसरा है आशा भी तू है, तू ही किनारा खेवैया भी तू है,
हर पल तुझमें ही जीता रहूँ मैं, ऐसा वर तू दे दे प्रभु ।
नील गगन के स्वामी मेरे गाऊँगा महिमा के गान तेरे
तेरी ज़मीन है, आसमान तेरा जहाँ में आसरा तेरा (2)
तेरे बिना कोई न मेरा (2) तू ही है तारणहारा ।
तेरी सुष्टि है, राज्य तेरा जहाँ में दिलासा तेरा (2)
तेरे बिना किसका सहारा(2) तू ही है पालनहारा ।
पहले तो ये दुनिया रची फिर ये रचा इन्सान,
जीवन दिया फिर भोजन दिया प्रभु, दिया उसे वरदान ।
तेरी दया कैसे भूलेगी हमें, तेरा ही बनाया हुआ सारा जहाँ,
तू ही रहे प्रभु मेरे संग में, जैसा तू है वैसा कोई दूजा है कहाँ ।
तेरे सिवा कोई पाले न हमें, तेरा ही दिखाया हुआ रास्ता चलें ।
तू ही करे वो उजाला राह में, जहाँ जहाँ जाएँ प्रभु तेरा नाम ले ।
तूने प्रभु जो दिखाई है हमें, सत् की तरफ वो जाती डगर,
इतनी दुआ है तुझ से प्रभु, हम सब लोगों पे तू रखना नजर।
प्यासा हिरण जैसे ढूँढे है जल को
ऐसे प्रभु मैं तु खोज रहा -2
तू ही मेरे मन की अभिलाषा, तेरी पूजा नित दिन करता रहूँ मैं।
सोना-चाँदी मैं तो न माँगू, मन तेरे प्रेम से भरता रहूँ मैं ।
तू जो बन जाये श्रद्धा सुमन, पुष्प पराग सा भरता रहूँ मैं।
प्रभु का नया भजन गाओ - 2 वह करता है कार्य महान -2
प्रभु का नया भजन गाओ - आ ... ओ ... ओ ... आ ...
प्रभु ने हमको प्रेम किया है सारा जग यह जानता है। ।
तानों की तान में ईश्वर की महिमा, तुरही के तार में ईश्वर की महिमा।
हर्षित मन से मिलकर हम गायें गूँज उठ जाएँ सारे संसारी ।
प्रभु का नाम सहारा मेरा -2 मैं हूँ नैया वह किनारा -2
गाये प्रतिदिन दिल मेरा साँझ हो या हो सबेरा,
झन झन झन बोले मेरे दिल के तार।
ऐसा पावन दर तेरा हर कोई पाये बसेरा,
देखा न तेरे जैसा खेवनहार ।
मेरा जीवन है तेरा बन गया तू मीत मेरा,
तू ही ले जाये प्रभु दु:ख से पार ।
प्रभु मैं तेरी महिमा के गीत, निशदिन गाता रहूँगा,
तू ही प्रभु मेरा प्यारा है मीत, तुझको ही धन्य कहूँगा।
जीवन दिया तूने पालन किया, प्रभु वरदानों से तूने भर दिया,
कैसे कहूँ धन्यवाद - 3
प्यार किया मुझे अपना लिया, तेरी सेवा में तूने बुलाया,
कैसे कहूँ धन्यवाद - 3
प्रभु येसु मेरा चरवाहा है, मुझे कोई कमी नहीं होगी,
प्रभु येसु मेरा रखवाला है, मुझे कोई कमी नहीं होगी -2
हरे भरे मैदानों में वही मुझे चराता है,
शीतल जल के स्रोतों से वही मुझे पिलाता है,
हरियाली की छावों में वहीं मुझे सुलाता है।
ऊँची नीची घाटी से वही मुझे चलाता है,
पातर कातर राहों में रक्षन मेरा करता है,
गर खो जाऊँ राहों में वही मुझे पा लेता है।
प्रशंसा के गीत गाओ बनाया जिसने संसार ।
देखो तुम कर नहीं डर देखो उधर सुन्दर नदी गगन है -2
और ये आप का गहरा सागर-2
