अपने लहू से धोया है तूने, पापों को मेरे मिटाया है तूने
अब न मुझे किसी का डर है, अपना मुझे बनाया है तूने ।
अकेला भटक रहा था मैं, वीराने में चलता था मैं
कलवारी पहाड़ी की वो, सुन के पुकार, तेरी शरण में आया हूँ मैं।
तू प्रेम है दया सागर है, सुनता है तू सबकी पुकार
तूफानों से था मैं जब घिरा, साहिल पे, मुझको बुलाया है तूने ।
आज के बाद तुम्हें बोलूँ न सेवक कभी
तुम सब मेरे हो, प्यारे मीत मेरे हो, प्यारे मीत
लेना ऐ शिष्यों, पावन है ये पावन आत्मा
बापा स्वर्ग से भेजेगा जो खुशी से यहाँ -2
तुमको चुना मैने, क्योंकि तुम काबिल हो मेरे
मैं तो हूँ गुरु भक्तों तुम प्यारे शिष्य मेरे हो, लेना ... 2
पाँव तुम्हारे मैं धोता हूँ चुनता शिष्य तुम्हें,
ताकि तुम करो निर्धन की सेवाएँ तन-मन से, लेना ... 2
आत्मदान की राह बताकर सेवक सा विनम्र होकर
येसु ने शिष्यों के पावों को धोया प्रेम संदेश दिया ।
सेवा का धर्म सिखाकर, अपने को शून्य बनाकर । येसु ने ...
तुम कहते मुझको गुरुवर, तो चलना मेरे पथ पर। येसु ने ...
एक ही आज्ञा है प्यारों, तुम करना प्यार परस्पर | येसु ने ...
अब से तुम दास नहीं हो, मैने सबको मित्र कहा है। येसु ने ...
मित्रों पर जान निछावर, करने से कहाँ प्यार बढ़कर । येसु ने ...
ओ मेरे प्रभु येरसालेम को गये।
गरीब लोगों ने डाली तोड़कर बिछाई।।
धनी लोगों ने कपड़े मार्ग में बिछायें।
आगे पीछे चेलों ने जय-जय उनकी पुकारी ।
ओ.... प्रभुजी आये आये, अब प्रभुजी आये आये
आओ प्रभो प्रभो (2) आओ आओ महा प्रभो,
आओ... ऊँचे फाटक खुल जा ... ...
खुल चौड़े खुल जा खुल जा ।
आओ प्रभो प्रभो (2) आओ आओ महा प्रभो ।
कौन है राजा प्रबल प्रभुवर कौन है यह राजा महान
कौन हैं कौन है यह महान ? ओ ... ऊँचे फाटक खुल जा ..
है यह राजा परम प्रभुवर ... शक्ति महत्तम ईश्वर है।
ईश्वर है यह महेश्वर है, ओ ... प्रभुजी आये ...।
इस संसार में नित किस कारण इतना दुःख भोगना पड़ता,
इस संसार में पाप के कारण इतना दुःख भोगना पड़ता।
हे दयालु येसु मेरे, कीजिये मेरी क्षमा,
मैं पछताता अपने पाप से, मैं फिर पाप न करूँगा।
बुरे दूत लोग वे किस कारण नरक में डाले गये,
बुरे दूत लोग पाप के कारण नरक में डाले गये । हे दयालु ...
आदम हेवा वे किस कारण शुरु में श्रापित हुए,
आदम हेवा, पाप के कारण शुरु में श्रापित हुए । हे दयालु ...
ऐ खुदा तू है बड़ा, ऐ खुदा तू है सदा ।
ऐ खुदा तू पाक है, ऐ खुदा तू शक्ति है
जिंदगी के सोते में मुझे, जिंदगी पाने को तू चला (2)
आजा मेरे जिंदा खुदा, जिंदगी की राहों में चला (2)
जिंदगी के सोते में मुझे, जिंदगी पाने को तू चला (2)
हम वफादार नहीं है, तुम वफादार जरूर हो (2)
पाप हमारे दूर करने को, क्रूस पर तुम्हें जाना पड़ा
जगत के सब लोगों के लिये , तेरा बदन घायल हुआ है (2)
फिक्रमंद जो तेरे पास आये, शांति से तू उसे भर देगा (2 )
क्रूस उठा के तूझे चलना होगा, आज प्रभु को दिल देना होगा (2)
राह तू अपनी छोड़ के आजा (2) नव जीवन उपहार में ले जा (2)
आज प्रभु के लिये क्रूस उठा जा आज प्रभु को दिल देना होगा।
कर्ण...
