(सन्त जॉन बोस्को पेरिश, ऊदलाबारी)
16 दिसंबर से 24 दिसंबर
(क) को :- आने वाले प्रभु राजा की, आराधना हम करें।
१. सियोन की बेटियाँ रीझ करो, क्योंकि प्रभु आता है और जय दृजयकार करो, क्योंकि प्रभु आता है और महान ज्योति उस दिन में उत्पन्न होगी और पहाड़ियां मधुरता बरसावेगी, दूध और मधु पहाड़ से फुट निकलेगी। क्योंकि बड़े नबी आते है। और वही येरूसलेम का मन फिराएगा।
२. प्रभु आते हैं आप देखेंगे राजा के वस से मनुष्य, जो दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा, और उसको देखकर आपका दिल आननद से भर जाएगा।
३. संभालने वाले प्रभु आते हैं। हम लोगों का रक्षक और इस्राएल का पवित्र, शासन का मुकुट सिर पर रखेगा, और अधिकार उसको दिया जाएगा, और एक सागर से दूसरे सागर तक, उसके राज्य का अंत कभी नहीं होगा।
४. प्रभु सभी को दर्शन देगा, वह कभी धोखा नहीं देगा, यदि देर से भी आता है उसको अपेक्षा करते रहो, क्योंकि वह जरूर आयेगा और बिलंभ नहीं करेगा।
५. भूमि पर जैसे पर्वत प्रभु आयेगा, क्योंकि उन दिनों में उसकी न्याय प्रकाशित होगी , और पृथ्वी के सब राजा उसको दंडवत करेंगे , और सब जातियाँ उसकी सेवा करेगी।
६ हमारे लिए प्रभु बालक जन्मेगा, उस सन्तान का ईश्वर नाम रखा जाएगा, अपने पिता दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा, और समर्पण न्याय से शासन करेगा।
७ ओ बेतलेहेम सर्बोतम प्रभु के सागर, तुझसे इस्राएल का शासन करता पैदा होगा, उसके जन्म से नये युग का आरंभ होगा, और संसार में श्रेष्ठा माना जाएगा जब तक पृथ्वी पर शांति रहेगी, तब तक वही न्याय के लिए फिर आयेगा।
(ख)- अभी दिन के अनुसार मोमबत्ती को जलायेंगे (पहला दिन 1, दूसरा दिन दो .... 3,4,5,6,7,8,9)
(ग) १. प्रसन्न हो जाओ, स्वर्ग; पृथ्वी आनन्द मनाते, पहाडियाँ तुम खुशी के गीत गाओ।
२. आनन्द के गीत गूँजे पर्वतों पर, निंदा के गीत पहाड़ियों पर।
३. क्योंकि हमारे प्रभुवर अभी आ जायेंगे , अपने दीन- दु:खी प्रजा की सुधी लेंगे।
४. आकाश मण्डल ऊपर से बृष्टि करे ,पृथ्वी खुल जाए और मुक्ति दाता का प्रस्थान होवे।
५. याद हमारी कृपया प्रभु जी करें, और अपनी मुक्ति ले, हमारे बीच आ जाइये।
६. अपनी दया प्रभु जी हमें दिखा दे, और अपनी मुक्ति हमें दीजिये ।
७. जगत के चट्टान से सियोन कृपाहरी को भेज दे प्रभु जी, पृथ्वी पर राज्य करने वाले, मेमने को ।
८. आइये प्रभु जी परमदयालु ईश्वर हमारे, अपना मुख दर्शन दे और मिल जाएगी रक्षा हमको।
९. आइये प्रभु जी शांति हम से मिलने ,अपने संग हमें पूरे दिल से आनन्द मनाने ।
१०. जानने दे प्रभु जी हमें पृथ्वी पर आपका रास्ता , सब जतियों में आपकी मुक्ति।
११. आइये प्रभु जी दिखाइये अपनी शक्ति, दे दीजिये आपकी मुक्ति ।
१२. आइये प्रभु जी देर न कीजिए , अपनी प्रजा की सब संकट दूर कीजिए ।
१३. आसमान को फाड़कर उतर आइये अभी प्रभु जी, अपने मार्ग से सब पहाड़ियाँ दूर होवे।
१४. आइये प्रभु जी दर्शन दे दो हमें , आप जो हमारे बीच सिंहासन पर बिराजते हैं।
१५. पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की बड़ाई होवे, जैसे वह आदि में थी अब है और अनन्त काल तक सदा रहेगी । आमेंन ।
(ड) बाइबिल पाठ : पहला पाठ :- १६ दिसम्बर:- ई. 35: 1-4। १६ दिसम्बर:- ई. 40:3-5। १६ दिसम्बर:- ई 9:1-6। १७ दिसम्बर:- ई. 11: 1-6,9। २०. दिसम्बर:- ई. 61:1-4। २१. दिसम्बर:- ई. 60:1-5। २२. दिसम्बर:- ई 2:2-3। २३. दिसम्बर:- ई. 40:9-11। २४. दिसम्बर:- ई.7:13-14।
(च) १. आकाश मण्डल एक वाणी गुप्त शब्द सुनाने को आयी, तुरंत स्वपन भाग जाता है, ऊपर में येसु दिख जाता है।
२. वह है मेमना जो हमारे पापों का दण्ड चूकाता है, सब कोई असहाय दिल दिखलाये कि उसकी दया प्राप्त करे।
३. आकाश मण्डल के सृजनहार कमजोर शरीर वहनकर आये , कि जिसको सृजन किया था उसको विनय से बसाले ।
४. निर्मल कुवांरी एक जन थी जिस पर विशेष कृपा उतरी, उसका मन रीझ करने लगा जब पवित्र आत्मा नीचे बैठा ।