किया सबको, सृष्ट किया परमेश्वर -2
पवन जो बहती है धीरे-धीरे देखो हमारे मन उजलाती है -2
सुन्दर है ये दुनिया हमारी-2
उनकी दया, उनकी आशिष उन्हें सुनें -2
प्रसन्न मन से प्रभु को गाओ, उसका नाम महान है,
धन्य प्रभु के काम अनूठे, उसका नाम महान है ,
अल्लेलूया-2 अल्लेलू- अल्लेलू- अल्लेलूया ।
अपने जन में वह आया, दीन जनों में समाया,
अति दुर्बल इस मानव को उसने अपना मित्र बनाया ।
नभ से वर्षा भू पर आती, उपजाऊ जो उसे बनाती,
उसके वचन दिल धो देते नियम बढ़ाते जीवन ज्योति ।
दास हमें वह नहीं मानता, हम सबको वह सखा समझता,
अपने पास हमें लाता, साथ प्रेम से हमें खिलाता।
मधुर पावन वचन तेरा, राह में दीपक मेरा ।
ले चल प्रभु मुझे सत्य की ओर, असत्य से सत्य की ओर ।
ले चल प्रभु मुझे ज्योति की ओर, अंधेरे से ज्योति की ओर ।
ले चल प्रभु मुझे जीवन की ओर, मृत्यु से जीवन की ओर।
मन मेरे न हो निराश, जाऊँ मैं पिता के पास,
देगा मुक्ति वह मुझे, रखेगा कदमों के पास ।
संकट में वह मेरा बल, हर मुश्किल को करता हल,
शैतान का न मुझ को डर, उसी पर है मेरी आस ।
येसु देता है नज़ात, आओ सुन लो उसकी बात,
सब को वही करता प्यार, करता जो उस पर विश्वास ।
मानव तुम इस दुनिया वाले, गाओ प्रभु के गीत खुशी से,
ऊँचे स्वर में करो बड़ाई, स्वामी के बन दास खुशी से ।
मत भूलों वह सचमुच प्रभु है, हमें बनाया हम उस के हैं,
इस धरती पर वह चरवाहा, भेड़ें भोली हम उसकी हैं।
उसका घर इंसाफ का मंदिर, चले वहाँ चिरसुख पा जाएँ,
अमर लोक का वह राजा हैं, उसके पावन नाम को गाएँ।
बड़ा दयालु प्रभु हम सबका, सबके मन को वह भाता है,
जुग-जुग बरसे दया, प्रेम नित, उसका सत्य से नाता है।
धन्य पिता प्रभु येसु मसीह पुत्र है उसका, स्वामी हमारा,
करो निरन्तर स्तुति तुम उसकी, जो प्रेम का है सिरजनहारा ।
मेरे गीतों का विषय, तू मेरी आराधना,
तेरी महिमा मुझ में होवे ये मेरी है कामना 2
तुझको मैने, मेरे प्रभुजी, जब से पाया है,
तेरे अनोखे प्रेम के आगे शीश झुकाया है,
तेरी महिमा गाने को जो, साज उठाया है,
गीतों में नया जीवन मेरे, तब से आया है,
जीवन का हर पल अब मेरा, तू ही मुझको जानना ।
तेरा वचन जो राह में मेरे दीप-सा जलता है,
मेरे जीवन का हर पहलू उस में ढलता है ,
तेरे वचन के द्वारा मुझको, साहस मिलता है,
वह तो कभी न भटकेगा जो, उन पर चलता है,
तेरे वचन को थामे रहूँ मैं वो मेरी हो साधना ।
वक्त चुनौती देकर पूछे तुम से बारम्बार,
येसु मसीह को बनाया तुमने जीवन का आधार,
सोचना होगा हर प्राणी को, क्या वह है तैयार,
देखो शायद कल न आये, करना न इन्कार,
एक दिन करना होगा सबको येसु मसीह का सामना ।
मंगल मेखला बहती है तेरी जहान में,
मंगल मेखला बहती है मन मन मंदिर में । ओ ... मंगल ...