दीप तेरा बुझने न पाये (2)
ज्योति मस्रीह से नेह लगाये (2)
आआज प्रभु की ज्योति पार लगाये ।
दूर करेगा गम तेरे दिल का (2)
पाप मिटा के नव जीवन देगा (2)
आज प्रभु के लिये आना होगा
आाज प्रभु को दिल होगा | क्रूस ... --- -
खड़ी होती दुखित माता,
क्र्स निकट वह रोती रहती
जिस पर टंगा है बेटा ।
उसके कुचले दिल के बार पर
जो दु:ख सागर में डूबा है,
गड़ गई है तेज तलवार ।
आह खेदित और शोकमय कैसी
है वह अति मुबारक स्त्री
एक एकलौते की माता |
माँ हाथ मारती माँ कराहती
दिल उसका बिलकुल टूट
जाता प्रेमी बेटा देखते ही ।
कौन सा होता जो न रोता
जब वह देखता इस संकट में
येसु खीस्त की शोकित माँ ।
किसको दया न आवेगी
मरिया पर नज़र डाल के
जो बेटे साथ दुख झेलती।
जो हमारे पाप के कारण
चोट घावों से भरा होता
उसकी माँ करती दर्शन।
माँ दुलारी बेटा ताकती
जो मर जाता कष्ट से भरा
मरण तक उसके पास रहती।
प्रेम का सोता माता मेरी
दुख का साझी मुझे बना
और सिखला शोक की शक्ति।
येसु लिये ईश्वर मेरे
सब जल जावें मेरी प्रीति
और हमेशा बढ़ जावें।
हे संत माता विनती सुन ले
येउस ख्रीस्त के घाव देखने पर
दुख से मेरा दिल छिदे।
दुख और शोक का भागी होना
हे मरिया माता मेरी
तेरे संग मैं खूब चाहता।
आँसू मेरे आँसू तेरे
जब तक मैं जीता रहूँगा
सदा एक सथ वह रहे।
क्रूस के सामने एक संग रहना
एक साथ रोना प्रार्थना करना
यही है मेरी इच्छा ।
खीस्त लहू का अमृत सरोवर, बनता जीवन परम धरोहर |
आशिष का कटोरा यही है, जिसके द्वारा हम सहभागी,
सहभागी, हम सहभागी, सहभागी, हम सहभागी ।
परम उद्धार का प्याला उठाकर, नाम जपूँगा भक्ति भाव से ।
प्रभु के सारे जन के आगे, पूर्ण करुगा अपना वादा ।
शरणागत मैं सेवक प्रभु का, बंधन मेरे खोले प्रभु ने,
प्रभु की मुक्ति चमकी जग में, आशिष का मैं लूँगा प्याला ।
चारों तरफ देखो जग में है दु:ख का अंधेरा
आओ प्रभु के चरणों में वहीं है सुख का सबेरा ।
सहमी हुई ये दिशाएँ, आकाश भय से काँपता,
घोर सागर उमड़ता है जब, धीरज उनका हाँपता ।
कैसा है सृष्टि का फेरा -2
रो रही है माता मरियम, क्रूस के नीचे येसु के ,
पाप हमारे मिटाने को, कुरबान किये अपने प्राणों को,
कैसी मुहब्बत है उनकी -2
जो क्रूस पे कुर्बान है, वो मेरा मसीहा है,
हर जख्म जो उसका है, वो मेरे गुनाहों का है।
इस दुनिया में ले आये, मेरे ही गुनाह उसको,
ये जुल्म सितम उस पर, मैने ही कराया है -2
इंसान है वो काबिल, और सच्चा खुदा वो है,
वो प्यार का दरिया है, सच्चाई का रास्ता है -2
देने को मुझे जीवन, खुद मौत सही उसने,
क्या खूब है कुरबानी, कया प्यार अनोखा है -2
तेरा जो क्रूस पे लहू बहा, खोला स्वर्ग का द्वार -2
मैं तो यहाँ पर खोया हुआ था, पापो के नशे में चूर।
रिसता खून तेरे बदन का, कहता है मुझसे -2
तुझसा कोई निर्मोही कहाँ, मुझको बता दे ज़रा ।
जाते हुए ये प्राण तेरे, कहते हैं मुझसे -2
ढूँढोगे फिर भी न पाओगे, मुझको तुम सदा ।
लेते हुए तुम अंतिम सांसे, कहते हो मुझसे -2
गर पछताओगे पापों पर, आओगगे मेरे साथ ।
तेरे पाप धुल सकेंगे, आज ही मसीह के द्वारा
सिर्फ एक नज़र उठाके देख ले, लहू की धारा ...