५. तुरन्त मूल्यवान मंदिर बन जाती है येसु की माँ , निर्मल कुवांरी रहकर निष्कालंक हुई नमूना।
६. पिता और पुत्र की बड़ाई महिमा स्तुति हम करें, और पवित्र आत्मा के साथ युगान ुयुग जय- जय होवे । आमेंन।
(छ) बाइबिल पाठ : सुसमाचार :- १६ दिसम्बर:- लूकस 2:1-14 । १७: दिसम्बर:- लूकस 3:1-9। १८ दिसम्बर:- मत्ती 5:17-20। १९ दिसम्बर:- मत्ती 11:2-5। २०. दिसम्बर:- लुकस 4:16-22। २१. दिसम्बर:- लूकस 2:8-14। २२. दिसम्बर:- मारकुस 8:17-25। २३. दिसम्बर:- योहन 10:14-16। २४. दिसम्बर:- लूकस 1:26-33।
मग्निफिकेत अंटीफोन :-
१६ दिसंबर : देखो सृष्टि करता प्रभु राजा आ रहे हैं और वह हमें पाप बंधन से मुक्ति दिलाएँगे।
१७ दिसंबर : ओ प्रजा जो प्रभु के मुख से निरन्तर प्रवाहित होती है हमें विवेक से प्रकाशित कीजिए।
१८ दिसंबर : ओ अड़ोनाई ईस ्राएल घराने का मार्ग दर्शक तूने मूसा को सिनाई की जलती झड़ी में दर्शन दिये, और उन्हें नियम दिये, आइये और हमें बचाइए।
१९ दिसंबर : ओ येसे के वंसवाली सब राष्ट्रों का ध्वज आप के सामने सब राजाएँ मौन धारण करेंगे। हम लोगों को भक्ति प्रदान करने के लिए जल्दी आइये ।
२० दिसंबर : ओ दाऊद घराने की कुंजी और इस्राएल का राजदंड ,जिसे वह खोलता है ,उसे कोई बन्द नहीं कर सकता, और जिसे वह बन्द करता है,उसे कोई खोल नहीं सकता , प्रभु हमें बचाने आइये जो अंधकार और मृत्यु के कैद में हैं।
२१दिसंबर : ओ सुबह का तारा जो आलोकित होता है, और प्रज्वलित न्याय का सूर्य, प्रभु हमें बचाने आइये जो अंधकार और मृत्यु में खो गये हैं।
२२ दिसंबर : ओ सब जातियों के राजा जिनके आगमन का सभी इंतजार करते हैं, हम सबको पाप से बचाने आइये जिनको तूने मिट्टी से रचा था।
२३ दिसंबर : ओ एम्मानुएल, और हमारा राजा और विधायक जिनके लिए सभी राष्ट्र प्रतीक्षा करते थे , तू ही सभों का मुक्ति, हम सभों को बचाने आइये क्योंकि तू ही है हमारा प्रभु और ईश्वर।
२४ दिसंबर : जब स्वर्ग से पहली किरण प्रकाशित होगी तब दर्शन करेंगे राजाओं के राजा को जो स्वर्ग से पिता ईश्वर के सिंहासन से उतरते हुये आ रहे हैं।
(झ) मग्निफिकत या माता मरियम का गाना
मेरी आत्मा गाती महिमा, गाती है महिमा , गाती है प्रभु की महिमा ....
१. मेरी आत्मा प्रभु का, गुण गण करती है , मेरा मन अपने मुक्ति दाता , ईश्वर में उल्लासित है।
२. क्योंकि उसने दासी की, दीनता पर दृष्टि की है। देखिये अब से सब पीड़ियाँ , मुझे धन्य कहेगी।
३. क्योंकि शक्तिशाली ने , मे लिए महान कार्य किये हैं, और पवित्र है उसका नाम।
४. पीढ़ि दर पीढ़ि उसके आर्च। भक्तों प्यार उसकी दया बनी रहती है। उसने अपने बाहुबल का , प्रदर्शन किये हैं।
५. धनियों को उसने मन के अंधकार द्वारा ही, तितर दृ बितर , कर किये हैं।
६. उसने शक्तियों को,सिंहासन से उतारा है, और दीनों को महान बनाया है।
७ उसने दरिद्रों को संम्पन्न किये हैं। और धनवानों को खाली हाथ लौटा दिया है।
८ उसने अपनी दया का स्मरण कर, अपने सेवक इस्राएल को, संभाला है।
९ जैसे उसने युग दृयुग में, इब्राहिम तथा उसकी सन्तान , हमारे पूर्वजों से प्रतिज्ञा की थी।
१०. पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की बड़ाई होवे, जैसे वह आदि में थी, अब है और अनंतकाल तक सदा रहेगी । आमेन।
(न) निवेदन की प्रार्थनाएं बोल सकते हैं ..........(निवेदन के अंत में हे पिता हमारे प्रार्थना)।
प्रार्थना :- पुरोहित : प्रभु आप लोगों के साथ हो।
सब : और आप की आत्मा के साथ।
पुरोहित : हम प्रार्थना करें। हे प्रभु हम तुझसे निवेदन करते हैं ,कि ,शीघ्र ही आइये और हमें यह कृपा दे की हम सब जो तेरे पुत्र के पुनित जन्मौत्सव की प्रीतक्षा कर रहे हैं, उनके आगमन में खुशी मनाये , जो ईश्वर होकर पिता और पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीता और राज्य करता है।
सब : आमेन ।