आदि अनादि वचन, स्वर्गवासी वचन, वंदना करते हैं हम -
ईश्वर निर्गम वचन, स्वर्ग से आया वचन, वंदना ... -2
सृजनकारी वचन, जीवनदायी वचन, वंदना ...-2
ज्योतिरूपी वचन, मुक्तिदायी वचन, वंदना ... -2
शरीरधारी वचन, धरानिवासी वचन, वंदना ... -2
आदि में शब्द था, शब्द अनादि था,
ईश्वर के साथ था, स्वयं वह ईश्वर था।
सकल सृष्टि का सृजनहार वही, उसके बिना कुछ भी उत्पन्न नहीं ,
उसमें जीवन था जीवन ज्योति था।
अपने जनों के पास वह आया, अपने जनों ने उसे न अपनाया,
उसमें जीवन था, जीवन ज्योति था।
आदि में था, आदि में था -2 वचन अनादि विद्यमान -2
वचन अनादि था स्वयं वह ईश्वर था,
वह अनादि से जग की ज्योति था,
जगमग पावन ईश सुहावन धन्य है वह नाथ, धन्य है ...-2
शब्द देह बना मरियम से जन्मा
सिरजनहार वह तारणहार बना
विश्व विधाता जग के त्राता वह मेरे स्वामी, वह मेरे ... -
मधुर पावन वचन तेरा, राह में दीपक मेरा ।
ले चल प्रभु मुझे सत्य की ओर, असत्य से सत्य की ओर ।
ले चल प्रभु मुझे ज्योति की ओर, अंधेरे से ज्योति की ओर ।
ले चल प्रभु मुझे जीवन की ओर, मृत्यु से जीवन की ओर।
वचन तुम्हारे ले जायें हमको, तुम्हारे सुखराज में,
बुझायें तृष्णा, जगाये खुशियाँ, हमारे जीवन में ।
तुम्हारी शोभा बड़ी निराली, न कर सके वर्णन,
तुम्हारे यश की विशाल गाथा, सुनाये हर जन जन ।
ये पेड़ पौधे, ये फूल कलियाँ, करें तुम्हें वंदन
ये चाँद तारे, ये जीव सारे, करें तुम्हें सुमिर्न ।
दया तुम्हारी हर एक जन पे, रहे सदा दाता
तुम्हारे जैसा दयालु कोई, नज़र नहीं आता।
वचन तेरा है प्रभु, जीवन की ज्योति है,
वचन तेरा है गुरु, अनन्त जीवन है।
दिव्य वचन तेरा, भक्ति से सुन लूँगा,
मधुर वचन तेरा, दिल से मैं मानूँगा ।
भूख मिटाता है अमर वचन तेरा,
प्यास बुझाता है मीठा वचन तेरा ।
वचन तेरा है प्रभु, पावन करे मेरा मन,
प्रेम मेरे दिल में जगाए, करे मुझे पावन,
देवी वचन तेरा, मीठा वचन तेरा,
आत्मा की मेरी प्यास बुझाये, मधुर वचन तेरा । - 2
वचन तेरा प्रभु, अमर करे जीवन,
राह मेरी ज्योत से सजाए, बरसाए प्रेम वरदान
देवी वचन ...