तेरी कोशिशों के बदले, क्या बता तुझे मिला है (2)
जिंदगी खुशी से भर दे, कोई ऐसा सिलसिला है
तुझे कुछ न दे सकेगा, तेरे भाग्य का सितारा ।
प्रभु की सलीब है जो, तेरी प्यास बुझा ... सकेंगी -2
तेरे दिल की हर मुसीबत, वही तुझसे छीन लेगी
वो खुशी के साथ देगी, नया जीवन का किनारा ।
दुनिया के सारे बोझ उठाये सलीब ने
तारीकियों में नूर दिखाये सलीब ने ।
जब दुःख और गम से जिंदगी मायूस हो गई
नगमे हँसी-खुशी के सुनाये सलीब ने ।
जब तप रही थी जिन्दगी पापों की धूप में
राहत के ठण्डे चश्में बहाए सलीब ने ।
देखो अंधेरे मिट गए रोशन है रास्तें
सबसे लिए चिराग जलाए सलीब ने ।
अब आ रही है साफ नजर जिंदगी मुझे
सारे गुनाह के दाग मिटाए सलीब ने ।
न पूछी कौन है वो, जो सूली पर है टंगा
ज़रा क़रीब आकर देखो, वही अपना मसीहा ।
छाने लगता घोर अंधेरा जब जग में,
ज्योति बनके आये येसु मसीहा ।
जब कोई फँसता है पाप के भैँवर में,
ज्योति बनके आये येसु मसीहा ।
अपनी राह से जब कोई भटकता है
बनके आये चरवाहा येसु मसीहा ।
प्यारा येसु प्यारा येसु, प्यारा प्यारा प्यारा येसु -2
स्वर्ग को छोड़कर के दुनिया में आया
दुःख और तकलीफ को सबके उठाया
इस पर भी दुनिया ने उसको ना चाहा
काँटों का ताज रखकर थूका, मारा।
आज भी उस क्रूस से है एक चश्मा जारी
बचना है गर जाना है कर ले तैयारी
आकर नहा ले और हो जा तू साफ
कर जो कुछ करना है कर ले तू आज ।
येरुसलेम गाओ, प्रभु को गाओ महिमा, येरुसलेम गाओ
सारंगी की ताल में ईश्वर की महिमा
गाओ, गाओ, गाओ दाऊद पुत्र की महिमा, येरुसलेम गाओ |
वीणा के राग में, ईश्वर की महिमा, गाओ ...
तुरही के त्राह में, ईश्वर की महिमा, गाओ ...
झांझों की झंकार में ईश्वर की महिमा, गाओ ...
नगाड़ों की नाद में, ईश्वर की महिमा, गाओ ...
तालियों के ताल में, ईश्वर की महिमा, गाओ ...
तानों की तान में, ईश्वर की महिमा, गाओ ...
ईश के नाम से, धन्य जो आता, गाओ ...
प्राण दिये हम पापियों के कारण, ईसा मसीहा प्यारे मसीहा ।
पोंतुस पिलातुस के समय दु:ख उठाये,
लाखों सितम और जुल्म उठाये,
इतना जुल्म और संकट को सहके, कोड़ों से मारे गये हैं मसीहा ।
ईसा हमें नव जीवन दिलाने, सिर पर काँटों का ताज वे पहने,
हम सबको पापों से बचाने, क्रूस पर ठोके गये हैं मसीहा ।
बोझ सबके गुनाह का उठाकर वो लिये जा रहा है -2
क्या खता थी हमारे मसीह की, जालिमों ने जो उसको सजा दी
ठोंक दी उसके हाथों में कीलें, फिर भी येसु ने उनको दुआ दी ॥
ताज काँटों का सर पे पहनाया, किस बेदर्दी से उसको सताया
कैसे गिर जाता था येसु, क्योंकि खून उसका उसने बहाया ॥
सूली पर था मसीह बेसहारा, उसकी पसली में भाला मारा
बह गई लहू की धारा, है उसी में सभी का सहारा ।
मसीह तू हमको बचा ले, गुनाहों से छुड़ा ले,
टूटी हुई है ये नैया, मसीहा तू पार लगा ले।
पतवार टूट चुकी है, दूर है किनारा,
ऐसे में ऐे मसीहा, दिखता तू ही सहारा | मसीह ...
