अगुआ : उन्होंने अपने शिष्यों से कहा; ’’मानव पुत्र को बहुत दुःख उठाना होगा; नेताओं, महायाजकों और शास्त्रियों द्वारा ठुकराया जाना, मार डाला जाना और तीसरे दिन जी उठना होगा।’’ इसके बाद ईसा ने सबों से कहा, ’’यदि कोई मेरा अनुसरण करना चाहे तो वह आत्मत्याग करे और प्रतिदिन अपना क्रूस उठाकर मेरे पीछे हो ले,’’ (सन्त लूकस 9:22-23)।
(सब इस अंश पर कुछ देर मनन् करते हैं)
अगुआ : हे दयालु येसु, आपने मुझसे इतना प्रेम किया कि मेरे पापों के कारण स्वयं दुःख उठाकर क्रूस पर मर गये। इसी तरह आपने मुझे नरक से बचाया।
सब : दया करके मुझे वह शक्ति प्रदान करें कि मैं आपके पवित्र क्रूस-मार्ग के दुःखों की याद करते ही, अपने पापों पर पश्चाताप कर सकूँ। मैं भविष्य में उनसे बचने के दृढ़ संकल्प भी कर सकूँ। मैं आपका शिष्य होने के नाते, अपना क्रूस अर्थात मेरे दैनिक जीवन के छोटे-मोटे शारीरिक कष्ट, मानसिक क्लेष और अपमान आदि खुशी के साथ झेल सकूँ।
अगुआ : हे येसु की दुःखमयी माता -
सब : हमारे लिए प्रार्थना कर।
सबों का जो न्याय करते
बड़ी गरीबी से सुनते।
अपने मरने का हुक्म।
अगुआ : हे ख्रीस्त ! हम आपकी आराधना करते और आपको धन्य मानते हैं।
सब : क्योंकि आपने अपने पवित्र दुःखभोग, मरण एवं पुनरूत्थान द्वारा दुनिया को बचाया है
अगुआ : पिलातुस जानते हुए भी कि येसु बिलकुल निर्दोष है, बड़े अन्याय के साथ उन्हें उनके शत्रुओं के हाथों इसलिए सौंप देता है कि वे अपनी इच्छानुसार उन्हें क्रूस पर चढावें। (मनन्)
सब : हे भले येसु ! मुझे अनन्त जीवन दिलाने हेतु, आपने क्रूस पर अन्यायपूर्ण प्राणदण्ड़ की आज्ञा ग्रहण की। आपके इस प्रेम के लिए मैं आपको सारे हृदय से धन्यवाद देता हूँ।
अगुआ : मृत विश्वासी परमेश्वर की दया से स्वर्ग का अनन्त सुख प्राप्त करें।
सब : आमेन।
मुक्ति देने लिये हमें
येसु अपने ही कंधे पर
उठा लेते भारी क्रूस।
अगुआ : हे ख्रीस्त................
अगुआ : सिपाही लोग येसु की हँसी उड़ाकर उनके लिए एक भारी क्रूस ले आते हैं। येसु अपने हाथ बढाकर उसे ग्रहण करते हैं। कोड़ों की चोटों से उनका शरीर थक चुका था। कमजोर होते हुए भी वे क्रूस अपने कन्धे पर रखकर क्रूस-यात्रा शुरू करते हैं। (मनन्)
सब : हे येसु, मेरे गुरू ! आपने कहा, ’’यदि कोई मेरा अनुसरण करना चाहे, तो वह आत्मत्याग करे और अपना क्रूस उठा कर मेरे पीछे हो ले,’’ (सं. मार. 8, 32)। मैं आपका शिष्य होना चाहता हूँ। मैं आत्मत्याग और दुःखों का क्रूस धीरज के साथ ढो सकूँ।
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
भारी वज़न के मारे
कलवारी जब पधारे
येसु गिरते भूमि पर
अगुआ : हे ख्रीस्त................
