मेरे प्रभु पाप के गर्त से
तेरी दुहाई मैं दे रहा हूँ।
हे प्रभु याचना मेरी ये सुन
तू मेरी प्रार्थना स्वीकार ले।
पापों को तू यदि याद रखे
कौन मुक्ति पायेगा इस धरा पर।
पापों को हरने वाले गुरुवर
वंदना करता हूँ तेरी सदा।
आशा से आये सब मृतजन को
शाश्वत विश्रांति दे दे प्रभु।
नित्य विनाश के दंड से नाथ
सारे मृतकों को तू बचा ले।
दिव्य प्रकाश के आगमन की
आशा में हैं सारी आत्माएं।
जैसे प्रभात की राह देखकर
प्रहरी जागते रहते हर पल।
प्यासी हैं आत्माएं प्यारे प्रभु
तेरे लिए, बस तेरे लिए।
इस्राएल का मुक्तिदाता है तू
बरसा दे तेरी दया इन पर।
अगुआ: पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर।
सब: आमेन।
अगुआ: हमारे मृत्युंजय प्रभु येसु ख्रीस्त की कृपा, जीवन-स्रोत पिता ईश्वर का प्रेम तथा जीवनदाता पवित्र आत्मा का साहचर्य आप सबों को प्राप्त हो।
सब: और आप को भी।
अगुआ: प्रिय भाइयो और बहनो, हमारे भाई (बहन) .................. को ईश्वर ने अपने यहाँ बुला लिया है। ईश्वर करुणामय और दयावान हैं। हम दीनतापूर्वक उनसे निवेदन करें कि वे हमारे भाई (हमारी बहन) ........... के गुनाहों को क्षमा कर उन्हें अनन्त जीवन में प्रवेश पाने दे।
अगुआ: हे प्रभु! तू पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारा आश्रय बना रहा।
सब: पर्वतों की सृष्टि से पहले से,
पृथ्वी तथा संसार की उत्पत्ति के पहले से
तू ही अनादि-अनन्त ईश्वर है।
अगुआ:तू मनुष्य को फिर मिट्टी में मिलाते हुए कहता हैः
”आदम की सन्तान! लौट जा“।
सब: एक हजार वर्ष भी तुझे बीते कल की तरह लगते हैं;
वे तेरी गिनती में रात के पहर के सदृश हैं।
अगुआ:तू मनुष्यों को इस तरह उठा ले जाता है,
जिस तरह सबेरा होने पर स्वप्न मिट जाता है,
सब: जिस तरह घास प्रातःकाल उग कर लहलहाती है
और सन्ध्या तक मुरझा कर सूख जाती है।
अगुआ:हम तेरे कोप से भस्म हो गये हैं;
तेरे क्रोध से आतंकित हैं।
सब: तूने हमारे दोषों को अपने सामने रखा,
हमारे गुप्त पापों को अपने मुखमण्डल के प्रकाश में।
अगुआ:तेरे क्रोध के कारण हमारे दिन मिटते हैं,
हमारे वर्ष आह भरते बीतते हैं।
सब: हमारी आयु की अवधि सत्तर बरस है,
स्वास्थ्य अच्छा है, तो अस्सी बरस।
अगुआ:हम अपनी अधिकांश आयु
कष्ट और दुःख मे बिताते हैं।
सब: हमारे दिन शीघ्र ही बीतते हैं
और हम चले जाते हैं।
अगुआ:तेरे क्रोध का बल कौन जानता है?
तेरे क्रोध की थाह कौन ले सकता है?