नैया फँसी है भँवर में, दिखता नहीं है किनारा
येसु है मुंजी है मेरा, मुझको है जान से प्यारा । मसीह तू _...
मिट्टी की यह काया तेरी, मिट्टी में मिल जायेगी ।
माल खजाना अरु धन सम्पत्ति, साथ नहीं कुछ जायेगी,
सुन्दर देह मनोहर यह जो, नष्ट यही हो जायेगी ।
भाई-बहिन या रिश्तेदारी, काम नहीं कुछ आयेगी,
चार दिनों की याद यहाँ की, भूल सबै फिर जायेगी ।
जैसी करनी होगी तेरी, वही काम बस आयेगी ।
येसु चरण की शरण गहो तो, मुक्ति तुम्हें मिल जायेगी ।
मिट्टी तेरी काया रे प्राणी, मिट्टी में मिल जायेगी ।
धन-सम्पत्ति अरु माल खजाना, साथ नहीं कुछ जायेगा,
सुन्दर रूप मनोहर आकृति, सबै यही गल जावेगा ।
भाई, बहन अरु कुटुम्ब कबीला, काम नहीं कुछ आवेगा,
चार दिवस के ये सब रिश्ते, भूल सभी फिर जावेगा ।
जैसी तेरी करनी जग में, वैसी ही गति पावेगा,
चरण चूम येसु स्वामी के, जो जग पार लगावेगा।
मुक्तिदाता खीस्त राजा, चतुर्दिक तव मान गूंजे ।
बालकों के मधुर कंठ से, सुयश हो, गान गूंजे ॥
आप है सम्राट इस्राएल के, और दाऊद के यशस्वी पुत्र है।
ईश के जो नाम पर आते वही, धन्य राजा आप परम पवित्र है॥
स्वर्ग की सेना प्रभो सर्वोच्च में, आपकी महिमा निरंतर गा रही |
और उनके गीत में निज स्वर मिला, चर अचर नर सृष्टि भी है गा रही ।
डालियाँ लेकर खजूरों के चले थे, यहूदी एक दिन सम्मान को ।
आज हम हैं सामने आते प्रभो, भजन-पूजा-विनय चढ़ाने आपको ॥॥
मेरे गुनाहों की सजा तुझको मिली मेरे मसीह
ऐसे प्यार को हे प्रभु भूलेगा क्या कोई कभी |
तूने बनाया बिगड़ों को, आकर उठाया गिरतों को ।
तुझको जिन्होने दुःख दिया, तूने उन्हें आशीष दी।
जब भी सलीब पे की नज़र, मुझको तू याद आ गया -2
तेरा त्याग, तेरा प्रेम, तेरा वो दुःख, तेरी बलि,
तेरा वो दुःख तेरी बलि ...