नदियाँ तेरी, पर्वत तेरे, तुझे बखाने,
तरूवर, पक्षी, धरा, गगन भी तुझे आराधे,
हम सब मिल प्रभु तुझे भजें, तुझे नमें । ओ ... मंगल...
तू जो स्वामी भूमण्डल का तेरा कण कण गाये,
हर मन-मानव शिशु गण सारे तुझे जताये,
निखिल पवन और जगत सुमन प्रभु तुझे भजे । ओ ... मंगल ...
तू जो सिरजे निश दिन सारे जल सोते बहाये,
तू जो खिलाये तू जो पिलाये, किरपा दिलाये,
हम सब मिल प्रभु तुझे भजें, तुझे नमें । ओ ... मंगल ...
मुझे कुछ नहीं बस तेरा साथ चाहिए।
चलता रहूँ मैं तेरी राह चाहिए।
आदि-अनादि तू, जीवन ज्योति तू (2) तेरी ज्योत चाहिए।
सकल कला तू, तू ही कलाकार (2) तेरा साया चाहिए।
जग की बहार तू, स्नेह-फूहार तू (2) तेरा प्यार चाहिए।
मुझे तेरा बुलावा मिला मुझे जीवन मिला प्यार का,
ओ प्रभु कया मैं तुझे मोल दूँ, तेरे अनमोल उपहार का ।
मेरे पहले दिवस में मुझे, तेरे हाथों ने पावन किया,
जहाँ तू, वहाँ मैं, तू ही आधार आधार का।
मुझे तूने चुना जिस लिए, प्रभु कर पाऊँ मैं काम वो,
जहाँ तू, वहा मैं तू ही आधार आधार का ।
तेरी रचना है सारा जहाँ, तेरा आभार कैसे करूँ,
जहाँ तू, वहाँ मैं, तू ही आधार आधार का ।
मुझे न चाह कोई, सदा तुझे चाहा,
न मैं कहीं भटकूँ, तू मेरा चरवाहा ।
जहाँ हरित उपवन, वहाँ मुझे लिये चलो,
जहाँ बहे मीठा जल, प्रभु मुझे लिये चलो ।
जहाँ हो राह सही, वहाँ मुझे लिये चलो,
जहाँ हो सत्य अचल, प्रभु मुझे लिये चलो ।
जहाँ हो नवजीवन वहाँ मुझे लिये चलो,
जहाँ न भय घेरे, प्रभु मुझे लिये चलो ।
मेरी आँखें अपने प्रभु को सदा निहारें,
क्योंकि नाथ वह मोह-जाल से सदा उबारे ।
रखना मुझ पर नजर दया की हरदम स्वामी,
क्योंकि अकेला और अकिंचन हूँ मैं प्राणी,
प्रतिपल मेरे मन के दुखड़े दूने होते,
मुझे मुक्त कर चिन्ताओं के इन जालों से ।
मेरी देख नम्नरता स्वामी दुखड़ा मेरा,
मेरे सारे पाप क्षमा कर मैं हूँ तेरा,
देख बहुत हैं दुश्मन मेरी घात लगाये,
वे निष्कारण नफरत करके सुझे सतायें ।
मेरी आत्मा करो सुरक्षित मुझे छुड़ा लो,
आस तुम्हारी मुझको मेरी लाज बचालो,
रहे सदा सद्धर्म भलाई रक्षक मेरी,
क्योकि तुम्हीं में सदा रहे प्रभु आशा मेरी ।
भक्त जनों के हे परमेश्वर, हमें बचाओ,
सारे कष्ट निराशाओं से हमें छुड़ाओ ।
मैं तेरी करुणा के गीत, गाता रहा हूँ, गाता रहूँगा ।
पीढ़ी से पीढ़ी तलक, हर युगो में,
तेरी सच्चाई - 2 जताता रहूँगा।
स्वर्ग में अद्भूत तेरे काम की, होंगी प्रशंसा तेरे नाम की
सानी वहाँ तेरा कोई नहीं, उपमाएँ ढूँढी न पाई कहीं,
मैं तेरी महिमा के गीत, गाता रहा हूँ, गाता रहूँगा।
लहरों की सीमाओं को तोड़कर सागर उमड़ता है जब शोर कर,