सब: हमें जीवन की क्षणभंगुरता सिखा,
जिससे हम में सद्बुद्धि आये।
अगुआ:पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
सब: जैसे वह आदि में थी, अब है
और अनन्त काल तक सदा रहेगी। आमेन।
अगुआ: हे प्रभु हमारा यह भाई (हमारी यह बहन) अपने जीवन की दौड़ पूरी कर तेरे पास आया (आयी) है। इन्होंने कलीसिया के संस्कारों को ग्रहण कर तुझ पर अपनी आशा रखी थी। इन्हें तू अपने संतों और दूतों की संगति में समुचित आनन्द प्रदान कर। हमारे प्रभु ख्रीस्त के द्वारा।
सब: आमेन।
< (कोई एक पाठ पढ़ें। कोष्ठक में दिये गये भागों को छोड़ा जा सकता है)
सुसमाचार: योहन 11:17-45
अगुआ: संत योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार।
{ बेथानिया पहुँचने पर ईसा को पता चला कि लाजरुस चार दिनों से कब्र में है। बेथानिया येरूसालेम से दो मील से भी कम दूर था, इसलिये भाई की मृत्यु पर संवेदना प्रकट करने के लिये बहुत से यहूदी मरथा और मरियम से मिलने आये थे। ज्यों ही मरथा ने यह सुना कि ईसा आ रहे हैं, वह उन से मिलने गयी। मरियम घर में ही बैठी रहीं। मरथा ने ईसा से कहा, ”प्रभु! यदि आप यहाँ होते, तो मेरा भाई नही मरता और मैं जानती हूँ कि आप अब भी ईश्वर से जो माँगेंगे, ईश्वर आप को वही प्रदान करेगा।“ ईसा ने उसी से कहा ”तुम्हारा भाई जी उठेगा“। मरथा ने उत्तर दिया, ”मैं जानती हूँ कि वह अंतिम दिन के पुनरुत्थान के समय जी उठेगा“। ईसा ने कहा, ”पुनरुत्थान और जीवन में हूँ। जो मुझ में विश्वास करता है वह मरने पर भी जीवित रहेगा और जो मुझ में विश्वास करते हुये जीता है वह कभी नहीं मरेगा। क्या तुम इस बात पर विश्वास करती हो?“ उसने उत्तर दिया, ”हाँ प्रभु! मैं दृढ़ विश्वास करती हूँ कि आप वह मसीह, ईश्वर के पुत्र हैं, जो संसार में आने वाले थे।“ वह यह कह कर चली गयी और अपनी बहन मरियम को बुला कर उसने चुपके से उस से कहा, ”गुरुवर आ गये हैं, तुम को बुला रहे हैं।“ यह सुनते ही वह उठ खडी हुई और ईसा से मिलने गयी। ईसा अब तक गाँव नहीं पहुँचे थे। वह उसी स्थान पर थे, जहाँ मरथा उन से मिली थी। जो यहूदी लोग संवेदना प्रकट करने के लिये मरियम के साथ घर में थे, वे यह देख कर कि वह अचानक उठकर बाहर चली गयी उसके पीछे हो लिये क्योंकि वे समझते थे कि वह कब्र पर रोने जा रही है।} मरियम उस जगह पहूँची, जहाँ ईसा थे। उन्हें देखते ही वह उनके चरणेां पर गिर पडी और बोली, ”प्रभु! यदि आप यहाँ होते, तो मेरा भाई नहीं मरता।“ ईसा उसे और उसके साथ आये हुये यहूदियों को रोते देखकर, बहुत व्याकुल हो उठे और आह भर कर बोले, ”तुम लोगों ने उसे कहाँ रखा हैं?“ उन्होनें कहा, ”प्रभु! आइये और देखिये।“ ईसा रो पडे। इस पर यहूदियों ने कहा, ”देखो! वे उसे कितना प्यार करते थे“; किन्तु कुछ लोगों ने कहा, ”इन्होंने तो अन्धे को आँखें दी। क्या वे उस को मृत्यु से नही बचा सकते थे?“ कब्र के पास पहुँचने पर ईसा फिर बहुत व्याकुल हो उठे। वह कब्र एक गुफा थी जिसके मुँह पर एक बडा पत्थर रखा हुआ था। ईसा ने कहा, ”पत्थर हटा दो“। मृतक की बहन मरथा ने उन से कहा, ”प्रभु! अब तो दुर्गन्ध आती होगी। आज चैथा दिन है।“ ईसा ने उसे उत्तर दिया, ”क्या मैंने तुम से यह नहीं कहा कि यदि तुम विश्वास करोगी तो ईश्वर की महिमा देखोगी?