फिर क्यूँ न मैं ये ज़िन्दगी, तेरे ही हाथों में रखूँ ।
तुझ में कभी न दुःख व ग़म, तुझमें ही मेरी हर खुशी ।
मेरे मसीहा मेरे खुदा, तुम न होना मुझसे जुदा
माफ करना तू मेरे गुनाह, अब न होगी मुझसे खता।
मैं तो सदा ही से भूला तुझे, खोकर के दुनिया के पापों में -2
पर तू न भूला मुझको कभी, हरदम संभाला तूने मुझे ।
सिर पर तेरे इन काँटों का, मुकुट बन मैं बैठा हूँ -2
उस पर तूने धीरज रखा, दुनिया को प्रेम का दर्शन दिया ।
कीले बनकर इन हाथो में, मैने तुमको दर्द दिया -2
बगली में तेरे छेदा गया, बहता वहाँ से प्रेम सदा ।
मैने प्रभु और गुरु होकर भी, धोये पैर तुम्हारे
तुम्हें भी है धोना सबके, जो हैं भाई तुम्हारे ॥
भोजन से उठकर निकले नाथ, धरके पावन हाथ में पानी ।
शिष्यों के पग धोने हेतु, येसु विनीत बने हैं।
जैसे येसु पहुँचे धोने, बोले पेन्नुस शिष्य प्रधान ।
मेरे पाँव न धोना गुरुवर, क्योंकि आप हैं स्वामी ॥
क्या तुम भेद सही समझे हो, जो किया मैने साथ तुम्हारे ।
जैसे प्यार किया दिल भरके, किया करो आपस में।
येसु तुम्हें बुला रहा, एक नजर तो मोड़ लो ॥
क्यों ये गुनाह लिये चले, इनको यहीं पे छोड़ दो ॥
रुक के जरा तो सोचो तुम, मरने के बाद होगा क्या ॥
मिली तुम्हें तो ज़िन्दगी, प्रभु को उससे दोगे क्या ॥
ले लो तुम ज़िन्दगी नई , नक्शे कदम भी मोड़ लो ॥
देखो कोई सलीब से, तुमको अभी बुला रहा ॥
अपने पिता से ज़िन्दगी, नई तुम्हें दिला रहा ॥
आ जाओ तुम सलीब से , अपना भी नाता जोड़ लो ॥
येसु ने कलवारी दुःख क्यों सह लिया, मुझ पापी में क्या देखा था।
कोई खूबी नहीं, कोई खूबी नहीं, मुझमें कोई भी खूबी नहीं ।
प्रेमियों ने तो छोड़ दिया था, कोई न मेरा था तेरे ही सिवा ।
पाप में भर के जी उदास हुआ, जीना ही मेरा था मौत की तरह ।
पाँव से न मैं तेरी राह चला, हाथ से न मैने तेरी सेवा की ।
रोता है सारा जहाँ, प्यारे मसीहा कहाँ
आवाज देते तुझे, धरती गगन आसमाँ |
तूने सबके पापों के कारण क्रूस का बोझ उठाया
मुक्ति के खातिर इस दुनिया में अपना लहू भी बहाया
भूलेंगे हम न कभी, जीवन है तेरा निशान | आवाज ...
पेत्रूस को पत्थर कहकर पुकारा स्वर्ग का राज खुलवाया
और यूदस ने लालच देकर खुद हाथों पकड़ाया
अजब है लीला तेरी, कैसा तेरा इम्तहान | आवाज ...
हम जा रहे थे पापों के रस्ते बप्चिस्मा दिलवाया,
आत्मा के खातिर अपने बदन को क्रूस पर लटकाया,
इस दुनिया के लिए, दे दी है जो तूने जान । आवाज ...
सहारा मुझको चाहिए, सहारा दे मुझे खुदा
मुझे संभाल मैं गिरा, मुझे संभाल मैं गिरा।
कठिन हैं रास्ते बहुत, हर एक मोड़ पर खतरा,
अंधेरे सायों को हटा, दिखा दे मुझको अब सहर ।
जहाँ के रास्तों में मैं, अकेले चल न पाऊँगा ,
अगर जो चाहा चलना भी फिसल के गिर मैं जाऊँगा ।
ये बोझ जो गुनाहों का, मैं लेके आज चल रहा ,
उतारेगा अगर कोई, वह तू ही तो ए खुदा ।
सारे जगत से प्यार किया, क्रूस पे अपना जीवन दिया
मेरा प्रभु (3) मुक्तिदाता । सारे ...
दिल में अंधेरा रहा, तूने दी रोशनी ।
जिसने भी पाया तुझे, उसको मिली जिन्दगी
पापी जगत से प्यार किया, सारे जहाँ का उद्धार किया।
मेरा प्रभु -3 मुक्तिदाता।
धन्य है परमेश्वर, तेरा वचन धन्य है,
पाऊँ मैं आशिष तेरी, तेरी दया धन्य है
तेरी सदा मैं वन्दना करूँ, तेरी लिये मैं गाता रहूँ।
मेरा प्रभु -3 मुक्तिदाता सारे ...
ओ सोने वालों उठों, येसु करीब है
खुदा से क्यों दूर हो वो मन के करीब है,
सबको शिक्षा देता है, आत्मा का दान वो देता है।
मेरा प्रभु सारे (3) मुक्तिदाता। सारे ...