तेरे इशारे से ही शांत हो जाता सिमट भय से आक्रांत हो,
मैं तेरी महिमा के गीत गाता रहा हूँ, गाता रहूँगा।
मैं कभी तुम्हारा साथ न छोड़ूँगा -2
दुनिया के अंतिम क्षणों तक साथ रहूँगा,
आँधी हो चाहे तूफां हो संग चलूँगा।
माँ की कोख में, जब तुम थे मैने,
तुमको चुन लिया, तुमको संवारा दिल में बसाया,.
प्रेम अपार दिया तुम मेरे हो, मेरे लिये हो,
तुम हो मेरे लिए, बस तुम मेरे लिए।
जीवन मैने, तुम्हारी खातिर, कर दिया कुर्बन,
जीवन तुम्हारा प्रेम है मेरा, क्रूस पे बलिदान,
मनुष्य बनकर तुम्हें बचाया, मैं हूँ तुम्हारे लिए, बस तुम्हारे लिए।
मैं तैयार हूँ, मैं तैयार स्वामी, मैं तैयार हूँ,
चलो ले चलो जहाँ में मुझको, चलो प्रभु मेरा, हाथ थामे-2
मुझमें तुम्हारा जीवन प्रभु जी, मुझमें तुम्हारी, स्नेह धार-2
मुझको बना लो साधन अपना, मुझको बना लो वाहन अपना-2
यही वचन आदेश यही है
यही वचन आदेश यही है ध्यान में रख लो जी,
शिष्य बनोगे प्रभु के तुम जनसेवा करके ही ।
खोलोगे जब आँखें सच तुम देस्बोगे,
कानों से तुम वाणी का सच सुन लोगे,
पैर से चलकर सच की मंजिल पा लो जी,
डोर थाम लो हाथों से सत् कर्मों की ।
प्रेम तुम्हारे पास है तो बाँटोगे,
द्वार हृदय के रोलो प्रभु को पाओगे ,
तन-मन-धन से ध्यान प्रभु का धर लो जी,
खून बहाकर भी सेवा रस घोलो जी ।
क्रूस प्रभु का हम को याद दिलाता है,
अपना लहू देकर भी सबको बचाना है,
खून से सींची बगिया उसने रिश्तों की,
प्रभु पथ पर चल स्वर्गधाम तुम पा लो जी ।
यहोवा चरवाहा मेरा कोई घटी मुझे नहीं है,
हरी चराइयों में मुझे, स्नेह से ले चलता वो है -2
मृत्यु के अंधकार से मैं जो जाता था,
प्रभु येसु करुणा से तसल्ली मुझे दी है ।
शत्रुओं के सामने वो मेज को बिछाता है,
प्रभु ने जो तैयार की , मन मेरा मगन है।
सिर पर तेल मला है अभिषेक मुझे किया है ,
दिल मेरा भर गया है और उमड़ भी रहा है।
सर्वत्र प्रभु घर में करुणा निवास है,
करुणा भलाई उसकी आनंदित मुझे करती है ।
यहोवा तू मुझे परखता है,
मेरा बैठना और उठना तू जानता है,
मेरे विचार सब कुछ तू ग्रहण करता है,
और चलना लेटना तू समझता है।
मेरे जीवन में कोई शब्द तुझे अनजान नहीं,
मेरी सारी राहें तू जानता है -2
तुझे छोड़कर मैं कहाँ जाऊँ,
तेरी उपस्थिति छोड़कर किधर जाऊँ।
आकाश में मनुज मैं जाऊँ तो भी,
सागर के बीच में चलता तो भी,
तेरा रास्ता सीधा जब मेरे साथ यहाँ
तेरा वादा जो मुझे चलाएगा।
ये धरती, ये आसमान, ये वन उपवन,
ये पवन, चमन मेरे प्रभु की श्वासें हैं -2
गाएँ जय कार, गाएँ बारंबार, हो जाए गुंजार, प्रभु हैं फुहार।
कितना विशाल है, कितना महान है, जग की मशाल है प्रभु महिपाल है।