“ इस पर लोगों ने पत्थर हटा दिया। ईसा ने आँखें उपर उठाकर कहा, ”पिता! मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ; तूने मेरी सुन ली है। मैं जानता था कि तू सदा मेरी सुनता है। मैंने आसपास खडे लोगो के कारण ही ऐसा कहा, जिससे वे विश्वास करें कि तूने मुझे भेजा है।“ इतना कहने के बाद ईसा ने ऊँचें स्वर से पुकारा, ”लाजरुस! बाहर निकल आओ!“ मृतक बाहर निकला। उसके हाथ और पैर पट्टियों से बँधे हुये थे और उसके मुख पर अँगोछा लपेटा हुआ था। ईसा ने लोगो से कहा, ”इसके बन्धन खोल दो और चलने-फिरने दो“। जो यहूदी मरियम से मिलने आये थे और जिन्होंने ईसा का यह चमत्कार देखा, उन में से बहुतों ने उन में विश्वास किया।
-यह प्रभु का सुसमाचार है।
सब: ख्रीस्त की जय।
<अगुआ: संत लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार।
इसके बाद ईसा नाईन नगर गये। उनके साथ उनके शिष्य और एक विशाल जनसमूह भी चल रहा था। जब वे नगर के फाटक के निकट पहुँचे, तो लोग एक मुर्दे को बाहर ले जा रहे थे। वह अपनी माँ का इकलौता बेटा था और वह विधवा थी। नगर के बहुत-से लोग उसके साथ थे। माँ को देख कर प्रभु को उस पर तरस हो आया और उन्होंने उस से कहा, ”मत रोओ“, और पास आ कर उन्होंने अरथी का स्पर्श किया। इस पर ढोने वाले रुक गये। ईसा ने कहा, ”युवक! मैं तुम से कहता हूँ, उठो“। मुर्दा उठ बैठा और बोलने लगा। ईसा ने उसको उसकी माँ को सौंप दिया। सब लोग विस्मित हो गये और यह कहते हुए ईश्वर की महिमा करते रहे, ”हमारे बीच महान् नबी उत्पन्न हुए हैं और ईश्वर ने अपनी प्रजा की सुध ली है“।
-यह प्रभु का सुसमाचार है।
सब: ख्रीस्त की जय।
सुसमाचार: लूकस 8:40-42, 49-56अगुआ: संत लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार।
जब ईसा लौटे, तो लोगों ने उनका स्वागत किया, क्योंकि सभी उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे। उस समय सभागृह का जैरूस नामक अधिकारी आया और ईसा को दण्डवत् कर उन से अनुनय-विनय करता रहा कि वह उसके यहाँ चलने की कृपा करें, क्योंकि उसकी लगभग बारह बरस की इकलौती बेटी मरने पर थी। वे उसके साथ चले। ...
ईसा चल ही रहे थे कि सभागृह के अधिकारी के यहाँ से कोई यह कहने आया, ”आपकी बेटी मर गयी है। अब आप गुरूवर को कष्ट न दीजिए।“ किन्तु यह सुन कर ईसा ने उस से कहा, ”डरिए नहीं। बस, विश्वास कीजिए और वह चंगी हो जायेगी।“ उन्होंने घर पहुँच कर पेत्रुस, योहन तथा याकूब और लड़की के माता-पिता के सिवा किसी को अपने साथ अन्दर नहीं जाने दिया। सब रो रहे थे और उसके लिए विलाप कर रहे थे। ईसा ने कहा, ”मत रोओ! वह नहीं मरी, सो रही है“। वे उनकी हँसी उड़ाते रहे, क्योंकि वे भली-भाँति यह जानते थे कि वह मर गयी है। ईसा ने उसका हाथ पकड़ कर पुकारा, ”ओ लड़की! उठो!“ उसके प्राण लौट आये और वह उसी क्षण उठ खड़ी हो गयी। ईसा ने उसे कुछ खिलाने को कहा। उसके माता-पिता दंग रह गये, किन्तु ईसा ने आदेश दिया कि वे इस घटना की चर्चा किसी से नहीं करें।
-यह प्रभु का सुसमाचार है।
सब: ख्रीस्त की जय।
अगुआ: मेरी आत्मा! प्रभु को धन्य कहो।
मेरे अन्तरतम! उसके पवित्र नाम की स्तुति करो।
सब: मेरी आत्मा! प्रभु को धन्य कहो
