जय जयकार, जय जयकार, जय जय जय प्रभु येसु महान,
हर्ष मनाओ हे धरती खुशी मनाओ हे इंसान - 2
कब्र खुली है प्रभु आया है, नव जीवन अब हुआ साकार
मन मंदिर को सजालें, हम येसु को स्वीकारें हम - 2
जीवन अनन्त की है वह राह मुक्ति का है वह आधार ।
वह संदेश सुनायें हम, प्रेम प्रभु का बताये हम - 2
आज तुम्हें वह बुला रहा, सुन लो उसकी मधुर पुकार ।
जय जय धूम मचा नभ में जय घोष भरा,
उमड़ पड़ी है नव जनता इस्राएल नव जनता |
मित्र से है निकले मुश्किलें हैं सब झेले ।
प्रभु ने राह बताया फिर बादल ही छाया ।
जय जय हो प्रभु जय जय हो -2
जय जय हो (2) हो प्रभु जय जय हो ।
अनगिनत थी विपदा उस मिस्र में थी विपदा
दर्दे कल के सब भूले अब है खुशियाली ।
हट गया वह सागर, बन राह सम बराबर।
पार चले हैं सारे जन सूखे कदमों पर ॥
फरवों डूब मरा, रथ गण भी टूट गिरा,
सैनिक सारे फिसल गिरे, सब तो डूब मरे ।
हमें बसायेगा प्रभु निवास दिलायेगा।
प्रभु शासक स्वयं बनके राज्य बनायेगा।
जी उठा, जी उठा, जी उठा
प्यारा येसु मसीह जी उठा, अल्लेलूया ... ... ... |
ये ज़मीन भी आज हँस रही है, आसमान भी आज गा रहा है,
ये हवाएं और फिज़ायें, हैं मगन गगन में चाँद और सितारे ।
कब्र के ये तोड़ बंधन, मौत पर हुआ है वो फतेह बंद,
धन्य है हमारा खुदाबंद, कर दो आप अपनी ये आवाज बुलन्द।
आओ, हम कदम मिलाके, आज से बढ़ेंगे और आगे,
उसका नाम हम इस जहाँ में, आन बान और शान से सुनायें ।
जी उठा, जी उठा, जी उठा
येसु खीस्त कब्र में से जी उठा।
त्राणकर्ता जी उठा, मुक्तिदाता जी उठा जगत विधाता जी उठा।
प्राण तज के येसु ने, मौत को भी जीत लिया
बेड़ियाँ पापों की तोड़, शैतां को भी जीत लिया,
पाप जाल तोड़ दिया, मुक्ति मार्ग खोल दिया -2
शान से वह जी उठा।
आओ दुनिया वालों सारे, शरण अमल येसु आओ,
आओ भक्तों, प्रार्थयों, चरण, कमल येसु आओ
येसु पुनर्जीवित हुआ, येसु फिर से जी उठा-2 येसु राजा जी उठा।
खुल गया मुक्ति-मार्ग, खुल गया है स्वर्ग-द्वार
दूतों का दल झूम उठा, स्तुति-गान गूँज उठा,
पाप-जाल तोड़ दिया, मुक्तिमार्ग खोल दिया-2 शान से वह जी उठा।
जीवन्त येसु जय हो देने कृपा सनातन |
राही चला है आगे रास्ता दिखाके पावन ॥
तारण करके सब का प्रेमी प्रभु हमारा।
आया मरण विजेता हम सब का परम भरोसा ॥
येसु है पुनःरुत्थान नित्य नितान्त जीवन ।
उजले प्रकाश महिमा अब तेज भरा है पावन ॥
वेदी का यह भोजन प्रीति जगाने पावन ।
देह लहू है साधन बने दिव्य स्नेह संजीवन ॥
जैसे तरसा करती प्यासी जलधारा को हिरणी |
वैसे तुमको पाने को प्रभु आत्मा तरस रही ॥
जाता मैं था कैसे मन्दिर कितने प्यारे संग में ।
होता था खुशियों से पागल दिल था कितना कोमल ॥
अब तो आँसू बनके भोजन रोया करता रात दिन ।