सत्य वही है, राह वही है, ज्योति वही है जीवन वही है।
येसु का प्रेम है जीवन का आधार,
महासागर से भी है गहरा जीवन करता पार । - 2
प्रेम जगत में आया पाप का बोझ उठाया,
प्रेम में उसके अमृत जीवन जिससे मिले उद्धार ।
जिसने प्रेम यह पाया उसमें छल न माया,
दिल की वीणा गूंजे स्वर में, प्रेम का बजता तार ।
प्रेम कनक और मोती, नव जीवन की ज्योति,
प्रेम के इन रत्नों से आओ, अपना करें श्रृंगार ।
येसु है सच्चा गड़ेरिया -2 उसकी हम भेड़ें हैं
हरी चराइयो में, हमें चराता है -2
घाटी पहाड़ों में ले चलता है,
जहाँ पर सुखदायी जल के झरनें हैं -2
हमें किसी का डर तो नहीं है, क्योंकि येसु जो मेरे साथी है -2
मार्गों में मेरी रक्षा वो करता है, शैतानी से वह हमें बचाता है -2
येसु मेरा चरवाहा, मैं उस के गुण गाता हूँ,
छोटी उसकी भेड़ पीछे-पीछे जाता हूँ।
हरियाली चरगान में मुझे चराता है,
निर्मल झरनों से मुझे पिलाता है,
वो आगे-आगे चलता हैं, रक्षा भी करता जाता है,
उसकी मधुर वाणी से मैं तृप्त जाता हूँ।
मौत की घाटी से मुझे बचाता है,
जंगल के खतरों से मुझे ले जाता है ,
वो आगे-आगे चलता हैं, रक्षा भी करता जाता है,
उसकी मधुर वाणी से मैं तृप्त जाता हूँ।
वचन तुम्हारा सुनता भगवन, हर पल आतुर प्राण ।
तुने चुना है तेरे लिए, करने उत्थान पतन देशों का ,
यह चेतना तुम भर दो, भगवान मुझे यह वर दो, यह वर दो ।
मैं हूँ नन्ही रचना तेरी, कैसे करूँ मैं वचन-प्रसारण,
यह वेदना तुम हर लो, भगवान मुझे वह बल दो, वह बल दो ।
तेरे घर का मैं हूँ मानव, निज कामना मन में रहें,
यह प्रेरणा अब भर दो, भगवान मुझे अब वर दो, अब वर दो ।
वचन तुम्हारे ले जायें हमको, तुम्हारे सुखराज में,
बुझायें तृष्णा, जगाये खुशियाँ, हमारे जीवन में ।
तुम्हारी शोभा बड़ी निराली, न कर सके वर्णन,
तुम्हारे यश की विशाल गाथा, सुनाये हर जन जन ।
ये पेड़ पौधे, ये फूल कलियाँ, करें तुम्हें वंदन
ये चाँद तारे, ये जीव सारे, करें तुम्हें सुमिर्न ।
दया तुम्हारी हर एक जन पे, रहे सदा दाता
तुम्हारे जैसा दयालु कोई, नज़र नहीं आता।
वचन तेरा है प्रभु, जीवन की ज्योति है,
वचन तेरा है गुरु, अनन्त जीवन है।
दिव्य वचन तेरा, भक्ति से सुन लूँगा,
मधुर वचन तेरा, दिल से मैं मानूँगा ।
भूख मिटाता है अमर वचन तेरा,
प्यास बुझाता है मीठा वचन तेरा ।
वचन तेरा है प्रभु, पावन करे मेरा मन,
प्रेम मेरे दिल में जगाए, करे मुझे पावन,
देवी वचन तेरा, मीठा वचन तेरा,
आत्मा की मेरी प्यास बुझाये, मधुर वचन तेरा । - 2
वचन तेरा प्रभु, अमर करे जीवन,
राह मेरी ज्योत से सजाए, बरसाए प्रेम वरदान
देवी वचन ...