और उसका एक भी वरदान कभी नहीं भुलाओ।
अगुआ: वह तेरे सभी अपराध क्षमा करता
और तेरी सारी दुर्बलताएँ दूर करता है।
सब: वह तुझे सर्वनाश से बचाता
और दया और अनुकम्पा से संभालता है।
अगुआ: वह जीवन भर तुझे सुख-शान्ति प्रदान करता
और तुझे गरूड़ की तरह चिरंजीवी बनाता है।
सब: प्रभु न्यायपूर्वक शासन करता
और सब पददलितों का पक्ष लेता है।
अगुआ: उसने मूसा को अपने मार्ग दिखाये
और इस्राएल को अपने महान् कार्य।
सब: प्रभु दया और अनुकम्पा से परिपूर्ण हैं;
वह सहनशील और अत्यन्त प्रेममय है।
अगुआ: वह सदा दोष नहीं देता
और चिरकाल तक क्रोध नहीं करता।
सब: वह न तो हमारे पापों के अुनसार
हमारे साथ व्यवहार करता
और न हमारे अपराधों के अनुसार हमें दण्ड देता है।
अगुआ: आकाश पृथ्वी के ऊपर जितना ऊँचा है,
उतना महान है, अपने भक्तों के प्रति प्रभु का प्रेम।
सब: पूर्व पश्चिम से जितना दूर है,
प्रभु हमारे पापों को हम से उतना ही दूर कर देता है।
अगुआ: पिता जिस तरह अपने पुत्रों पर दया करता है,
प्रभु उसी तरह अपने भक्तों पर दया करता है,
सब: क्योंकि वह जानता है कि हम किस चीज के बने हैं;
उसे याद रहता है कि हम मिट्टी हैं।
अगुआ: मनुष्य के दिन घास की तरह हैं
वह खेत के फूल की तरह खिलता है।
सब: हवा का झोंका लगते ही वह चला जाता है
और फिर कभी नहीं दिखाई देता है।
अगुआ: किन्तु प्रभु-भक्तों के लिए उसकी कृपा
और उनके पुत्र-पौत्रों के लिए उसकी न्यायप्रियता
सदा-सर्वदा बनी रहती है,
सब: उनके लिए, जो उसके विधान पर चलते हैं,
जो उसकी आज्ञाएँ याद कर उनका पालन करते हैं।
अगुआ: प्रभु ने स्वर्ग में अपना सिंहासन स्थापित किया है।
वह विश्वमण्डल का शासन करता है।
सब: प्रभु के शक्तिशाली दूतो!
तुम सब जो उसकी वाणी सुनते ही
उसकी आज्ञाओं का पालन करते हो,
प्रभु को धन्य कहो।
अगुआ: विश्वमण्डल! प्रभु को धन्य कहो।
प्रभु के आज्ञाकारी सेवको! प्रभु को धन्य कहो।
सब: प्रभु की समस्त कृतियो!
उसके राज्य में सर्वत्र प्रभु को धन्य कहो।
मेरी आत्मा! प्रभु को धन्य कहो।
अगुआ: पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
सब: जैसे वह आदि में थी, अब है
और अनन्त काल तक सदा रहेगी। आमेन।
अगुआ: हे प्रभु, हम इस मृत विश्वासी के जीवन के लिए तथा उन्हें प्राप्त हरेक वरदान के लिए तुझे धन्यवाद देते हैं। इस व्यक्ति के द्वारा लोगों को प्राप्त वरदानों के लिए हम तेरी प्रशंसा करते हैं। इन के पापों और अपराधों के लिए हम तुझ से माफी माँगते हैं। अपने परम प्रिय पुत्र, हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त के क्रूसमरण तथा पुनरुत्थान की योग्यता से इन्हें तेरी मुक्ति प्राप्त हो। हम यह प्रार्थना करते हैं, हमारे प्रभु ख्रीस्त के द्वारा।
सब: आमेन।
आजा प्रभु येसु मेरे
देने इस आत्मा को शाँति।
सबके मसीह प्रभु येसु
दे दे, दास की आत्मा को शाँति।
इस भू जीवन में प्रभुवर
गर कमियाँ रह गयीं हैं तो-2
सब को क्षमा कर येसु मेरे
करुणा दया का धनी तू।
मांगो दिया जायेगा
तेरे सत्य वचन ये हैं येसु-2
तेरे निवास में रहने की इनकी
याचना सुनले प्रभुवर।
अगुआ: हे भाइयो और बहनो, हम जीवन और मृत्यु के प्रभु ईश्वर के समक्ष हमारे निवेदन प्रस्तुत करें और कहें: हे प्रभु इस मृत विश्वासी की आत्मा को अनन्त शांति प्रदान कर।
