(THE BLESSING OF THE GRAVES)
1. Greeting
अनुष्ठाता:- पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर।
सब:- आमेन।
अनुष्ठाता:- प्रभु की शांति आप सब के साथ रहे।
सब:- और आपके साथ भी।
2. Scripture Readingअनुष्ठाता:- सन्त योहन के अनुसार सुसमाचार (3:14-16)
जिस तरह मूसा ने मरुभूमि में साँप को ऊपर उठाया था, उसी तरह मानव पुत्र को भी ऊपर उठाया जाना है, जिससे जो उस में विश्वास करता है, वह अनन्त जीवन प्राप्त करे। ईश्वर ने संसार को इतना प्यार किया कि उसने उसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो उस में विश्वास करता है, उसका सर्वनाश न हो, बल्कि अनन्त जीवन प्राप्त करे।
यह प्रभु का सुसमाचार है।
सब:- ख्रीस्त की जय।
अनुष्ठाता:- हे प्रभु ख्रीस्त, तूने कहा है, ”मैं ही जीवन और पुनरुत्थान हूँ। जो मुझमें जीता है वह कभी नहीं मरेगा“। तेरे दर्शन की प्रतीक्षा करते मृत भाई-बहनों ने तेरे इन वचनों पर विश्वास किया। आज वे तुझे देखने को तरस रहे हैं। कृपया तू उनकी सुधि ले और उन्हें अपने पिता के राज्य में ले चल।
हे मानव के सृष्टिकर्ता प्रभु ईश्वर, हमारी दीन प्रार्थना सुन। निस्सहाय आत्माओं को शुध्द कर और अपने स्वर्गधाम में उठा ले। उन्हें दूतों और संतों की संगति में सम्मिलित कर ताकि अनंतकाल तक तेरी महिमा गाते रहें। हम यह प्रार्थना तुझे चढ़ाते हैं तेरे पुत्र येसु ख्रीस्त के द्वारा।
सब:- आमेन।
The minister sprinkles the faithful and the graves with holy water.
4. He then imparts the customary blessing.
अनुष्ठाता:- सर्वशक्तिमान ईश्वर, पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा का आशीर्वाद आप लोगों पर उतरे और सदा बना रहे।
सब:- आमेन।