अगुआ : क्रूस ढ़ोते-ढ़ोते येसु कलवारी पहाड़ी की ओर बढ़ते हैं। लेकिन येसु काँटों के मुकुट तथा कोड़ों की मार की चोटों से निकले लहू के कारण कमजोर हो जाते हैं। थक कर वे भूमि पर गिर पड़ते है। (मनन्)
सब : हे निर्दोष येसु, मेरे कारण, मुझे पाप से बचाने के लिए आपने इतने दुःख सहे। आप क्रूस के बोझ से उतने नहीं जितने मनुष्यों के असंख्य पापों के बोझ से थक कर नीचे गिर पड़े । मैं भी आप के खातिर अपने दुःखों का बोझ उठाऊँगा। आपकी आज्ञाओं का मधुर जुआ मैं साहस पूर्वक ढो सकूँ। आमेन।
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
उठके उन्होंने रास्ता लिया
तो उनसे मिली मरियम
दोनों को कैसा दरद।
अगुआ : हे ख्रीस्त ................
अगुआ : उठ कर येसु फिर क्रूस ढोने लगते हैं। धीरे-धीरे वे उस जगह पहुँचते हैं जहाँ सड़क के किनारे खड़ी उनकी पवित्र माता उनकी राह देख रही थी। वे आपस में बात तो नहीं कर सकते, किन्तु फिर भी अपना दुःख एक दूसरे पर प्रकट कर देते हैं। (मनन्)
सब : हे दुःखमयी माता मरियम ! मुझे अपने समान दुःख में भी, येसु का अनुसरण करना सिखाईये। सुखों के साथ, उनके कारण होने वाले दुःखों को भी, मैं सहर्ष स्वीकार कर सकूँ। प्रणाम मरियम..................।
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
जाते को योद्धे जब देखते
बेगी बेगारी पकड़ते
कि येसु को दे मदद।
अगुआ : हे ख्रीस्त................
अगुआ : येसु इतने निर्बल हो गये हैं, कि क्रूस का बोझ अकेले नहीं ढ़ो सकते। किन्तु उनकी सहायता करने को कोई भी तैयारी नहीं हैं। सिपाही लोग यह सोच कर कि भारी थकावट व निर्बलता के कारण येसु मार्ग में ही न मरें, सिमोन नामक किरीन-निवासी, जो अपने खेत से लौट रहा था, पकड़ लेते हैं कि येसु का क्रूस उठाकर ले चले। (मनन्)
सब : हे प्रभु येसु, मुझे सिखाईये कि कुड़कुड़ाकर नहीं, बल्कि धीरज के साथ मुझे आपके नाम के कारण आये दुःख सहना हैं। हे पिता हमारे..................।
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
वेरोनिका आ निकलती
येसु को अंगोछा देती
पोंछने लिए उनका मुँह।
अगुआ : हे ख्रीस्त................
अगुआ : यह देखकर कि येसु का पवित्र मुख लहू-लुहान हो गया है, रास्ता चलती वेरोनिका नामक एक धार्मिक स्त्री दयापूर्वक उन्हें अपने पास का तौलिया देती है। उसे ग्रहण कर येसु उससे अपना रक्त-रंजित चेहरा पोंछते ही, उसमें अपने पवित्र मुख का रूप छाप देते है। (मनन्)
सब : हे मसीह, स्नान-संस्कार में मैंने आपको धारण किया है। मुझ पर आपकी एक अमिट छाप है। आपने मुझ पर पवि़त्र आत्मा की मुहर लगाई है, (देखिए एफे. 1,13)। मुझे साहस एवं शक्ति दीजिए कि इस बुलावे के अनुसार मैं विनम्रता, सौम्यता तथा सहनशीलता का आचरण कर सकूँ। आमेन।
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
रगों से लहू टपकता
तो यूं चलते ही मूर्छाता
येसु गिरते दूसरी बार।
अगुआ : हे ख्रीस्त ................
अगुआ : कोड़ों की मार एवं मुकुट के काँटों के छेदन से काफी लहू बह चुका था। क्रूस का वज़न भी अधिक था। अतः प्रभु येसु बहुत निर्बल हो कर थक चुके थे। सैनिक लोग उधर उन्हें रास्ते में मारते जाते व ढकेलते हैं कि वे जल्दी पहुँच सकें। येसु ठोकर खाकर पुनः धरती पर गिर पड़ते हैं। (मनन्)
सब : हे प्रभु येसु, सैनिक लोग आपको सड़क पर गिरा देखकर भी दया नहीं करते, बल्कि लात मारते और क्रूस उठवाते हैं। मैं ठीक-ठीक जानता हूँ कि मेरे कारण, मेरे बार-बार पाप करने के कारण आपको इतना दुःख व निंदा सहनी पड़ती है। क्षमा कीजिए। हे प्रभु, क्षमा कीजिए।
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
कोई जनी रास्ते जाती
येसु को दुःखों में पाती
और कलपती उन्हीं पर।
अगुआ : हे ख्रीस्त................