सब: हे प्रभु, इस मृत विश्वासी की आत्मा को अनन्त शांति प्रदान कर।
अगुआ: हमारे मृत भाई (बहन) के पापों को क्षमा कर उन्हें परलोक में तेरे दर्शन करने की कृपा प्रदान कर।
सब: हे प्रभु, इस मृत विश्वासी की आत्मा को अनन्त शांति प्रदान कर।
अगुआ: इस मृत विश्वासी के परिजनों को सांत्वना प्रदान कर ताकि वे तुझ में आशा रख सकें।
सब: हे प्रभु, इस मृत विश्वासी की आत्मा को अनन्त शांति प्रदान कर।
अगुआ: सभी मृत विश्वासियों की आत्माओं पर दया दिखा और उन्हें पापों की क्षमा और स्वर्गभाग्य प्रदान कर।
सब: हे प्रभु, इस मृत विश्वासी की आत्मा को अनन्त शांति प्रदान कर।
अगुआ: शोधकस्थल की आत्माओं पर दया दिखा और उनको जल्द ही तेरे दर्शन करने की कृपा प्रदान कर।
सब: हे प्रभु, इस मृत विश्वासी की आत्मा को अनन्त शांति प्रदान कर।
अगुआ: हमें जीवन की क्षणभंगुरता की शिक्षा दे ताकि हम दुनियावी मोहमाया में न फसें बल्कि स्वर्ग पहुँच कर तेरे वास्तविक दर्शन पाने के लिए तरसते रहें।
सब: हे प्रभु, इस मृत विश्वासी की आत्मा को अनन्त शांति प्रदान कर।
अगुआ: तू पुनरुत्थान और जीवन है। जो तुझ में विश्वास करता है, उसे अनन्त जीवन प्राप्त होता है। तेरे इस पुत्र (तेरी इस पुत्री) की आत्मा को ग्रहण कर, उसे अपने पवित्र लहू से धोकर स्वर्ग में प्रवेश करने के योग्य बना। तू जो युगानुयुग जीता और राज्य करता है।
सब: आमेन।
अगुआ: आईए हम सब मिल कर ईश्वर के समक्ष इस आत्मा को समर्पित करते हुए वही प्रार्थना दोहरायें जिसे हमारे भाई (हमारी बहन) ने अपने जीवन काल में कई बार दोहराया था। हे पिता हमारे ...
सब: जो स्वर्ग में है, तेरा नाम पवित्र किया जाये, तेरा राज्य आवे, तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में है, वैसे इस पृथ्वी पर भी होवे। हमारे प्रतिदिन का आहार आज हमें दे, और हमारे अपराध हमें क्षमा कर, जैसे हम भी अपने अपराधियों को क्षमा करते हैं, हमें परीक्षा में न डाल, परन्तु बुराई से बचा। आमेन।
अगुआ: हे प्रभु ईश्वर, नाईन की विधवा पर तरस खा कर तूने उसके पुत्र को जिलाया था। इस मृत विश्वासी के परिजनों को अपनी सांत्वना प्रदान कर। इन्हें यह वर दे कि ये तेरे वचनों पर विश्वास रख कर अपने जीवन में तेरी इच्छा की खोज करें और एक दिन तेरे दर्शन कर पायें। हमारे प्रभु ख्रीस्त के द्वारा।
सब: आमेन।
अगुआ: हे जीवन और मृत्यु के प्रभु, जब तक गेंहूँ का दाना मिटटी में गिर कर नहीं मर जाता, तब तक वह अकेला ही रहता है; परंतु यदि वह मर जाता है, तो बहुत फल देता है। तेरी इच्छा है कि हमारा शरीर मृत्यु के द्वारा अनश्वरता प्राप्त करे। मृत्यु जीवन का विनाश नहीं, विकास है। (आज) तूने हमारे भाई (हमारी बहन) को इस लोक से अपने यहाँ बुला लिया है। इन्हें हर पाप और कलंक से शुध्द कर अंतिम न्याय के दिन तेरे दाहिने उपस्थित रहने तथा तेरे संतों के लिए तैयार निवास स्थान में प्रवेश करने की कृपा दे। यह तेरे संतों, शहीदों और स्वर्गदूतों के साथ अनन्त काल तक तेरी स्तुति कर सके। हमारे प्रभु ख्रीस्त के द्वारा।
सब: आमेन
अगुआ: मृत विश्वासी ईश्वर की दया से स्वर्ग का अनन्त सुख प्राप्त करें।
सब: आमेन।
(पुरोहित या उपयाजक पवित्र जल छिडकते हैं)