वन्दन ईश्वर वन्दन हो, ईश्वर वचन को वन्दन हो
मुक्ति प्रदायक इस वाणी से मन को प्रकाशित करिये नाथ ।
जीवन प्रदायक इस वाणी से मन को प्रकाशित करिये नाथ ।
शांति प्रदायक इस वाणी से मन को प्रकाशित करिये नाथ ।
शीत लहरों के किनारों पे मुझे तू ले चला,
होके ना - हो आभास तेरा तू सदा बसता चला ।
हरियाली की गोद देता, तरू की छाया में लिपटता,
थपकियों से तू सुलाता, शांतियों से तू है भरता । आ…
खो न जाऊँ दृष्टि रखता, पथ दिखाये कर पकड़ता,
खो भी जाता हूँ यदि तो, तू ही मुझको खोज लेता । आ…
घाव मेरे सहलाता, प्रेम मरहम तू लगाता,
गिर भी जाता हूँ यदि तो, झट से तू ही तार लेता । आ…
सदा तू मेरे साथ प्रभु सदा मेरे साथ,
ले चलता जीवन मार्ग पर तू ही मेरे नाथ ।
गर चढ़ जाऊँ आसमान, या जाऊँ सागर तले,
देखूँ सर्वत्र तेरा ही प्रेम तेरे प्रेम से जाऊँ न दूर ।
माँ के गर्भ में जब मैं था तूने मुझे चुन लिया,
अब तू ही मेरा आसरा तू ही मेरा जीवन ।
सुनाने आया सुनाने येसु के मीठे वचन
शांति के दाता आनन्ददाता वही है तारणहारा,
आओ हे भाइयों मिलकर चले हम, वहीं है स्वर्ग का द्वार ।
वही है सच्चा जीवन का मार्ग, वही है पालनहारा,
जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वही मुक्ति पायेगा ।
सूरज चाँद सितारें करते तेरा ही गुणगान,
धरती, अम्बर, पर्वत नदियाँ गाते हैं यशगान ।
बिन तेरे तो कुछ भी नहीं प्रभु, तू ही तारणहार,
तेरी दया का अंत नहीं प्रभु; माँगे तेरा प्यार ।
पाप की छाया कर देगी प्रभु, सुंदर जग का विनाश,
दुःख नहीं हो शांति बनी हो, वर दो यह उपहार ।
हो सब जन के सत कर्मों से, रोशन तेरा नाम,
मुक्ति मिले हम सबको यहाँ पर, दे दो यह वरदान ।
हम सफर है मेरा मसीहा मुझको न कोई डर-2
चाहे पहाड़ी ऊँची हो, चाहे दरिया गहरा हो-2
चाहे अंधेरी घाटियाँ हों, फिर भी मसीही आस है। ...
चाहे कोई भी राह रोके आँधी तूफानी या दुःख भारी -2
बढ़ता चलूँगा मंजिल पर पीछे न देखूँगा कभी । ...
दुनिया के लोगों सुनो दास्तां प्रेम से उसने जान दे दी - 2
तज के सभी अंधकार के साथ हम सफर को जहान मिले।