अगुआ : प्रभु येसु को क्रूस ढ़ोने में असह्य दुःख होते देख, शहर की कुछ धार्मिक स्त्रियाँ उनके लिये रोने व कलपने लगती हैं। येसु यह जानकर कि येरूसालेम के निवासी अपने अविश्वास के कारण कुछ ही वर्षों में नष्ट हो जायेंगे, उन स्त्रियों से कहते हैं, ’’ हे येरूसालेम की बेटियों, मेरे लिए मत रोओ। परन्तु अपने लिए और अपने बच्चों के लिए रोओ।’’ (मनन्)
सब : हे दयालु येसु, मैं आपके दुःखभोग और अपने पापों पर रोता हूँ। मुझे क्षमा प्रदान कीजिए, क्योंकि ’’नीरोगों को नहीं, रोगियों को वैद्य की जरूरत होती है।’’ आप मुझ जैसे पापियों को ही बुलाने आये, (देखिये मत्ती 9,12-13)
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
येसु तीसरी बारी गिरते
आगे उन्हें ठेलते-ठेलते
योद्धे चढ़ते टेकरी पर।
अगुआ : हे ख्रीस्त................
अगुआ : प्रभु येसु क्रूस ढ़ोते-ढ़ोते इतने निर्बल हो जाते हैं कि वे पुनः तीसरी बार क्रूस के नीचे गिरते हैं। सिपाही मार-मार कर उनसे क्रूस उठवाते हैं और कलवारी पहाड़ी की ओर ले जाते हैं। (मनन्)
सब : हे सर्वशक्तिमान् प्रभु, आप इतने निर्बल क्यों हो गये कि अपना क्रूस नहीं उठा सके और भूमि पर फिर गिर पड़े ? हाय! यह सब मेरे पापों के कारण हुआ, जिनका बदला आपने देना चाहा। मैं घुटने टेक कर आपसे क्षमा माँगता हूँ।
अगुआ : हे प्रभु दया कर।
सब : हम पर दया कर।
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
कलवारी तक पहुँच के
येसु के कपड़ों को खींच के
उतारते हैं जंगली लोग।
अगुआ : हे ख्रीस्त................
अगुआ : कलवारी टेकड़ी पर पहुँच कर सैनिक लोग येसु को क्रूस पर ठोंकने की तैयारी करते हैं। उनके पवित्र शरीर के घावों से चिपके हुए कपड़ों को वे निर्दयतापूर्वक जोर से खींच लेते हैं और येसु को असह्य कष्ट से छटपटाते हुए देखकर उनकी हँसी उड़ाते हैं। (मनन्)
सब : हे प्रेमी येसु ! बपतिस्मा संस्कार में मैंने आपको ओढ़ लिया हैं। अपने समान मुझमें भी पाप से घृणा और ईश्वर का प्रेम भर दीजिए कि मुझमें मैं नहीं, आप ही जीवित रहें।
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
लकड़ी में अब ठोका हो
येसु स्वर्गीय पिता को
चढ़ाते अपना बदन।
अगुआ : हे ख्रीस्त................
अगुआ : येसु के कपडे़ उतार कर सैनिक लोग उन्हें क्रूस पर लेटा देते हैं। उनके हाथ-पाँव में कीले ठोक कर उन्हें वे क्रूस पर टँगा देते हैं। येसु मनुष्यों की मुक्ति के लिए अपने सनातन पिता के चरणों में अपने दुःखमय अंगों को समर्पित करते हैं। (मनन्)
सब : हे मुक्तिदाता ! आपने कहा था, ’’जब मैं पृथ्वी से ऊपर उठाया जाऊँगा तब सब को अपने पास खीचूँगा,’’। बहुत से लोग न तो आपको अब तक जानते ही हैं और न आप से प्रेम ही करते हैं। कृपया उन्हें भी अपनी ओर खींच लें ताकि वे आपके क्रूस के पुण्य-फलों के भागी होकर अनन्त सुख प्राप्त कर सकें।
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
तीन ही घण्टे टँगा रहके
अपने दुश्मनों को क्षमा दे
येसु छोड़ते अपनी जान।
अगुआ : हे ख्रीस्त................