हे क्रूसधारी भगवान, आये शरण तिहारी
भव सिन्धु में है नैया, रक्षा करो हमारी ।
हम दीन-हीन होकर, आफत में फँस रहे हैं,
प्रभु येसु खीस्त आकर, रख लाज अब हमारी ।
तू क्रूस पर टंगा था, निज भक्त के लिये ही,
जल्दी से आओ भगवान, अब है हमारी बारी।
कर जोड़कर विनय है, तेरे चरण में स्वामी,
अब देर तो करो मत, झट लो हमें उबारी ॥
हे मेरे ईश्वर मेरे पिता, मुझको क्यों तूने छोड़ा
भेजा मुझे तूने संसार में, तेरी ही इच्छा पूरी करने
सम्पूर्ण जीवन सबको दिलाया, सम्पन्न बनाया सारा संसार |
काँटों का ताज मुझको मिला, कष्टों में डूबी मेरी आत्मा
संघर्ष ये कैसा दुःख क्यों मिला, कोई न समझा मेरी पीड़ा ।
सबके गुनाहों के कारण पिता, सूली का दामन मुझको मिला
दुष्कर्मियों को कर दे क्षमा, नहीं जानते वो क्यों किया ।
हे मेरे लोगों क्या मैने तुम्हें दु:स्वित बनाया,
या कष्ट दिया ? उत्तर मुझे तो देना ।
मैने तुम्हारे हेतु मिश्र देश के पहलौठों को मारा,
और तुमने क्या किया ?
मुझे मार-मार कर मौत के मुँह में सौंपा ।
मैने तुम्हारे सामने समुद्र को खोला,
और तुमने क्या किया ?
एक भाले से मेरी छाती को छेदा ।
मैने तुमको बादल में, आगे चलकर
रास्ता बतलाया, और तुमने मुझे
पिलातुस की अदालत में रखवाया |
मैने तुम्हें मरुभूमि में मन्ना खिलाया
और तुमने मुझे कोड़ों से मरवांया।
मैने चट्टान में तुम्हारे अनुग्रह हेतु पानी निकाला
और तुमने मुझे पित्त और सिरका पिलाया।
मैने तुम्हें सिरताज जातियों का बनाया
और तुमने मेरे सिर पर काँटों का ताज जमाया
मैने तुम्हारे हेतु, कनान के राजाओं को मारा
और तुमने क्या किया ? बाँस मेरे सिर पर मारा ।
मैने तुम्हारा आदर, बहुत ही बढ़ाया
और तुमने मुझे अपमानी क्रूस पर चढ़ाया ।
हे मेरे लोगों, मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा ?
बताओ, मैने किस बात में तुमको दुःख पहुँचाया ?
मैं तुझे मिश्र से निकाल लाया था, और तूने क्या किया ?
तूने अपने मुक्तिदाता के लिए क्रूस तैयार किया।
हे पवित्र प्रभु शक्तिमान प्रभु, हे अविनाशी दया करो,
दया करो, दया करो ।
मैं चालीस वर्षों में तुझे मर्भूमि के पार लाया
राह में तुझे मन्ना खिलाया और उपजाऊ भूमि में तुझे बसाया ।
इसीलिये क्या तूने अपने मुक्तिदाता के लिए क्रूस तैयार किया ।
क्या करना था जो मैने तेरे लिए नहीं किया।
मैने तुझे सुन्दर दाखबारी का रूप दिया।
पर तूने मुझे अति कड़वा फल खिलाया।
जब मैं प्यासा था, तूने मुझे सिरका पिलाया
और अपने मुक्तिदाता के बगल को भाले से छेद दिया।
हे येसु प्रेमी त्राणकर्ता, हे ईश्वर का मेमना
किसने खूब पूजमान दिल तेरा, दुःख सागर में डाला ?
मेरे पाप से हे त्राणकर्ता, तेरा यह हाल हुआ,
पछतावा मैं दिल से करता, कीजिये मेरी क्षमा ।
किसने कोड़ों से देह तेरी, निर्दयता से मारा ?
किसने वह मुकुट कंटीला, तेरे सिर पर रखा ? मेरे पाप ...
किसने तुझे थप्पड़ मारा, और तुझ पर भी थूका ?
किसने तुझसे करके ठड्ठा, तेरी की निंदा ? मेरे पाप ...