आस लगी है प्रभु को पाने उसका दर्शन पाने ॥
देखो देखो कोई आ रहा है, कैसा जलवा मसीह आ रहा है,
आँखें अपनी उठाकर के देखो, कैसी शान से मसीह आ रहा है।
वह थी कैसी सवारी है देखो, आसमान की बेदारी तो देखो,
बाजे बजते हैं दूत गाते हैं, क्योंकि दुल्हा चला आ रहा है।
अब नहीं है वह काँटों का सेहरा, वह तो पहिने हैं दुल्हा का सेहरा,
जिन्दगी जेवतन कैसी प्यारी दुल्हन, जिसको लेने दुल्हा आ रहा है।
नया नया गीत गाओ, नूतन-सा वाद्य बताओ
खुशी मनाओ नाचो गाओ, धन्य कहो प्रभु को ॥
प्रभु मुख से निकली वाणी, हुई विश्व की रचना।
स्वयं प्रभु आदेश सुनाया पूर्ण हुई संरचना ॥
शब्द मात्र से नील गगन भी उसने रच डाला विशाल |
प्रभु ने वाणी से रच दी अवनी, अम्बर और खगोल ॥
पूरा कर लेता अविकल नियत योजनाएँ सकल |
जैसे घेर दिया जो थल बान्धा उसने सागर जल ॥
मृत्यु के बंधन तोड़कर
प्रभु जी उठे हैं
नवजीवन पाकर पिता से
प्रभु जी उठे हैं
आल्लेलूया आल्लेलूया
आनंद मनाओ प्रभु ने हर लिये पाप हमारे
क्रूस की पीड़ा उसने उठायी
जन जन के खातिर प्रभु प्यारे
विजयी हुए वो नवजीवन पाकर |
खुशी मनाओ प्रभु ने दिया शांति अभिवादन
पावन किया हमें पवित्र आत्मा से
बस गये तन मन में प्रभु पावन
धन्य हुए हम नवजीवन पाकर ।
सरल है प्रभु का आदेश, पूर्ण है उसका उपदेश
विधि उसकी भरती मन में, पावन करती अन्तर को ॥
प्रभु का न्याय है निर्दोष, आत्मा को देता संतोष,
प्रभु के निर्णय विश्वसनीय मूढ़ को करे जग नमनीन ॥
प्रभु की आज्ञाएँ मननीय निर्मल आँखों का उजियारा ।
शाश्वत पावन प्रभु से भय शुद्ध सत्य प्रभु के निर्णय ।
स्वर्ण तुल्य वे प्रिय सब काल रतनों का भंडार विशाल ।
मधु से मीठे वे लगते अमरत की लगते हैं धार ॥
हल्लेलु, हल्लेलुया ... 4
इस मंदिर में जय प्रभु की हो प्रभु की हो ।
नित गूंजन महिमा प्रभु की हो प्रभु की हो ॥
अब धन्यवाद करो प्रभु का धन्यवाद करो
भला भगवन है वो दया वारिधि भी है।
सब जातियों, सब साथियों, सब राष्ट्रप्रजाओं
हर देश में हर बेष में, प्रभु का गुण गाओ |
उसका सामर्थ्य प्रेम हैं हम पर समर्थ है
सत्य प्रतिज्ञता उसकी शाश्वत भी है
सब जातियों, सब साथियों, सब राष्ट्र प्रजाओं,
हर देश में, हर वेष में प्रभु का गुण गाओ ॥
हे प्रभु अपना प्रेम दिलासा सारे दिलों में तू बरसा ।
है अधिनायक येसु कृपालो पापों के हम को हर लो ॥
मुखरित वरदान अपनी वाणी जीवन पथ में चयुति बिखरी ।
उन्नत ऐसा निरूपम पावन उपदेशों का शुचि बोधन ॥ आ ...
संकट पीड़ा सहने कारण क्रूस की आहूति के कारण ।
अपने पितु के हाथों सौंपा दु:ख से भरी अपनी आत्मा ॥
मरकर जीने महिमा पाने जी उठने का फल देने |
कब्र को खाली कर मृत्युन्जय विजय मनाये, प्रभु की जय ॥ आ ...