अगुआ : क्रूस पर लटके हुए प्रभु येसु बहुत कष्ट उठा रहे हैं। उनका थका हुआ सिर काँटों के मुकुट के कारण जरा भी आराम नहीं पाता तथा हाथ-पाँव में लगे हुए कीले खूब जलते हैं। क्रूस के नीचे उनके शत्रु उनकी हँसी उड़ाते हैं। तीन घंटों के बाद, अपने स्वर्गीय पिता को अपने प्राण समर्पित करके येसु सिर झुका कर मर जाते हैं। (मनन्)
सब : प्रभु येसु, आपने मनुष्यों के लिए सब कुछ दे ड़ाला, यहाँ तक की अपने प्राण भी। आपने अपने शत्रुओं को भी क्षमा दी। कृपया मुझे भी परमेश्वर की इच्छा अपने जीवन के अन्त तक पूरी करने का साहस और अपने प्राण आपके चरणों मे अर्पण करके मरने का अवसर प्रदान कीजिए।
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
येसु को चेले उतारते
और भक्ताई से अराधते
जिसकी गद्दी माँ की गोद
अगुआ : हे ख्रीस्त................
अगुआ : प्रभु येसु के मरने के बाद, एक सिपाही भाले से उनकी बगल छेद देता है और तुरन्त लहू और पानी बहने लगता है। फिर यूसुफ और निकोदेमुस नामक येसु के दो शिष्य उनकी पवित्र लाश क्रूस पर से उतार कर मरियम की गोद में रख देते हैं। (मनन्)
सब : हे स्वर्गीय पिता ! तेरे पुत्र के क्रूस पर टँगाये जाने पर उनकी माँ मरियम उनके निकट उनके दुःख में दुःख सहती खड़ी थी। तेरी कलीसिया मसीह के दुःखभोग और मरण में भागी होकर उनके पुनरूत्थान की सहभगिनी बन जाये। उन्हीं प्रभु येसु के द्वारा। आमेन।
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
माता के हाथों में से ले
येसु को देते हैं चेले
नयी पथरीली कबर।
अगुआ : हे ख्रीस्त................
अगुआ : कुँवारी मरियम और कुछ शिष्य येसु की पवित्र लाश को दफन के लिये तैयार करते हैं। वे उसे छालटी के कफन में लपेटते हैं। और पास वाले बाग में ले जाकर एक चट्टान की खुदी हुई कब्र में रख देते हैं। तब कब्र के मुहँ पर एक बड़ा सा पत्थर लुढका कर सब शोकाकुल हो चले जाते हैं। (मनन्)
सब : हे विजयी येसु ! आपका शरीर केवल तीन ही दिन कब्र में रहा। तब आप अपार महिमा में जी उठे। इस प्रकार मानव-जाति का मुक्तिकार्य अर्थात् आपका दुःखभोग, मरण एवं पुनरूत्थान पूर्ण हुआ। बपतिस्मा द्वारा आपने मुझे इस रहस्य में आध्यात्मिक सहभागिता प्रदान कीजिए। आमेन।
अगुआ : मृत विश्वासी......................।
हे प्रभु येसु, हमारे लिए आपने बहुत दुःख सहा। हम आपको धन्यवाद देते हैं। पापों से दूर रहकर और सेवा कार्य करते हुए हम भी आपको और एक दूसरे को प्यार करने की कोशिष करेंगे। मदद करें प्रभु और हमारे प्रयत्नों पर आशिष दें।
(संत पिता के मनोरथ के लिये एवं पापियों के मनफिराव के लिये हम प्रार्थना करें: ’’हे पिता हमारे,’’ ’’प्रणाम मरियम’’ और ’’पिता और पुत्र.....’’।)